क्रिकेट इतिहास में 27 नवंबर 1979 को हमेशा याद किया जाएगा। ये वो दिन था जब सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में पहला डे-नाइट वनडे मैच खेला गया था। ये मुक़ाबला मेज़बान ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच हुआ था। उस दिन से अब तक करीब 3000 से भी ज़्यादा वनडे मैच फ़्लड लाइट्स में खेले जा चुके हैं। डे-नाइट मैच में दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करना किसी भी बल्लेबाज़ के लिए आसान नहीं होता। यही वजह है कि इन मैचों में टॉस बेहद अहम होता है। हांलाकि डे-नाइट मैच में गेंदबाज़ी करना सीम गेंदबाज़ों के लिए ज़्यादा रोमांचक होता है, लेकिन बदलते वक़्त के साथ स्पिनर ने ख़ुद को कृत्रिम रोशनी के हिसाब से ढाल लिया है, क्योंकि एशियाई पिच में दूसरी पारी के दौरान दरार आ जाती है। यहां हम उन गेंदबाज़ों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने डे-नाइट मैच की दूसरी पारी सबसे ज़्यादा विकेट हासिल हैं। ख़ास बात ये है कि पहले 2 पायदान पर स्पिनर्स ने अपनी जगह बनाई है।
#5 ग्लेन मैक्ग्रा और शॉन पोलॉक - 94 विकेट
ग्लेन मैक्ग्रा और शॉन पोलॉक संयुक्त रुप से 5वें स्थान पर बरक़रार हैं, दोनों गेंदबाज़ों ने डे-नाइट मैच की दूसरी पारी में 94-94 विकेट हासिल किए हैं। दोनों गेंदबाज़ धारदार गेंदबाज़ी और सटीक रणनीति के ज़रिए विपक्षी बल्लेबाज़ों पर क़हर बरपा देते थे। ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज़ मैक्ग्रा ने कृत्रिम रोशनी में 65 वनडे मैच खेले हैं और 22.19 की औसत से 94 विकेट लिए हैं, उनका स्ट्राइक रेट 3.86 है। पोलॉक ने 67 मैच फ़्लड लाइट्स में खेले हैं 21.40 की औसत से 94 विकेट लिए हैं, उनका स्ट्राइक रेट 3.72 है। मैक्ग्रा ने डे-नाइट मैच की दूसरी पारी में 3 बार 5-5 विकेट लेने का कारनामा किया है, ये सभी 3 मैच ऑस्ट्रेलिया में ही खेले गए थे। साल 2005 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 27 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे। शॉन पोलॉक ने साल 2000 में जोहनसबर्ग के वॉनडरर्स मैदान में इंग्लैंड के ख़िलाफ कृत्रिम रोशनी में 5 विकेट लिए थे।
#4 लसिथ मलिंगा - 98 विकेट
लसिथ मलिंगा मौजूदा दौर में सीमित ओवरों के खेल के महान गेंदबाज़ हैं, कृत्रिम रोशनी में उनके खेलने का अनुभव शानदार रहा है। 70 ऐसे मैचों में उन्होंने 27.36 की औसत से 98 विकेट हासिल किए हैं। हांलाकि मलिंगा की इकोनॉमी रेट 5.05 है, फिर भी ये याद रखना होगा कि मलिंगा ने ज़्यादातर मैच उस दौर में खेले हैं जब मैदान में फ़्लैट पिच और छोटी बाउंड्री हुआ करती थी। मलिंगा ने फ़्लड लाइट्स में खेले गए मैच की दूसरी पारी में 3 बार 5-5 विकेट हासिल किए हैं। साल 2011 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ हमबनटोटा में खेलते हुए उन्होंने कंगारू बल्लेबाज़ों पर क़हर बरपा दिया था। इस मैच में उन्होंने शेन वॉटसन, माइकल क्लार्क और माइकल हसी जैसे टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ों को आउट किया था। एशिया कप 2014 के एक मुक़ाबले में पाकिस्तान के लोअर ऑर्डर को धराशायी कर दिया था और श्रीलंका को 12 रन से जीत दिलाई थी।
