लंबे कद के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ब्रूस रीड ने अपना पदार्पण मर्व ह्यूज और ज्योफ मार्श के साथ 1985-86 किया जब ऑस्ट्रेलिया का समय सही नहीं चल रहा था औ वह इंग्लैंड के खिलाफ 1900-91 मेलबर्न में शानदार प्रदर्शन के कारण चमके थे, जहां उन्होंने 13 विकेट लिए थे। उनमें दाएं हाथ के बल्लेबाज को सीधी गेंद फेंकने की काबिलियत थी। वह थोड़ी स्विंग और नैसर्गिक बाउंस हासिल करके बल्लेबाज को परेशान करना जानते थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजी स्तर को बहुत ऊंचाई दिलाई, लेकिन उनके करियर पर चोट का ग्रहण लग गया। रीड इसके बाद 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट से पहले भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी कोच बने।
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