श्रीलंका के इस दिग्गज स्पिनर के नाम टेस्ट और वनडे इतिहास में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल हैं। मुरलीधरण का करियर भी उनकी विकेट की ही तरह हमेशा सुर्खियों में रहा, ख़ास तौर से संदिग्ध गेंदबाज़ी ऐक्शन का आरोप उनपर कई बार लगा। 1995 में बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान डैरल हेयर ने उनपर थ्रो का आरोप लगाते हुए 3 ओवर में 7 बार उनकी गेंदो को नो बॉल करार दिया। जिसके बाद नाराज़ श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणातुंगे ने टीम के साथ मैदान से बाहर चले गए। नतीजा ये हुआ कि इसके बाद श्रीलंका के ख़िलाफ़ किसी मैच में डैरल हेयर अंपायरिंग करते हुए नज़र नहीं आए। मुरलीधरण के गेंदबाज़ी ऐक्शन पर 1996, 1999 और फिर उनके दूसरा पर 2004 में बैन लगा था। ऐसा कहा जाता है कि उस वक़्त सभी गेंदबाज़ सीमित सीमा से 5 डिग्री ज़्यादा का कोण बना रहे थे जिसके बाद आईसीसी ने इसे बढ़ा दिया और 15 डिग्री कर दिया। मुरलीधरण को इससे फ़ायदा हुआ और फिर उन्होंने टेस्ट करियर ख़त्म करते करते 800 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले और इकलौते गेंदबाज़ बन गए।