क्रिकेट को जेन्टलमेंस गेम कहा जाता है, लेकिन क्रिकेट की शुरुआत से ही ये खेल विवादों से घिरा रहा है। इस खेल में अंपायर को बेहद ऊंचा स्थान दिया जाता है क्योंकि उनके फैसले मैच के रिजल्ट पर काफी महत्वपूर्ण असर डालते हैं। बीते सालों में हमने फील्ड अंपायर्स को बेहद असाधारण और विवादास्पद फैसले देते देखा है लेकिन अंपायर डिसिजन रिव्यू सिस्टम (DRS) के आने से गलत फैसलों की संख्या काफी कम हुई है। हालांकि अंपायर्स के गलत फैसले भी खेल का हिस्सा हैं , लेकिन कई ऐसे अंपायर्स हैं जो काफी बार विवादों से घिरे रहे हैं और कई बार गलत कारण से सुर्खियों में आए हैं। चलिए दुनिया के 5 विवादों में घिरे अंपायर्स पर नजर डालते हैं: #5 शकूर राणा पाकिस्तान के इस विवादस्पद अंपायर ने 1975 से 1996 तक अंपायरिंग की है । पूर्व पाक अंपायर 1987 में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच हुए टेस्ट के दौरान इंग्लैंड टीम के कप्तान माइक गैटिंग के साथ ऐसे उलझे की विवाद का केंद्र बन गए। इस बहस से मैच प्रभावित हुआ क्योंकि दोनों के बीच का झगड़ा और एक दूसरी पर उंगली उठाना विश्वभर में प्रसारित हुआ। दोनों की अभद्र भाषा स्टंप माइक से साफ सुनी जा सकती थी। राणा ने गैटिंग पर चीटिंग का आरोप लगाया क्योंकि वो लगातार गेंदबाज़ी के दौरान फील्डिंग में परिवर्तन करा रहे थे। राणा ने पाकिस्तान की हैट और स्वेटर पहनी हुई थी जो इंग्लैंड के पक्ष में नहीं थी। हालांकि जब राणा ने मैच बीच में छोड़ने की बात की तो गैटिंग ने आखिरकार अंपायर से माफ़ी मांगी। वैसे गैटिंग राणा से उलझने वाले अकेले कप्तान नहीं थे। 1984 में कीवी कप्तान जर्मी कोनी ने राणा को एक विवादित फैसले पर जो जावेद मियांदाद के हक में गया था , टीम के साथ मैदान छोड़ने की भी धमकी दी थी । #4 डैरल हेयर जब से हेयर ने 1991 से अंपायरिंग डेब्यू किया वो अपने संदिग्ध फैसलों के लिए कई बार विवादों में रहे। वो अपने कठोर फैसलों के लिए जाने जाते थे, खासतौर पर एशियन देशों के खिलाफ। ऑस्ट्रेलिया में हुए एक टेस्ट मैच मे हेयर ने तीन ओवर्स के बीच चकिंग के आरोप में मुरलीधरन की 7 गेंदों को नो बॉल करार दिया । तब अंपायर के फैसले से खफा होकर श्रीलंकाई कप्तान अर्जुना राणातुंगा टीम के साथ मैदान से बाहर चले गए, हालांकि कुछ देर बात पूरी टीम मैदान पर फिर लौट आई। ICC के रूल्स के अनुसार एक अंपायर को संदिग्ध एकश्न की रिपोर्ट मैच रेफरी से करनी होती है बजाय की वो मैदान पर ही इसे जाहिर करे, जैसे की हेयर ने किया । डैरल हेयर ने मुरली के एक्शन को 'शैतानी' बताया हेयर 2006 ओवल मैदान पर इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच चले रहे मैच के दौरान एक बड़े विवाद में फंसे। ऑनफील्ड अंपायर बिली डॉक्ट्रोव और डैरल हेयर ने पाकिस्तान पर बॉल टेंपरिंग का आरोप लगाया और पेंनल्टी के तौर पर पांच रन इंग्लैंड के स्कोर में जोड़ दिए, इसके बाद गेंद बदलने के लिए भी कहा। गुस्से से भरी पाकिस्तान टीम तब चाय के बाद मैदान में वापस नहीं आई और 3 मिनट बाद इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया। 