ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के 5 महानतम तेज गेंदबाज

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ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज हमेशा से ही खेल में आक्रामक रूप अख्तियार किए रखते हैं। क्रिकेट जगत में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों का विरोधी बल्लेबाजों को स्लेज करने से अधिकांश लोग वाकिफ हैं। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का बल्लेबाजों को स्लेज करना काफी कारगर भी साबित होता आया है, क्योंकि वह बल्लेबाज को उकसाकर विकेट चटका लेते हैं। बाएं हाथ के गेंदबाज और बल्लेबाज हमेशा से ही क्रिकेट के विरोधाभास रहे हैं। उन्होंने खेल का नजरिया कुछ बदला। जिस गति के साथ बाएं हाथ के गेंदबाज गेंद करते हैं और जहां उनकी गेंद को फेंकते हैं उसका सामना करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। तेज गेंदबाज होने के साथ आक्रामकता के संतुलन के कारण वह काफी कौशलपूर्ण और बड़े मनोरंजक होते हैं। आइए नजर डालते हैं ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष 5 बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों पर :


बिल जॉन्सटन

अपनी दोहरा क्षमता बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी और धीमी गेंदबाजी करने के लिए लोकप्रिय बिल जॉन्सटन ऑस्ट्रेलिया के महानतम बाएं हाथ के गेंदबाजों में से एक हैं। भारत के खिलाफ 1947 में टेस्ट डेब्यू करने के बाद उन्होंने सिर्फ 2.07 की इकॉनोमी से 75 पारियों में कुल 160 विकेट लिए। जॉन्सटन का ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्हें अपने 100 विकेट पूरे करने में सिर्फ चार वर्ष ही लगे। अपने करियर के जब वह शीर्ष पर थे, तब उनके घुटने में चोट लग गई। वह नए एक्शन के साथ वापस लौटे, लेकिन वह पहले की तरह घातक गेंदबाज नहीं दिखे। इसके चलते उन्होंने 1955 में संन्यास ले लिया। वह 1949 में विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर बने। हम सिर्फ कल्पना ही कर पाते कि अगर वह लगातार खेलते रहते तो कितने रिकॉर्ड्स अपने नाम करते। एलन डेविडसन allan davidson एलन ने खुद का परिचय अपने प्रदर्शन के साथ दिया। ऑस्ट्रेलिया ने जब 1957-58 में दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया तो एलन ने दौरे पर 72 विकेट और चार शतक जमाए। अगले पांच वर्षों में वह नई गेंद से बल्लेबाजों के लिए बड़ा खौफ बन गए तथा निचले मध्य-क्रम के खतरनाक बल्लेबाज भी बने। चोटों से घिरे रहने वाले डेविडसन ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जब 1960-61 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने लोकप्रिय टेस्ट मैच खेला। तब उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए सर्वश्रेष्ठ 80 रन बनाए और कप्तान रिची बेनो के साथ साझेदारी भी की। इसके अलावा दोनों पारियों में उन्होंने 135/5 और 87/6 विकेट भी लिए। एलन ने 1959 में भारत का दौरा किया और 6 टेस्ट में 15.77 की औसत से कुल 30 विकेट लिए। क्रिकेट में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए एलन डेविडसन को 2011 में आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। ब्रूस रीड bruce लंबे कद के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ब्रूस रीड ने अपना पदार्पण मर्व ह्यूज और ज्योफ मार्श के साथ 1985-86 किया जब ऑस्ट्रेलिया का समय सही नहीं चल रहा था औ वह इंग्लैंड के खिलाफ 1900-91 मेलबर्न में शानदार प्रदर्शन के कारण चमके थे, जहां उन्होंने 13 विकेट लिए थे। उनमें दाएं हाथ के बल्लेबाज को सीधी गेंद फेंकने की काबिलियत थी। वह थोड़ी स्विंग और नैसर्गिक बाउंस हासिल करके बल्लेबाज को परेशान करना जानते थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजी स्तर को बहुत ऊंचाई दिलाई, लेकिन उनके करियर पर चोट का ग्रहण लग गया। रीड इसके बाद 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट से पहले भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी कोच बने। मिचेल जॉनसन johnson दिसंबर 2005 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने वाले मिचेल जॉनसन के लिए वर्ष 2013-14 करियर के लिए शानदार रहा। उन्होंने मजबूत विरोधी टीमों के खिलाफ 8 टेस्ट में 15.23 की औसत से 59 विकेट लिए। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 3।33 की औसत से 313 विकेट लिए। जॉनसन अपनी तेज गेंदबाजी के साथ आक्रामकता के लिए काफी लोकप्रिय थे। वह अपनी भावनाएं दिखाने में कभी नहीं शर्माते थे और अधिकांश विरोधीयों के साथ विवाद में फंसते थे। वह स्लेजिंग करने में भी माहिर थे। 34 वर्षीय जॉनसन ने 17 नवंबर 2015 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इसका कारण उन्होंने अपनी पुरानी चमक को खोना बताया। संन्यास के बाद उन्होंने कहा, 'मैं अपने फैसले से बहुत खुश हूं और मैं अपने पुराने दिनों की भूख को खोने लगा था, इसलिए ऐसा फैसला लिया।' मिचेल स्टार्क CRICKET-SRI-AUS आधुनिक युग के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक मिचेल स्टार्क ने जॉनसन की काफी हद तक भरपाई की है। 2010 में पदार्पण करने के बाद वह सीमित ओवरों के नियमित सदस्य हैं। स्टार्क ने सबसे अधिक चर्चा 2015 विश्व कप के दौरान हासिल की जब उनकी इनस्विंगर्स ने बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। उन्होंने 10.18 की औसत से 22 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने। टेस्ट में पहले स्टार्क को ज्यादा मौका नहीं मिला था, लेकिन जब 2015 में उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला तो वह चोटिल हो गए। वह फिर मैदान पर लौटे और श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में दो टेस्ट में 17 विकेट ले चुके हैं। वह अब तक 232 अंतरराष्ट्रीय विकेट ले चुके हैं। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ने दर्शाया कि वह निचले मध्यक्रम में भी उपयोगी योगदान दे सकते हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे प्रतिभावान गेंदबाजों में से एक हैं।