2013 में इंग्लैंड में दुनिया की 8 बेस्ट क्रिकेट टीमों के बीच चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जंग हो रही थी। बड़ी-बड़ी टीमों को हराते हुए भारतीय टीम कप्तान धोनी की अगुवाई में फाइनल तक पहुंच चुकी थी। फाइनल में भारत का मुकाबला मेजबान इंग्लैंड से था। बारिश की वजह से मैच 20-20 ओवरों का हो रहा था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 129 रन बनाए जो कि इंग्लैंड जैसी बल्लेबाजी के सामने काफी कम स्कोर था। लेकिन कप्तान धोनी ने इंग्लिश टीम पर अपने स्पिनरों के साथ मिलकर जवाबी हमला बोल दिया। इंग्लिश बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों को खेलने में काफी दिक्कत हो रही थी लेकिन वो तेज गेंदबाज इशांत शर्मा की जमकर धुनाई कर रहे थे।18वें ओवर में जब मैच रोमांचक मोड़ पर था और इंग्लैंड की जीत पक्की लग रही थी उस समय धोनी ने अच्छी गेंदबाजी कर रहे स्पिनरों की बजाय महंगे साबित हो रहे इशांत को गेंद थमा थी। धोनी के इस फैसले से भारतीय फैंस काफी निराश हुए सबको लगा कि भारतीय टीम अब ये मैच हार जाएगी। लेकिन इशांत ने अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और उसी ओवर में इयान मोर्गन और रवि बोपारा के विकेट चटका दिए। दोनों ही बल्लेबाज टिककर खेल रहे थे और काफी खतरनाक लग रहे थे। लेकिन इशांत ने इस साझेदारी को तोड़कर भारतीय टीम को मैच में वापस ला दिया। इसके बाद इंग्लिश टीम पर दबाव बढ़ गया और धोनी ने आखिर के 2 ओवर स्पिनरों से करवाकर इंग्लिश बल्लेबाजों की मुश्किलें और बढ़ा दीं। भारतीय स्पिनरों ने आखिरी 2 ओवरों में शानदार गेंदबाजी करते हुए भारतीय टीम को 2 विकेट से जीत दिला दी। इस तरह से कप्तान धोनी ने अपने एक और फैसले से चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के साथ ही लोगों का दिल भी जीत लिया।