1877 में टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत के बाद ये इस तरफ का पहला दण्ड था। आखिरी साल 2008 में हेयर ने अंतारराष्ट्रीय अंपायरिंग से संन्यास ले लिया। #3 असद राउफ राउफ 2013 तक पाकिस्तान के सबसे अच्छे अंपायरों में से एक गिने जाते थे, लेकिन अचानक उनके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया की उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंपायरिंग से सस्पेंड कर दिया गया। साल 2012 में एक दिल्ली की मॉडल ने राउफ पर यौन शोषण का आरोप लगया था इसके अलावा उस मॉडल ने दोनों के बीच की नीजी तस्वीरे भी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जगजाहिर की थी। मॉडल ने राउफ को यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए शादी करने का वादा करने का भी दोषी ठहराया। हालांकि बाद में मॉडल ने अपनी शिकायत वापस ले ली। 2013 के आखिर में पाकिस्तान का ये अंपायर एक बार फिर सुर्खियों में और मुंबई पुलिस ने राउफ को चीटिंग, सट्टेबाज़ी और धांधलेबाज़ी का अपराधी ठहराया। राउफ लगातार 2013 आईपीएल फिक्सिंग प्रकरण में शामिल थे। ICC ने तुरंत प्रभाव से एकश्न लिया और राउफ को 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए लिस्टिड अंपायर्स की लिस्ट से बाहर कर दिया।#2 मार्क बेनसन इंटरनेशनल सरकिट में मार्क एक प्रतिष्ठित अंपायर का दर्जा रखते हैं और उन्हें 2007, 2008 में लगातार दो साल अंपायर ऑफ ईयर के खिताब से नवाजा जा चुका है। लेकिन 2008 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए सिडनी टेस्ट ने इनके करियर को तबाह कर दिया। स्टीव बकनर और मार्क बेनसन की इस जोड़ी ने सिडनी टेस्ट में कई विवादित फैसले लिए, और इसी अंपायरिंग की वजह से ये टेस्ट एक शर्मनाक टेस्ट के रुप में देखा जाता है। इस विवाद ने पहले ही दिन जन्म ले लिया, जब रिकी पॉन्टिंग को गलत नॉट आउट दिया गया, बावजूद इसके कि सौरव गांगुली की गेंद पर रिकी पॉन्टिंग के बल्ले का किनारा लगा था और वो साफ आउट थे। गलत फैसलों का सिलसिला बेदसतूर जारी रहा, और एक समय पर ऑस्ट्रेलिया 134/6 के स्कोर से 463 रन बनाने में कामयाब हो गई। ये विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब बेनसन ने रिकी पॉन्टिंग से पूछा कि क्या माइकल क्लार्क ने सौरव गांगुली का कैच लिया है। बेनसन के इस फैसले ने भारतीय दर्शकों काफी निराश कर दिया, क्योंकि रिप्ले में से साफ दिखाई दे रहा था कि गेंद क्लार्क के हाथों में आने से पहले मैदान पर गिर चुकी है। मार्क बेनसन ने वर्ष 2009 में अंपायर डिसीजन रिव्यू सिस्टम का विरोध किया था जिसके बाद उसी साल उन्होंने इंटरनेशन अंपायरिंग से संन्यास ले लिया। #1 स्टीव बकनर वेस्ट इंडीज अंपायर स्टीव बकनर निसंदेह सबसे कॉन्ट्रोवर्शियल अंपायर हैं और बतौर इंटरनेशनल अंपायर बकनर कई बार बड़े विवादों में घिरे रहे। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से साथ हुई बनकर की बहस ने, उनके बहुत से संदिग्ध फैसलों को सवालों के घेरे में ला दिया था। जो सिलसिला 1992 में शुरू हुआ, वो 2008 में खत्म हुआ, जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे पर्थ टेस्ट से उन्हें निलंबित कर दिया गया, उनके निलंबन की वजह उनका सिडनी टेस्ट में दिए कई संदिग्ध फैसले बने। सिडनी टेस्ट के पहले दिन, बकनर ने इशांत शर्मा की गेंद पर बल्ले का बाहरी किनारा लगने के बावजूद एंड्रयू साइमंड्स को नॉट आउट करार दिया। बकनर के संदिग्ध फैसलों कि ये तो सिर्फ शुरुआत थी। साइमंड्स को फिर दो मौकों पर बनकर ने नॉट ऑउट दिया, जिसके बाद साइमंड्स ने शतक लगाकर मेजबान को खतरे से बाहर निकाला। लेकिन उसके बाद भी बकनर ने कई विवादित फैसले दिए जिसके बाद उन्हें अगले टेस्ट से बाहर कर दिया। लेखक: आर्या शेखर चक्रवर्ती, अनुवादक: अनुराधा तंवर