भारत और इंग्लैंड के बीच विशाखापट्टनम में चल रहे तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लिश गेंदबाज जेम्स एंडरसन क्रिकेट इतिहास के 19वें 'किंग पेयर' खिलाड़ी बन गए । यहां हम आपको बता दें 'किंग पेयर' कोई पॉजिटिव वर्ड नहीं है । किंग पेयर हम उस खिलाड़ी को कहते हैं जो एक टेस्ट मैच की दोनों ही पारियों में पहली ही गेंद पर आउट हुआ हो । इंग्लिश क्रिकेटर विलियम एट्टेवेल क्रिकेट इतिहास के पहले किंग पेयर खिलाड़ी थे । विलियम 1892 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में दोनों ही पारियों में पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे । आइए नजर डालते हैं इंटरनेशनल क्रिकेट के ऐसे ही शीर्ष 5 'किंग पेयर' खिलाड़ियों पर #1 भागवत चंद्रशेखर- भागवत चंद्रशेखर भारत के बहुत बड़े स्पिन गेंदबाज थे । वो भारत की कई अहम जीतों का हिस्सा रहे थे, यहां तक कि वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के दौरे पर जब भारतीय टीम जीती थी, उस समय भी भागवत चंद्रशेखर टीम का हिस्सा थे । 1977/78 के दौरान भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का यादगार दौरा किया । भारतीय टीम ने उस समय ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 222 रनों के बड़े अंतर से हराया । क्रिकेट इतिहास में ये पहला मौका था जब किसी एशियन टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल की हो । और ये सब हुआ भागवत चंद्रशेखर की शानदार गेंदबाजी की बदौलत । चंद्रशेखर ने उस मैच में 12 विकेट झटककर ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमर ही तोड़ दी । लेकिन बल्लेबाजी के लिहाज से चंद्रशेखर के लिए ये मैच काफी निराशाजनक रहा । चंद्रशेखर दोनों ही पारियों में पहली ही गेंद पर आउट हो गए । पहली पारी में जहां वेन क्लार्क ने तो दूसरी पारी में गैरी कोजियर ने उन्हें आउट किया । इस तरह वो टेस्ट इतिहास के 'किंग पेयर' खिलाड़ी बन गए । मैसूर के इस लेग स्पिनर ने अपने क्रिकेट करियर में 29.74 की औसत से 242 विकेट झटके । उनका बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन 79 पर 8 विकेट रहा । 2. डेविड रिचर्डसन- 1991 में इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी के बाद डेविड रिचर्डसन दक्षिण अफ्रीका के पहले फर्स्ट च्वॉइस विकेटकीपर थे । रिचर्डसन बहुत ही अच्छे विकेटकीपर थे, वहीं कई मौकों पर उन्होंने प्रोटियाज टीम के लिए अहम मौकों पर कई उपयोगी पारियां भी खेलीं । रिचर्डसन ने 42 टेस्ट मैचों में एक शतक लगाया । जोहानिसबर्ग के इस क्रिकेटर ने कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गॉर्डन मैदान पर भारत के खिलाफ डेब्यू किया था । पाकिस्तान के अफ्रीका दौरे के दौरान रिचर्डसन एक टेस्ट मैच में दोनों ही पारियों में पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे । हालांकि रिचर्डसन के अलावा बाकी प्रोटियाज खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और पाकिस्तानी टीम को 324 रनों से धूल चटा दी । रिचर्डसन को पहली पारी में आमिर नजीर ने क्लीन बोल्ड किया, तो वहीं दूसरी पारी में आकिब जावेद ने एलबीडब्ल्यू आउट किया था । अभी रिचर्डसन एक नामी वकील हैं और आईसीसी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हैं । 3. अजीत अगरकर अजीत अगरकर ने मात्र 26 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन उन्होंने एक या दो बार यादगार प्रदर्शन किया । इन्हीं में से एक है ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका 6 विकेट, जो उन्होंने एडिलेड में मात्र 41 रन देकर लिया था । अगारकर के इस शानदार स्पेल की वजह से भारतीय टीम को उस मैच में जीत मिली । वहीं उनके करियर का दूसरा बेस्ट प्रदर्शन इंग्लैंड के खिलाफ रहा । 