क्रिकेट में गेंदबाज़ों के ऐक्शन को लेकर विवाद होना कोई नई बात नहीं है। अक्सर कई गेंदबाज़ों को मैच के दौरान संदिग्ध ऐक्शन की वजह से चेतावनी दी गई, तो कभी नो बॉल का भी इशारा किया गया। ऑस्ट्रेलिया में मुथैया मुरलीधरण की ऐक्शन पर तो अंपायर डैरल हेयर ने लगातार नो बॉल देते हुए एक विवाद को ही जन्म दे दिया था। मुरलीधरण का नो बॉल प्रकरण आज भी सभी के ज़ेहन में ज़िंदा है। हालांकि अब नियम में थोड़ा बदलाव करते हुए गेंदबाज़ 15 डिग्री के कोण तक की छूट दे दी गई है। फिरकी गेंदबाज़ों को अपनी गेंदबाज़ी ऐक्शन को लेकर बहुत परेशानी होती रहती है। एक स्पिनर बल्लेबाज़ को परेशान करने के लिए कई तरीक़े की तरकीब करने की कोशिश करता है। अपने वक़्त के मशहूर ऑफ़ स्पिनर सक़लैन मुश्ताक़ ने तो एक नई गेंद ही इजाद कर दी थी, जिसका नाम 'दूसरा' पड़ा था। दूसरा किसी ऑफ़ स्पिनर की वह गेंद होती है जो दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए अंदर आने की बजाए बाहर निकल जाती है। इस गेंद को करने के लिए गेंदबाज़ों को अपनी कोहनी कुछ ज़्यादा ही मोड़नी पड़ती है जिससे संदिग्ध गेंदबाज़ी का आरोप लगने का ख़तरा बना रहता है। आपके सामने 5 गेंदबाज़ों की फ़ेहरिस्त है, जिनके ऐक्शन को संदिग्ध माना जाता है: #5 मार्लन सैमुअल्स
वेस्टइंडीज़ के इस लंबे ऑफ़ स्पिनर का गेंदबाज़ी ऐक्शन दूसरों से काफ़ी अलग है। सैमुअल्स गेंदबाज़ी करने आते हैं तो लगता है कि वह डांस कर रहे हैं और फिर साइड ऑन गेंद डालते हैं। लेकिन सैमुअल्स की तेज़ गेंद ने उन्हें संदिग्ध बनाना दिया और फिर उनकी गेंदबाज़ी पर ICC ने बैन लगा दिया। सैमुअल्स का हाथ इस गेंद के लिए काफ़ी मुड़ जाता था लिहाज़ा उनकी गेंदबाज़ी पर रोक लगा दी गई। पहली बार सैमुअल्स पर 2008 में बैन लगा था, जिसके बाद क़रीब 3 सालों बाद उन्होंने नए ऐक्शन के साथ 2011 में फिर गेंदबाज़ी शुरू की। लेकिन 2013 में उन्हें फिर गेंदबाज़ी से निलंबित कर दिया गया। हालांकि तब वह ऑफ़ स्पिन कर सकते थे लेकिन तेज़ गेंदो पर बैन था। 2015 में उनका गेंदबाज़ी ऐक्शन एक बार और संदिग्ध पाया गया और फिर अब तक वह दोबारा गेंदबाज़ी नहीं कर पा रहे हैं। #4 जोहान बोथा
प्रोटियाज़ के ऑलराउंडर जोहान बोथा ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी करते थे और दूसरा भी डाला करते थे। बोथा को करियर के शुरूआत से ही संदिग्ध ऐक्शन के लिए कई बार चेतावनी मिली, 2006 से उनके ऐक्शन पर आईसीसी की पैनी नज़र थी। जिसके बाद उन्हें गेंदबाज़ी से रोक दिया गया। एक साल बाद 2007 में बोथा को एक बार फिर गेंदबाज़ी के लिए हरी झंडी मिल गई थी। लेतिक दो साल बाद एक बार फिर जोहान बोथा को तय सीमा से कहीं ज़्यादा कोहनी मोड़ने के लिए निलंबित कर दिया गया। ऐक्शन में सुधार के बाद उनपर से बैन हट गया, बोथा अभी भी कई टी20 लीग में खेलते हुए नज़र आते हैं। #3 मुथैया मुरलीधरण
