श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया का सफ़ाया किया। भारत ने न्यूज़ीलैंड का सफ़ाया किया। न्यूज़ीलैंड ने पाकिस्तान का सफ़ाया किया, जिसे बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी पाकिस्तान को क्लीन स्वीप किया और लगता है श्रीलंका का भी सफ़ाया हो सकता है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ में 2-0 से आगे है, बस तीसरा और आख़िरी मैच बाकी है।
किसी टीम की आलोचना करने का यह सही वक्त नहीं क्योंकि ज्यादातर टीम घरेलु मैदान पर बेहतरीन प्रदर्शन करते है लेकिन केवल कुछ ही टीम ऐसी है जो घर से बाहर विदेशी धरती पर भी बेहतरीन प्रदर्शन कर पायी है वह भी विपरीत परिस्थितियों में। मसलन दक्षिण अफ्रीका की टीम ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर उसके ही ख़िलाफ़ सीरीज़ अपने नाम किया लेकिन वह भी शायद इसलिए क्योंकि दक्षिण अफ्रीका की परिस्थिति भी कमोबेश ऑस्ट्रेलिया जैसी ही है।
प्रोटियाज़ का रिकॉर्ड बहुत ही बेहतरीन तो नहीं रहा है लेकिन घर से बाहर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमों में से वह एक है। आंकड़े बताते है कि पाकिस्तान का प्रदर्शन घर पर भी अच्छा नहीं रहा। वहीं दुबई सबके लिए समान रहा है। वैसे भी दुबई पहले से ही न्युट्रल जगह के लिए जानी जाती है और अगर दुबई के मैदान छोड़ दिए जाए तो पाकिस्तान का प्रदर्शन विदेशी धरती पर ख़राब ही रहा है।
आइये नज़र डालते है बेहतरीन टॉप-5 टीम जिन्होंने पिछले पांच साल में घरेलु मैदान से बाहर शानदार खेल का प्रदर्शन किया है।
#1 दक्षिण अफ्रीका
कई कारण ऐसे है जिनपर ग़ौर करे तो पता चलता है कि दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज़ विदेशी मैदानों पर क्यों बेहतरीन प्रदर्शन कर पाते है। ग्रीम स्मिथ के नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में दक्षिण अफ्रीका की टीम अपराजित रही है। दक्षिण अफ्रीका ने घर से बाहर क़रीब 33.82 प्रति विकेट की औसत से प्रदर्शन किया है जो भारत से थोड़ा बेहतर ही औसत है।
दक्षिण अफ्रीका का रन रेट प्रति ओवर 2.92 है जो भारत, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका की तुलना में काफी कम है। घरेलु मैदान पर दक्षिण अफ्रीका का औसत 39.19 है, जो ऑस्ट्रेलिया और भारत के बाद तीसरा बेहतर औसत है। दक्षिण अफ्रीका ने विदेशी मैदान पर घरेलु मैदान की तुलना में क़रीब 5.13 रन के औसत से बुरा प्रदर्शन किया है।
वहीं अगर दुबई के मैदान को छोड़ दिया जाए तो विदेशी मैदान पर घरेलु मैदान की तुलना में भारत के लिए अंतर 8 रन का और ऑस्ट्रेलिया के लिए 16 रन का है हालांकि दोनों टीमों ने यहां बेहतर प्रदर्शन भी नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर दुबई में दक्षिण अफ्रीका का औसत 33.26 के साथ काफी सम्मानजनक रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने पिछले पांच साल में दो टेस्ट खेले है। बहरहाल पिछले पांच साल में विदेशी धरती पर दक्षिण अफ्रीका ने 9 टेस्ट मैच जीते है और पांच मैच हारे है जोकि बहुत ही अच्छा प्रदर्शन है।
#2 भारत
ऐसा माना जाता है कि भारत की बल्लेबाज़ी बहुत अच्छी है और पिछले कुछ सालों में युवा बल्लेबाज़ों ने अपने प्रदर्शन से साबित भी कर दिया है वह अपने सीनियर बल्लेबाज़ों की कमी को पूरा कर सकते है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा। भारत ने पहले दो टेस्ट गंवा दिए लेकिन बाद के दो टेस्ट ड्रॉ करने में सफल भी रहे।
विदेशी घरती पर भारत की कमज़ोरी उसकी गेंदबाज़ी रही है जो बाहर के मैदानों पर बेहतर नहीं दिखती है। भारत से बाहर टीम इंडिया का औसत 32.45 है। ऑस्ट्रेलिया का औसत भी क़रीब इतना ही है। भारत ने विदेशी मैदान पर 23 टेस्ट मैच में 10 गंवाए है और केवल पांच टेस्ट अपने नाम किए है। लेकिन इसकी वज़ह टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी नहीं है वह भी ख़ासकर दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिय और वेस्टइंडीज के दौरों पर तो बिल्कुल नहीं।
घरेलु मैदान पर भारत का औसत 40.81 रहा है। घरेलु मैदान पर टीम इंडिया को हरा पाना असंभव सा है। लेकिन विदेशी घरती पर ऐसा प्रदर्शन नहीं हो पाता है। हालांकि टीम इंडिया ने पिछले 18 महीने में दो टेस्ट सीरीज़ श्रीलंका और वेस्टइंडीज़ के मैदान पर अपने नाम करने में सफल रही है।
