क्रिकेट को समझऩे औऱ जानने वालों के लिए डेविड वॉर्नर कोई नया नाम नहींं न ही किसी परिचय के मोहताज हैं। उनकी आक्रामक और सधी हुई बल्लेबाजी हर फार्मेट में उन्हे टॉप पर बनाए रखने के लिए काफी है। इस साल अब तक खेल प्रेमियों को वॉर्नर का शानदार खेल देखने को मिला है। एक साल में 7 एकदिवसीय मैचों में शतक के मामले में वॉर्नर, सचिन के बाद दूसरे नम्बर पर ही हैं। 2016 में दक्षिण अफ्रीका की टीम का आस्ट्रेलिया दौर कई मायनो में कंगारूओ के लिए एक बुरे सपने की तरह साबित होने वाला है,जो सालो तक भूल पाना संम्भव नहीं होगा। आस्ट्रेलिया एक के बाद एक करके पहले 4 मैच हार गई और आखिरी मैच में भी 328 रन के स्कोर का पीछा करना था। 0-5 की शर्मनाक हार से बचने के लिए ऐसी स्थिति में जब टीम की इज्ज़त दांव पर थी औऱ टीम के कोई भी खिलाड़ी मैदान पर साथ नहीं दे पा रहे थे, वॉर्नर इकलौते ऐसै खिलाड़ी थे जिन्होंने टीम को शर्मनाक हार से बचाने की कोशिश की। शानदार और धुंआधार 173 रन भी लेकिन टीम को हार से नहीं बचा पाए। डेविड वॉर्नर के बेहतरीन शतक के बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने पांचवें और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 31 रन से हराकर सीरीज़ 5-0 से जीतकर क्लीनस्वीप किया। वॉर्नर ने 136 गेंद में 173 रन की पारी खेली लेकिन उन्हें दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिला जिससे आस्ट्रेलिया की टीम 296 रन पर सिमट गई। हार के बावजूद वॉर्नर को मैन ऑफ द मैच चुना गया। वॉर्नर ने इस श्रृंखला में कुल 386 रन बनाए जो किसी भी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज द्वारा पांच या उससे कम मैचों की श्रृंखला में बनाए गए सर्वाधिक रन हैं।