कप्तान के तौर पर धोनी के 5 बड़े फैसले

JOHANNESBURG, SOUTH AFRICA - SEPTEMBER 24:  The Indian Team celebrate their win with Misbah-ul-Haq looking on after the Twenty20 Championship Final match between Pakistan and India at The Wanderers Stadium on September 24, 2007 in Johannesburg, South Africa.  (Photo by Hamish Blair/Getty Images)
4. पाकिस्तान के खिलाफ बॉल आउट
DURBAN, SOUTH AFRICA - SEPTEMBER 14:  India celebrate as Shahid Afridi of Pakistan misses the stumps in a bowl off giving victory to India after the match was tied at the end of both teams innings, during the ICC Twenty20 Cricket World Championship match between India and Pakistan at Kingsmead on September 14, 2007 in Durban, South Africa.  (Photo by Hamish Blair/Getty Images)

2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के मैच चल रहे थे। भारत और पाकिस्तान के बीच पहला मुकाबला बेहद रोमांचक रहा और मैच टाई हो गया। अब मैच का फैसला बॉल आउट से होना था। बॉल आउट में हर टीम के 3 खिलाड़ियों को स्टंप को हिट करना था, हालांकि फुटबाल की तरह इस दौरान गेंद और विकेट के बीच कोई बल्लेबाज नहीं रहता था। ज्यादा बार विकेट हिट करने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता। पाकिस्तान ने जहां अपने सबसे 3 बेहतरीन गेंदबाजों को विकेट पर हिट मारने की जिम्मेदारी सौंपी तो वहीं कप्तान धोनी ने लीक से हटकर फैसला लिया। धोनी ने नियमित गेंदबाजों की बजाय सहवाग, रॉबिन उथप्पा और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों से गेंद करवाया। कप्तान धोनी की ये चाल काम कर गई। भारत के तीनों ही गेंदबाजों ने विकेट उखाड़ दिया, लेकिन पाकिस्तान का कोई भी गेंदबाज विकेट को छू तक नहीं सका। धोनी का मानना था कि ऐसे हालात में तेज गेंदबाजी की अपेक्षा धीमी गति के गेंदबाज ज्यादा कारगर साबित होते हैं।

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