#3 ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया का अपने घरेलु मैदानों पर बेहतर प्रदर्शन रहा है जबकि हाल के दिनों में विदेशी मैदानों पर संघर्ष करते हुए दिखाई दिए है। पिछले कुछ सालों में ऑस्ट्रेलिया को एशिया में दो क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है। एक भारत (0-4) से और दूसरा युवा और अनुभवहीन श्रीलंका (0-3) की टीम से। यही नहीं ऑस्ट्रेलिया ने पिछला ऐशज़ सीरीज भी गंवाया है।
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले पांच साल में यूएई के अलावा विदेशी धरती पर 31.68 की औसत से 27 टेस्ट मैच खेले जिनमें से 10 टेस्ट अपने नाम किए तो 14 टेस्ट गंवाए भी। और अगर यूएई में हारे दो टेस्ट को जोड़ा जाए तो टीम का औसत 25.65 हो जाता है जो सात टेस्ट टीमों की तुलना में छठे नंबर का औसत है जो ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छा आंकड़ा नहीं माना जा सकता।
विदेशी धरती पर ऑस्ट्रेलिया का औसत तब बेहतर हुआ जब उन्होंने वेस्टइंडीज़ का दौरा किया। जहां उन्होंने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। वहीं अगर बात घरेलु मैदान पर प्रदर्शन की हो तो ऑस्ट्रेलिया एक दम अलग टीम नज़र आती है। घरेलु मैदान पर टीम का औसत 29 टेस्ट मैच में 47.83 रहा है। पिछले पांच साल में घर से बाहर ऑस्ट्रेलिया ने 52 पारियां खेली है जबकि इंग्लैंड ने सबसे ज्यादा 55 पारियां खेली है।
हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया का अपने उपमहाद्वीप नें प्रदर्शन काफी निराशा जनक रहा है। दक्षिण अफ्रीका में ऑस्ट्रेलिया 2-1 से सीरीज़ अपने नाम की लेकिन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पिछले दो ऐशज़ सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है।
#4 श्रीलंका
इंग्लैंड से एक कदम आगे, श्रीलंका का पिछले पांच साल में विदेशी मैदान पर औसत 31.41 का रहा है। दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बाद इस औसत में कमी आई है क्योंकि इस दौरे पर उन्हें दो हार का सामना करना पड़ा।
विदेशी धरती पर खेले गए 18 टेस्ट मैच में से श्रीलंका ने 4 मैच जीते जबकि 11 मैच में हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की तुलना में हम श्रीलंका को लिस्ट में इसलिए बेहतर मान रहे है क्योंकि अगर यूएई में हुए श्रीलंका के मैच को जोड़ा जाए तो इंग्लैंड से बेहतर औसत (41.13) हो जाता है क्योंकि यूएई में श्रीलंका ने 3 टेस्ट में से एक मैच जीता तो एक मैच में गंवाया।
यही नहीं, इसके बाद विदेशी मैदान पर खेले गए मैचों में श्रीलंका का कुल औसत इंग्लैंड से भी बेहतर हो जाता है। श्रीलंका का घरेलु मैदान पर औसत (32.06) जो विदेशी मैदान के औसत क़रीब बराबर ही है। इसलिए श्रीलंका के हार-जीत का औसत बहुत प्रभावी नहीं दिखता है। श्रीलंका ने घरेलु मैदान पर पिछले पांच साल में 24 टेस्ट मैच 13 पर जीत हासिल की जबकि 7 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
#5 इंग्लैंड
यूएई में खेले गए मैच को छोड़ दिया जाए तो विदेशी धरती पर पिछले पांच साल में इंग्लैंड ने 31.21 की औसत से प्रदर्शन किया है और अगर यूएई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 6 मैचों में इंग्लैंड प्रदर्शन को भी जोड़ लिया जाए तो इंग्लैंड का औसत (25.06) और कम हो जाता है जो कि पिछले पांच साल में किसी टीम का सबसे कम का औसत है।
पिछले पांच साल में 55 पारियों के दौरान इंग्लैंड का औसत 2.98 आरपीओ के साथ 31.21 रहा। और घर से बाहर खेले गए 28 मैच में से 14 में हार का सामना करना पड़ा तो वहीं 7 मैच अपने नाम किए। यूएई में खेले गए 6 मैच में से इंग्लैंड 5 मैच हारा और केवल एक जीत से संतोष ही करना पड़ा। ये और भी रोचक है कि इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी उनके घरेलु मैदान पर भी बहुत बेहतर नहीं रही है। इसकी वज़ह से घरेलु मैदान पर इंग्लैंड का औसत 36.43 है जो लिस्ट के हिसाब से पांच देशों के औसत से नीचे है और अगर यूएई के प्रदर्शन को जोड़ ले को इंग्लैंड का औसत पाकिस्तान से भी ख़राब हो जाता है।
घरेलु मैदान पर इंग्लैंड का ये बुरा औसत दर्शाता है कि घरेलु मैदान पर इंग्लैंड के जीत का आंकड़ा भी ख़राब है। इंग्लैंड अपने घरेलु मैदान पर 2 जीत पर एक हार के हिसाब से पिछले पांच साल में 18 मैच जीते और 9 टेस्ट मैच हारे। जो कि बाकि देशों की तुलना में पांचवे नंबर पर है।