क्रिकेट के इतिहास में इस इंग्लिश गेंदबाज को सबसे कौशलपूर्ण स्पिनर माना जाता था, लेकिन उन्हें भाग्य का ज्यादा साथ नहीं मिला क्योंकि एक और बाएं हाथ के स्पिनर टोनी लॉक को हमेशा उनपर तरजीह दी जाती थी। वार्ड्ले ने सिर्फ 25 टेस्ट खेले। जहां वार्ड्ले पारंपरिक बाएं हाथ की गेंदबाजी लॉक के समान भी कर लेते थे तो उनके पास चाइनामैन एक हथियार के रूप में मौजूद था। वह विशेषकर इसका प्रयोग इंग्लैंड में करते थे। उन्होंने अपनी काउंटी टीम यॉर्कशायर के लिए इस स्टाइल का बहुत प्रयोग किया। वार्ड्ले ने 1956-57 दक्षिण अफ्रीका दौरे में चाइनामैन का भरपूर उपयोग किया। उन्होंने 4 टेस्ट में 13।81 की औसत से 26 विकेट चटकाए थे और जबकि पूरे दौरे में कुल 90 विकेट लिए थे। वार्ड्ले इंग्लैंड के अब तक में एकमात्र चाइनामैन गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने कुल 102 टेस्ट विकेट लिए।