5 तेज़ गेंदबाज़ जो काफ़ी लंबे रन-अप से गेंदबाज़ी करते थे

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आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि सबसे लंबे रन-अप के साथ गेंदबाज़ी करने का विश्व कीर्तिमान वैसे तो किसी पेशेवर क्रिकेटर के नाम नहीं है। बल्कि ये रिकॉर्ड एक 43 वर्षीय वित्त सलाहकार का है, जो दो बच्चों के बाप हैं। इयान बिडी ने 2.6 मिल लंबे रन-अप के साथ 2015 में एक प्रदर्शनी मैच में गेंदबाज़ी की थी। एक तेज़ गेंदबाज़ जब तेज़ी से दौड़ता हुआ क्रीज़ की तरफ़ आता है, तो ये देखना किसी भी बल्लेबाज़ के लिए सुखद नहीं होता। लेकिन एक दर्शक और क्रिकेट प्रेमी को ये काफ़ी भाता है। हालांकि अब तेज़ गेंदबाज़ छोटे रन-अप के साथ गेंदबाज़ी करना पसंद करते हैं। हम आपके सामने एक ऐसी फ़ेहरिस्त लेकर आए हैं, जिसमें कई ऐसे गेंदबाज़ हैं जिनका नाम सुनकर ही पुरानी यादें ताज़ा हो जाती हैं। एक नज़र 5 महान तेज़ गेंदबाज़ों पर जिनका रन-अप भी था लंबा #1 माइकल होल्डिंग क्रिकेट इतिहास के महान तेज़ गेंदबाज़ों में शुमार माइकल होल्डिंग तेज़ गेंदबाज़ी के साथ साथ अपने लंबे रन-अप के लिए भी मशहूर थे। 1979 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एडिलेड में खेले जा रहे मुक़ाबले में उनका रन-अप इतना लंबा था कि मानो वह साइट स्क्रीन के पास से गेंदबाज़ी करने आ रहे हों। होल्डिंग को 'व्हिस्परिंग डेथ' के नाम से भी जाना जाता था, वह इतनी तेज़ी से दौड़ते हुए आते थे कि बल्लेबाज़ को समझने का मौक़ा भा नहीं मिलता था। लंबे कद के होल्डिंग अपनी लंबाई का फ़ायदा उठाते हुए पिच से काफ़ी उछाल हासिल करते थे। वेस्टइंडीज़ क्रिकेट में वह उन ख़तरनाक गेंदबाज़ों की फ़ेहरिस्त में शामिल थे, जिनके नाम से डर लगता था। होल्डिंग उस टीम का हिस्सा रहे जिसमें एंडी रॉबर्ट, मैलकॉम मार्शल और जोएल गार्नर भी शामिल थे। #2 डेनिस लिली dennis-lillee-1470289773-800 अगर आप पुराने वक़्त के तेज़ गेंदबाज़ों को याद करें तो ऑस्ट्रेलिया के इस महान तेज़ गेंदबाज़ को नहीं भूल सकते। ऑस्ट्रेलिया का ये तेज़ गेंदबाज़ अपनी बेहतरीन ऑउटस्विंगर के लिए मशहूर थे, बेहद तेज़ गेंद करने वाले लिली का रन-अप भी लंबा था। 1971 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट में डेब्यू करने वाले डेनिस लिली ने आते ही अपनी छाप छोड़ दी थी, उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 84 रनों पर 5 शिकार किए थे। 1972 ऐशेज़ सीरीज़ तक लिली बेहद ख़तरनाक गेंदबाज़ के तौर पर सामने आ चुके थे, जब उन्होंने 17.67 की औसत से 32 विकेट झटके थे। लिली 1974-75 में अपने बेहतरीन फ़ॉर्म में थे, जब वह जेफ़ थॉमसन के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज़ गेंदबाज़ों की रीढ़ थे। तब मशहूर इंग्लिश अख़बार 'द सनडे टेलीग्राफ़' का एक स्लोगन बेहद हिट हुआ था जिसमें लिखा गया था, "Ashes to ashes, dust to dust, if Thomson don't get ya, Lillee must." #3 सर वेसली विन्फ़ील्ड हॉल wes-hall-1470289794-800 बारबोडस के लंबे तेज़ गेंदबाज़ वेस हॉल को याद किया जाता था उनके वंबे रन-अप के लिए। उनके बारे में एक रोचक बात ये भी थी कि वह पहले एक बल्लेबाज़ और विकेटकीपर हुआ किया करते थे, काफ़ी बाद में उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ी में करियर को चुना। 