तेज गेंदबाज का सबसे बड़ा हथियार रिवर्स स्विंग माना जाता है, जो बल्लेबाजों के लिए घातक साबित होता है। ज्यादातर टीमें ऐसे तेज गेंदबाजों को तरजीह देती हैं जो विरोधी टीम के टॉप क्रम के बल्लेबाजों को जल्द आउट कर सकें। नई गेंद से तेज गेंदबाजों को परंपरागत स्विंग मिलती है, जिससे उन्हें बल्लेबाजों को आउट करने में मदद मिलती है। लेकिन असली चुनौती तब होती है जब गेंद पुरानी हो जाती है।
परंपरागत स्विंग को अच्छे बल्लेबाज आसानी से खेल लेते हैं, लेकिन रिवर्स स्विंग को खेलना बड़े से बड़े बल्लेबाज के लिए भी आसान नहीं होता है। परंपरागत स्विंग में गेंद शाइन के दूसरी दिशा में स्विंग करती है, लेकिन रिवर्स स्विंग तब होती है जब गेंद पुरानी और रफ हो जाती है। तब गेंद की चमक वाली दिशा में गेंद घूमती है। रिवर्स स्विंग में गेंद बल्लेबाज की दिशा में तो बहुत ज्यादा घूमती ही है, बल्कि लेट मूवमेंट के कारण भी बल्लेबाजों को रिवर्स स्विंग से परेशानी होती है।
रिवर्स स्विंग के लिए सबसे जरुरी होता है कि गेंद पुरानी और रफ हो। इसलिए ज्यादातर ये टेस्ट मैचों में या फिर वनडे मैचों के आखिर के ओवरों में होता है। रिवर्स स्विंग करने के लिए जो प्रतिभा चाहिए वो दुनिया के कुछ ही तेज गेंदबाजों के पास है। वसीम अकरम, जहीर खान, ग्लेन मैक्ग्रा और शेन बॉन्ड जैसे कुछ ही तेज गेंदबाज थे जिन्हें रिवर्स स्विंग में महारत हासिल थी।
यहां पर हमने उन 4 तेंज गेंदबाजों की लिस्ट निकाली है जो आधुनिक क्रिकेट में रिवर्स स्विंग के बेहतरीन गेंदबाज हैं।
आधुनिक क्रिकेट के 4 बेहतरीन रिवर्स स्विंग गेंदबाज
4.वहाब रियाज (पाकिस्तान)
वहाब रियाज के पास तेजी भी है और रिवर्स स्विंग भी वो काफी अच्छा करते हैं। 140 किलोमीटर प्रति घंटे के ऊपर से भी गेंद फेंकने वाले पाकिस्तान के इस स्पीडस्टार ने फरवरी 2008 में जिम्बॉब्वे के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने अपना टी-20 डेब्यू किया था। इसके कुछ साल बाद रियाज को पाकिस्तान की तरफ से पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला।
2010 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में ही वहाब रियाज ने अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया। उन्होंने मैच में 5 विकेट लेकर बता दिया कि वे कोई मामुली गेंदबाज नहीं हैं। हालांकि चोट के कारण वो उस साल क्रिकेट से दूर हो गए। 2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में भारत के खिलाफ 5 विकेट लेकर उन्होंने जोरदार वापसी की। इसके बाद 2015 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में खासकर शेन वॉटसन को की गई गेंदबाजी ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया।
3.मोहम्मद शमी (इंडिया)
भारत के पेस अटैक में मोहम्मद शमी ऐसे तेज गेंदबाज हैं जो नई गेंद से भी स्विंग करा सकते हैं और और पुरानी गेंद से भी बेहतरीन स्विंग कराते हैं। इससे भारतीय टीम में तेज गेंदबाजों की अहमियत और बढ़ जाती है। वो लगातार 140 से ऊपर की गेंदबाजी कर सकते हैं।
इस दिग्गज खिलाड़ी ने 2013 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू किया था। घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ मैच में शामिल किया गया और वो चयनकर्ताओं के फैसले पर खरे उतरे। अपने पहले ही वनडे मैच में शमी ने 9 ओवरों में से 4 ओवर मेडन डाले और महज 23 रन देकर 1 विकेट लिया।
2015 का वर्ल्ड कप शमी के लिए बेहद शानदार रहा। शमी ने वर्ल्ड कप में 7 मैचों में 17 विकेट लिए। वो भारत की तरफ से दूसरे और पूरे टूर्नामेंट में 5वें सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। पाकिस्तान के खिलाफ 35 रन देकर 4 विकेट उनका बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन रहा।
2. मिचेल स्टॉर्क (ऑस्ट्रेलिया)
लंबे कद के ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टॉर्क आधुनिक क्रिकेट के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज हैं। स्टॉर्क की तेजी से गेंदबाजी करने की क्षमता उन्हें औरों से अलग करती है। स्टॉर्क की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वो तेज गेंद फेंकने के अलावा स्विंग भी काफी अच्छा करते हैं और बेहतरीन यॉर्कर डालते हैं।
उनके टीम में होने से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी को काफी मजबूती मिलती है। 2010 में भारत के खिलाफ स्टॉर्क ने अपना वनडे डेब्यू किया। इसके बाद से उन्होंने लगातार अच्छी गेंदबाजी की। 2015 का वर्ल्ड कप उनके लिए बेहद खास रहा। ऑस्ट्रेलियाई टीम में उन्हें मुख्य गेंदबाज के तौर पर शामिल किया गया और उन्होंने टीम मैनेजमेंट के फैसले को सही साबित किया। पूरे टूर्नामेंट में स्टॉर्क ने अपनी गेंदबाजी से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को परेशान किया।
टूर्नामेंट की शुरुआत के साथ ही स्टॉर्क की विविधता भरी गेंदबाजी और स्विंग की वजह से बल्लेबाजों को उन्हें खेलना मुश्किल हो गया। 2015 का क्रिकेट वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा और स्टॉर्क को उनकी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द् टूर्नामेंट चुना गया।
1.जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड)
बिना किसी शक के जेम्स एंडरसन इंग्लैंड के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज हैं। स्विंग गेंदबाजी में एंडरसन को महारत हासिल है। लगभग एक दशक से एंडरसन इंग्लैंड की गेंदबाजी की धुरी बने हुए हैं। उन्होंने 2003 में जिम्बॉब्वे के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था और अपने पहले ही टेस्ट में 5 विकेट चटकाकर इंग्लिश टीम को जीत दिलाई थी।
इसके बाद से ही जेम्स एंडरसन पूरी दुनिया में अपनी बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी की वजह से छाए रहे हैं। अपनी स्विंग, लाइनलेंथ और अनुशासित भरी गेंदबाजी की वजह से वो टेस्ट के बेस्ट गेंदबाज रहे हैं। चोट के कारण एंडरसन का करियर प्रभावित भी हुआ। लेकिन उनकी गेंदबाजी में कोई कमी नहीं आई। टेस्ट मैचों में 600 विकेट लेने वाले वो दुनिया के पहले तेज गेंदबाज हैं।