साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया के 2 बेहतरीन गेंदबाज़ ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। ऐसे में किसी महान खिलाड़ी की कमी को पूरा कर पाना एक मुश्किल काम होता है। उस वक़्त कंगारू टीम ने मिचेल जॉनसन में अपना भरोसा दिखाया, ये ऐसे गेंदबाज़ बनकर सामने आए जो विपक्षी टीम के पसीने छुड़ा देते थे। 2007 और 2011 के बीच का दौर मिचेल के लिए बेहद सुनहरा था। साल 2009 में उन्हें बेहतरीन खेल के लिए ‘आईसीसी क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड’ से नवाज़ा गया था। इस दौरान उन्होंने 71 वनडे में 109 विकेट लिए थे और 4 मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड हासिल किए थे। भारत के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में मिचेल ने 14 विकेट लिए थे जिसकी वजह से टीम इंडिया को 2-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। मिचेल ने 26.03 की औसत से गेंदबाज़ी की थी, वो काफ़ी किफ़ायती गेंदबाज़ी करते थे जिसका नतीजा ये हुआ कि औसतन प्रति ओवर 5 से कम रन लुटाए थे।