1959 में भारत के ख़िलाफ़ डेब्यू करते हुए हॉल ने शानदार प्रदर्शन किया था और 2 टेस्ट मैचों में 11 विकेट झटकते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने आगमन का संदेश दे दिया था। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अगली ही सीरीज़ में हैट्रिक हासिल कर ली थी। हॉल, इसके बाद वेस्टइंडीज़ के प्रमुख गेंदबाज़ बन गए थे, और उनका लंबा रन-अप इतना मशहूर था कि संन्यास लेने के बाद जब उन्हें सिनेटर बनाया गया तो उन्होंने कहा था, "आपको लगता है कि मेरा रन-अप काफ़ी लंबा था, तो अब आपको मेरे भाषण सुनने चाहिए।'' #4 बॉब विलीस bob-willis-1470289818-800 1970 के दशक में इंग्लैंड के मुख्य गेंदबाज़ और तेज़ गेंदबाज़ी के सिरमौर माने जाने वाले बॉब विलीस को दुनिया आज भी लंबे रन-अप वाला तेज़ गेंदबाज़ के नाम से जाना जाता है। इंग्लैंड के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर मौजूद विलीस के नाम 325 टेस्ट विकेट हैं। विलीस ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 899 विकेट झटके थे, इस तेज़ गेंदबाज़ ने 18 टेस्ट और 28 वनडे में इंग्लैंड की कप्तानी भी की थी। 1976-77 में भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ में इस गेंदबाज़ ने कुल 32 विकेट झटके थे। 1977 की ऐशेज़ सीरीज़ के पहले मैच में बॉब विलीस ने 78 रन देकर 7 विकेट हासिल किए थे और उस सीरीज़ में उन्हें कुल 27 विकेट मिले थे। जिसके बाद विलीस को 1978 में विस्डेन क्रिकेटर ऑफ़ द इयर से भी नवाज़ा गया था। #5 शोएब अख़्तर shoaib-akhtar-1470289890-800 अपनी रफ़्तार के लिए मशहूर पाकिस्तान का ये तेज़ गेंदबाज़ आधुनिक युग के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों में शुमार है। शोएब अख़्तर को 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से भी जाना जाता है। अख़्तर भी काफ़ी लंबे रन-अप के साथ गेंदबाज़ी किया करते थे, जिसकी बदौलत उन्हें रफ़्तार भी मिलती थी। 2003 वर्ल्डकप के दौरान उन्होंने क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज़ गेंद डाली थी, जो 161.3 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दर्ज की गई थी। 2005 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में इस तेज़ गेंदबाज़ ने कुल 17 विकेट झटकते हुए इंग्लिश टीम को तहस नहस कर दिया था। अख़्तर जब अपने शबाब पर होते थे, तो उनके बाउंसर के सामने अच्छे से अच्छे बल्लेबाज़ों का होश फ़ाख़्ता हो जाता था। कई बल्लेबाज़ शोएब अख़्तर की गेंद पर चोटिल हुए हैं, उन्हें लंबे रन-अप के साथ तेज़ी से दौड़ते हुए देखना और फिर गोली की रफ़्तार से बल्लेबाज़ की ओर गेंद डालते हुए देखना शानदार था। हालांकि इस तेज़ गेंदबाज़ का करियर चोट और अनुशासनहीनता की वजह से ज़्यादा लंबा नहीं चल पाया, शोएब की दूसरी पारी बतौर क्रिकेट कॉमेंटटेर भी शानदार चल रही है।

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