कप्तानी एक कला है फिर चाहे वो टी-20 मैच ही क्यों ना हो
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5 अप्रैल से इंडियन प्रीमियर लीग का 10वां सीजन शुरु हो रहा है। वनडे और टेस्ट क्रिकेट की तरह टी-20 में भी किसी कप्तान की अहमियत काफी ज्यादा होती है भले ही पूरा खेल सिर्फ 40 ओवरों का होता है। एक बेहतरीन कप्तान अपनी रणनीति और समझ से मैच का रुख कभी भी पलट सकता है। इंडियन प्रीमियर लीग में अब तक के सीजन में कई बेहतरीन कप्तान हुए हैं और अपनी कप्तानी से उन्होंने अपनी टीमों को कई मैच जिताए।
आईपीएल के पहले सीजन में 2008 में शेन वॉर्न ने बेहतरीन लीडरशिप दिखाई और राजस्थान रॉयल्स को चैंपियन बनाया।
गौतम गंभीर को कप्तानी सौंपने के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ। गंभीर की कप्तानी में केकेआर ने 2 बार आईपीएल का खिताब जीता। 2016 के सीजन में डेविड वॉर्नर ने लगभग अकेले अपने दम पर सनराइजर्स हैदराबाद को चैंपियन बनाया और महेंद्र सिंह धोनी को तो किसी परिचय की जरुरत ही नहीं है। सभी को पता है कि वो आईपीएल के सबसे सफल कप्तान हैं।
ये तो थे आईपीएल के सफल कप्तान जिन्होंने अपनी टीमों को चैंपियन बनाया। लेकिन क्या आपको पता है आईपीएल में कुछ कप्तान ऐसे भी हुए हैं जिनकी कप्तानी में टीम का रिकॉर्ड काफी खराब रहा। ये सभी कप्तान विदेशी हैं जिनकी कप्तानी में टीम काफी कम मैच जीती।
आइए जानते हैं ऐसे ही उन 5 कप्तानों के बारे में जिनका आईपीएल रिकॉर्ड काफी खराब रहा।
महेला जयवर्धनेटीम- किंग्स इलेवन पंजाब, कोच्चि टस्कर्स केरल, दिल्ली डेयरडेविल्समैच- 30, जीते-10 , हारे-19, टाई-1, जीत का प्रतिशत- 35%
यूं तो महेला जयवर्धने श्रीलंका के सबसे सफल कप्तानों से एक रहे लेकिन आईपीएल में उनकी कप्तानी का सिक्का नहीं चला। उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब की कप्तानी की और टीम सबसे निचले रैंकिंग पर रही।
2011 में कोच्चि टस्कर्स केरल की भी उन्होंने कप्तानी की लेकिन केरल की टीम 10 टीमों में से 8वें पायदान पर रही। वहीं 2012 और 2013 के सीजन में उनकी कप्तानी में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम 18 मैचों में से महज 6 में ही जीत हासिल कर पाई जबकि 11 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा।