साल 1999 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपना दूसरा क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था, लेकिन अगर वनडे में व्यक्तिगत रिकॉर्ड की बात करें तो कई अन्य टीम के खिलाड़ियों ने अपना दबदबा बनाया था। चाहे हम गेंदबाज़ी या बल्लेबाज़ी की बात करें, 1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के बीच एशिया की टीमों ने ज़्यादा वनडे मैच खेला था इस लिए इन टीमों के खिलाड़ियों का रिकॉर्ड बाक़ी क्रिकेटरों से कहीं बेहतर रहा है। इस फ़ेहरिस्त में श्रीलंका और भारत के 2-2 खिलाड़ियों को नाम शामिल है और ये ताज्जुब की बात नहीं कि इस लिस्ट में दोनों एशियाई टीम के सलामी बल्लेबाज़ों ने जगह बनाई है। यहां हम उन टॉप बल्लेबाज़ों के बारे में जानेंगे जिन्होंने 1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के बीच सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं, इस लिस्ट में एक दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेटर भी शामिल हैं जो विश्व के महानतम ऑलराउंडर हैं।
#5 जैक्स कालिस (दक्षिण अफ़्रीका) - 3476 रन
क्रिकेट इतिहास में जैक्स कालिस एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने वनडे और टेस्ट दोनों में 10 हज़ार से ज़्यादा रन और 250 से ज़्यादा विकेट हासिल किए हैं। 1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के दौरान भी उनके करियर का ग्राफ़ बढ़ता रहा था। इस दौरान कालिस ने ख़ुद को नंबर 3 के पोजीशन पर स्थापित कर लिया और आज उनकी गिनती विश्व के बेहरीन हरफ़नमौला खिलाड़ी के रूप में की जाती है। इस दौरान उन्होंने 96 वनडे मैच खेले थे और 45.73 की औसत से 3476 रन बनाए थे। हांलाकि इन मैचों में उन्होंने सिर्फ़ 3 शतक लगाए लेकिन उनहोंने 26 अर्धशतक भी बनाए थे। हांलाकि उनका स्ट्राइक रेट इस दौरान 71 से कम था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से दक्षिणअफ़्रीकी टीम को कई मौक़ों पर मज़बूती दी थी। इन 4 सालों के दौरान उन्हें 9 बार मैन ऑफ़ द मैच से नवाज़ा गया था। इससे साबित होता है कि कालिस प्रोटियाज़ टीम के लिए कितने अहम खिलाड़ी रहे हैं।
#4 सचिन तेंदुलकर (भारत) – 3492 रन
सचिन तेंदुलकर ने हमेशा रिकॉर्ड बुक में अपनी जगह बनाई है, 1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के बीच उनका रिकॉर्ड काफ़ी बेहतर हुआ था। इस दौरान उन्होंने चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी की थी। उन्हें चोट की वजह से कई बार वनडे से आराम दिया गया था। साल 2001 में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुई त्रिकोणीय सीरीज़ के दौरान उनके पैर की उंगलियों में चोट लग गई थी। इसके अलवा साल 2002 में वो जांघ और हैम्सट्रिंग में चोट की वजह से ज़िम्बाब्वे और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सीरीज़ से बाहर थे। इन मुश्किलों के बावजूद भारत के मास्टर ब्लास्टर ने चोट से उबरने के बाद अपना बेस्ट दिया। इस दौरान उन्होंने 85 मैच खेले और 47.18 की औसत से 3492 रन बनाए। ये औसत इस लिस्ट में शामिल 5 बल्लेबाज़ों में सबसे बेहतर है। इस दौरान उन्होंने 11 शतक लगाए, जिसमें न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 186 रन की शानदार पारी शामिल है। क़रीब 10 साल तक ये उनके करियर का सबसे बड़ा निजी स्कोर था। साल 2010 में उन्होंने दक्षिणअफ़्रीका के ख़िलाफ़ नबाद 200 रन की पारी खेली थे। वनडे मैच में 200 रन बनाने वाले वो दुनिया के पहले खिलाड़ी बने थे।
#3 मार्वन अट्टापट्टू (श्रीलंका) - 3797 रन