श्रीलंका के इस दिग्गज स्पिनर के नाम टेस्ट और वनडे इतिहास में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल हैं। मुरलीधरण का करियर भी उनकी विकेट की ही तरह हमेशा सुर्खियों में रहा, ख़ास तौर से संदिग्ध गेंदबाज़ी ऐक्शन का आरोप उनपर कई बार लगा। 1995 में बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान डैरल हेयर ने उनपर थ्रो का आरोप लगाते हुए 3 ओवर में 7 बार उनकी गेंदो को नो बॉल करार दिया। जिसके बाद नाराज़ श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणातुंगे ने टीम के साथ मैदान से बाहर चले गए। नतीजा ये हुआ कि इसके बाद श्रीलंका के ख़िलाफ़ किसी मैच में डैरल हेयर अंपायरिंग करते हुए नज़र नहीं आए। मुरलीधरण के गेंदबाज़ी ऐक्शन पर 1996, 1999 और फिर उनके दूसरा पर 2004 में बैन लगा था। ऐसा कहा जाता है कि उस वक़्त सभी गेंदबाज़ सीमित सीमा से 5 डिग्री ज़्यादा का कोण बना रहे थे जिसके बाद आईसीसी ने इसे बढ़ा दिया और 15 डिग्री कर दिया। मुरलीधरण को इससे फ़ायदा हुआ और फिर उन्होंने टेस्ट करियर ख़त्म करते करते 800 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले और इकलौते गेंदबाज़ बन गए। #2 सईद अजमल
सक़लैन मुश्ताक़ के ऐक्शन से काफ़ी मिलता जुलता ऐक्शन था पाकिस्तान के एक और दिग्गज ऑफ़ स्पिनर सईद अजमल का। अजमल की गेंदबाज़ी बल्लेबाज़ों के लिए बुरे सपने जैसी हुआ करती थी। अजमल का डेब्यू 31 साल की उम्र में हुआ था, लेकिन उससे उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ा और सिर्फ़ 20 टेस्ट मैचो में 100 टेस्ट विकेट लेते हुए पाकिस्तान के सबसे तेज़ गेंदबाज़ बन गए। 2009 में पहली बार अजमल पर संदिग्ध गेंदबाज़ी ऐक्शन के लिए बैन लगा था लेकिन फिर आईसीसी उनपर से बैन हटा दिया था। इसके बाद अजमल ने 2009 टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के लिए शानदार गेंदबाज़ी करते हुए टीम को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया। 5 साल बाद 2014 में एक बार फिर सईद अजमल आईसीसी की नज़र में चढ़ गए, जिसके बाद टेस्ट में वह फ़ेल पाए गए और फिर अब तक वापसी नहीं कर पाए हैं। #1 सुनील नारेन
वेस्टइंडीज़ का ये टी20 स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ बल्लेबाज़ों को अपनी हर तरीक़े की गेंद पर नचाना जानता है। ऑफ़ स्पिन तो नारेन करते ही हैं साथ ही उनकी 'नकल' गेंद काफ़ी मशहूर है, जो दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए अंदर आने की बजाए बाहर की ओर निकलती है। नारेन टी20 में नंबर-1 गेंदबाज़ भी रह चुके हैं और आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स को दो बार उन्होंने चैंपियन भी बनाया है। 2014 चैंपियंस लीग टी20 के दौरान उन्हें संदिग्ध गेंदबाज़ी ऐक्शन के लिए निलंबित किया गया था। फ़ाइनल में उन्हें गेंदबाज़ी करने से भी बैन कर दिया गया था। नारेन ने अपने आपको वर्ल्डकप 2015 की वनडे टीम से बाहर कर लिया था, और फिर जब उन्होंने राष्ट्रीय टीम में दोबारा वापसी की तो आईसीसी ने एक बार फिर उनपर बैन लगा दिया। 2016 वर्ल्ड टी20 टीम में भी वह नहीं थे लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने गेंदबाज़ी ऐक्शन पर सुधार करते हुए दोबारा वापसी की और फिर वह सीमित ओवर टीम में वेस्टइंडीज़ का नियमित हिस्सा हैं। हालांकि ऐक्शन में सुधार करने के बाद सुनील नारेन की गेंदो में अब वह पैनापन और टर्न नहीं मिल पा रहा है। लेकिन हाल ही में अपने घर में खेले गए ट्राइंगुलर टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज़ के इस दाएं हाथ के स्टार स्पिनर ने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पारी में 6 विकेट भी झटके थे।