#3 ब्रेट ली – 132 विकेट
वनडे में ब्रेट ली काफ़ी तेज़ और बेहद जानलेवा गेंदबाज़ी के लिए मश्हूर है, ली का रिकॉर्ड टेस्ट क्रिकेट के मुक़ाबले वनडे में कहीं बेहतर रहा है। वनडे में ब्रेट ली वनडे में औसत 23.36 का है और टेस्ट मैच में उनका औसत 30.81 रहा है। फ़ल्ड लाइट्स में ब्रेट ली का रिकॉर्ड और भी शानदार रहा है। ऐसे 69 वनडे मैच में ऑस्ट्रेलिया के इस ‘स्पीड मशीन’ ने 20.37 की औसत से 132 विकेट हासिल किए हैं, उनका इकोनॉमी रेट 4.56 था। डे-नाइट मैच की दूसरी पारी में ब्रेट ली गेंदाबज़ी औसत 26.7 का है, वो विपक्षी बल्लेबाज़ों के दिलों में ख़ौफ़ पैदा करने में माहिर थे। रात की रोशनी में ब्रेट ली ने 5 बार पारी में 5 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने अपने पहले ही वनडे में अपनी ताक़त दिखा दी थी। साल 2000 में भारत के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में एडिलेड के मैदान पर ब्रेट ली ने भारतीय बल्लेबाज़ो पर क़हर बरपा दिया था।
#2 शाहिद आफ़रीदी – 134 विकेट
पाकिस्तान के शाहिद आफ़रीदी अपनी धमाकेदार बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर हैं, लेकिन उनकी धारदार गेंदबाज़ी उन्हें एक महान ऑलराउंडर भी बनाती है। वो लेग स्पिन गेंदबाज़ी करने की काबिलियत रखते हैं। 115 डे-नाइट मैच में दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करते हुए उन्होंने 134 विकेट हासिल किए हैं, उनकी इकोनॉमी रेट 4.63 रही है। भले ही उनकी गेंदबाज़ी का औसत 28.90 रहा है, फिर भी वो कई नाज़ुक मौक़ों पाकिस्तान की जीत में मददगार साबित हुए हैं। ऐसे मैचों में आफ़रीदी ने 3 बार 5-5 विकेट हासिल किए हैं। एक मैच में जब पाकिस्तान को श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपने 200 रन बचाने थे तब शाहिद ने 35 रन देकर 5 विकेट झटके थे, और अपनी टीम को जीत का सेहरा पहनाया था।
#1 मुथैया मुरलीधरन - 156
जब किसी शानदार गेंदबाजों की लिस्ट तैयार की जाती है तो एक नाम हमेशा ज़ेहन में आता है। जैसे बल्लेबाज़ी के रिकॉर्ड में हमेशा सचिन का नाम लिया जाता है, वैसे ही श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन गेंदाबज़ों के लिस्ट में हमेशा ऊपरी पायदान पर रहते हैं। उनके नाम न सिर्फ़ टेस्ट और वनडे में सबसे ज़्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड है, बल्कि फ़्लड लाइट्स में खेले गए मैच में उन्होंने सबसे ज़्यादा बल्लेबाज़ों को आउट किया है। उनके कुल 534 विकेट में 156 विकेट ऐसे वनडे मैचों से आए हैं जो कृत्रिम रोशनी में खेले गए हैं। ऐसे मैचों में उन्होंने 19.32 की औसत से गेंदबाज़ी की है और 3.76 का इकोनॉमी रेट हासिल किया है। उन्होंने 4 ऐसे मैचों में 5-5 विकेट हासिल किए हैं। साल 2000 में शारजाह में खेले गए कोका कोला चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने अपनी सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी की थी, उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ 30 रन देकर 7 विकेट लिए थे और भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को धराशायी कर दिया था। लेखक – राम कुमार अनुवादक- शारिक़ुल होदा