श्रीलंका के मार्वन अट्टापट्टू को क्रिकेट इतिहास में सबसे स्टाइलिश ओपनर्स में गिना जाता रहा है। 1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के बीच उन्होंने 106 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने शानदार 3797 रन बनाए, जिसमें 6 शतक और 28 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उनका सर्वाधिक निजी स्कोर 123 रन था जो उन्होंने दक्षिणअफ़्रीका के ख़िलाफ़ बनाया था और 5 मैचों की वनडे सीरीज़ में श्रीलंका को एकमात्र जीत दिलाई थी। उन्होंने ये साबित किया कि वो महान बल्लेबाज़ सनथ जयसूर्या के एक आदर्श साझेदार हैं जो दूसरे छोर से विपक्षी टीम के छक्के छुड़ा देते हैं। तो वो अपने विकेट को हमेशा बचाने में महिर रहे हैं, इन 4 सालों के दौरान उनका स्ट्राइक रेट 67 था। वो ओपनिंग के दौरान ये कोशिश करते थे कि उनकी टीम को एक अच्छी शुरुआत मिले। अट्टापट्टू ने अपने पूरे वनडे करियर में 20 बार मैच ऑफ़ द मैच अवॉर्ड हासिल किया है जिसमें 10 अवॉर्ड्स इन 4 सालों के दौरान मिले हैं।
#2 सनथ जयसूर्या (श्रीलंका) - 3891 रन
श्रीलंका के सनथ जयसूर्या वनडे इतिहास के धाकड़ खिलाड़ी रहे हैं। 1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के बीच उन्होंने अपने करियर को दोबारा नई ऊंचाई दी, क्योंकि करीब 2 साल तक वो शतक लगाने में नाकाम रहे थे। साल 2000 में उन्होंने इस नाकामी के सिलसिले को तोड़ते हुए जून 2000 में ढाका में भारत के ख़िलाफ़ 105 रन की पारी खेली। भारत पहले भी जयसूर्या के ख़ौफ़ से रू-ब-रू हुआ था जब उन्होंने टीम इंडिया के ख़िलाफ़ 189 रन की पारी खेली थी। साल 2003 के वर्ल्ड कप में वो ज़बरदस्त फ़ॉम में थे। इस टूर्नामेंट में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 122 रन की पारी खेली थी और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भी शतक बनाया था। 2003 के वर्ल्ड कप से ठीक पहले उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ में 106 और 99 रन बनाए थे। 1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के बीच जयसूर्या ने 104 वनडे मैच खेले हैं 38.52 की औसत और 89.10 के स्ट्राइक रेट से 3891 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 8 शतक और 23 अर्धशतक लगाए हैं।
#1 सौरव गांगुली (भारत)- 4367 रन
1999 वर्ल्ड कप से 2003 वर्ल्ड कप के बीच का वक़्त सौरव गांगुली के लिए बतौर खिलाड़ी और बतौर कप्तान एक गोल्डन पीरियड था। उस दौरान गांगुली को एक बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता था। उन्होंने अपने आक्रामक कप्तानी की बदौलत टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। 1999 वर्ल्ड कप में उनका प्रदर्शन ज़बरदस्त रहा था, सिर्फ़ 7 मैचों में उन्होंने 379 रन बनाए। उन्होंने भारत की कप्तानी उस वक़्त हासिल की थी जब भारतीय क्रिकेट मैच फ़िक्सिंग की बदनामी झेल रहा था। इन 4 सालों के दौरान उन्होंने 112 वनडे मैच में 42.81 की औसत और 78.89 के स्ट्राइक रेट से 4367 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 12 शतक और 24 अर्धशतक लगाए हैं। इस दौरान उन्होंने शाहिद आफ़रीदी, एडम गिलक्रिस्ट और जयसूर्या को पछाड़ते हुए सबसे ज़्यादा बाउंड्री लगाई जिसमें 457 चौके और 91 छक्के शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने कई बड़ी पारियां खेली जिसमें न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ग्वालियर में 153 की पारी को शायद ही कोई भूल सकता है। लेखक- प्रांजल मेच अनुवाद – शारिक़ुल होदा