2002 में ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर अगारकर ने शानदार शतक लगाया । हालांकि इकॉनामी रेट ज्यादा होने के कारण अगारकर को कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन वो एक विकेटटेकिंग गेंदबाज थे । यही वजह है कि लगभग 200 वनडे मैचों में वो भारतीय टीम का हिस्सा थे । 1999 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया । उस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी मजबूत मानी जाती थी । मेलबॉर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया दूसरा टेस्ट मैच अजित अगरकर कभी भी याद नहीं रखना चाहेंगे । अगारकर उस मैच की दोनों पारियों में पहली ही गेंद पर आउट हो गए । भारत को उस मैच में 180 रनों से हार मिली। पहली पारी में ब्रेट ली ने उनको आउट किया, वहीं दूसरी पारी में मॉर्क वॉ ने अजीत अगरकर को आउट किया । इस तरह से अगरकर क्रिकेट इतिहास के 'किंग पेयर' बन गए । 4. एडम गिलक्रिस्ट- ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक थे और आंकड़े इस बात की गवाही भी देते हैं । वो उस ऑस्ट्रेलियन टीम का हिस्सा रहे जिसने करीब एक दशक तक वर्ल्ड क्रिकेट पर राज किया । 2001 में कोलकाता के एतिहासिक ईडन गॉर्डन मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऐतिहासिक मैच हुआ । ऑस्ट्रेलियाई टीम उस मैच से पहले लगातार 16 टेस्ट मैच जीत चुकी थी । लेकिन इस मैच में उनका 16 जीत का रथ भारत ने रोक दिया । क्रिकेट इतिहास में ऐसा तीसरा मौका था जब किसी टीम ने फॉलोउन खेलने के बावजूद जीत दर्ज की हो, और ये संभव हुआ वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की मैराथन पारियों की बदौलत । लेकिन ये मैच एक खिलाड़ी के लिए काफी बुरा मैच रहा, और वो खिलाड़ी थे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट । एडम गिलक्रिस्ट इस मैच की दोनों ही पारियों में पहली ही गेंद पर चलते बने । पहली पारी में हरभजन सिंह ने तो दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर ने उन्हें खाता खोलने का मौका नहीं दिया । 5. वीरेंद्र सहवाग- वीरेंद्र सहवाग वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक थे । टेस्ट मैचों में भी उनका प्रदर्शन लाजवाब था । वो भारत के अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में तिहरा शतक लगाय हो । वहीं सहवाग क्रिकेट इतिहास के उन चार बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में 2 बार तिहरा शतक लगाया हो । लेकिन एक बुरा रिकॉर्ड भी सहवाग के नाम है जो वो कभी याद रखना नहीं चाहेंगे और ये रिकॉर्ड है 'किंग पेयर' का । 2011 में इंग्लैंड दौरे के दौरान एजबेस्टन टेस्ट मैच में सहवाग इसका शिकार हुए । ये दौरा भारतीय टीम के लिए भी बेहद निराशाजनक रहा ।भारतीय टीम बुरी तरह से 0-4 से टेस्ट मैचों की श्रृंखला हार गई । सहवाग को पहली पारी में स्टुअर्ट ब्रॉड ने विकेटकीपर के हाथों कैच कराया तो दूसरी पारी में जेम्स एंडरसन ने एंड्र्यू स्ट्रॉस के हाथों कैच कराया । सहवाग दोनों ही पारियों में पहली ही गेंद पर आउट हो गए । इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया । भारतीय टीम पहली पारी में मात्र 224 रनों पर सिमट गई और वीरेंद्र सहवाग खाता भी नहीं खोल सके । जवाब में इंग्लिश टीम ने एलिस्टेयर कुक की 294 रनों की मैराथन पारी की बदौलत 710 रनों का पहाड़ सा स्कोर खड़ा किया । जिसकी वजह से भारत ये मैच 242 रनों से हार गया ।