वनडे क्रिकेट के टॉप 5 मौजूदा ऑलराउंडर

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क्रिकेट के खेल में किसी भी खिलाड़ी को तीन मुख्य चीजें बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फील्डिंग आनी चाहिए। लेकिन इन तीनों में से खिलाड़ियों को फील्डिंग अनिवार्य रूप से आनी चाहिए। सामान्य तौर पर बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी में खिलाड़ियों को विशेषज्ञ माना जाता है। हालांकि सभी टीमें गेंद और बल्ले से बेहतर प्रदर्शन कर सकें ऐसे खिलाड़ियों को रखना पसंद करती हैं। बल्ले और गेंद दोनों से कमाल दिखा सके ऐसे खिलाड़ियों को आलराउंडर कहा , ये खिलाड़ी टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे खिलाड़ी खेल के किसी भी प्रारूप में मैच जिताने की काबिलियत रखते हैं। चाहे वो टेस्ट क्रिकेट हो या वनडे या फिर टी20 ऐसे खिलाड़ी हर टीम में शामिल हों ऐसा हर टीम की सोच नहीं बल्कि ज़रुरत होती है। क्रिकेट इतिहास में ऐसे कई खिलाड़ी गुज़रे हैं जिन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी से बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम को जिताया है और समर्थकों का दिल जीता है, पर ऐसे काफी कम ही खिलाड़ी गुज़रे हैं जिन्होंने एक ही समय में बल्ले और गेंद दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन करके टीम को सफलता दिलाई है और क्रिकेट जगत में अपना नाम भी रौशन किया है। जिस तरह क्रिकेट जितनी तेज़ी से लोगों में प्रचलित होता जा रहा है और समर्थक बल्ले और गेंद के बीच होने वाले इस मुकाबले को देखने के लिए एक जुट होते हैं, टीम में ऑलराउंडर खिलाड़ियों की भूमिका और भी ज्यादा बढ़ गई है। यहां ऐसे ही मैजूदा दौर के पांच सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं जिन्होंने क्रिकेट जगत में अपने प्रदर्शन से काफी नाम कमाया है: #5 काईरन पोलार्ड (वेस्टइंडीज़) त्रिनिदाद से आया ये हिष्टपुष्ट खिलाड़ी काईरन पोलार्ड वेस्टइंडीज़ टीम का एक अहम हिस्सा है। मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करने वाला ये विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ किसी भी गेदबाज़ की धज्जी उड़ाने में माहिर है। इतनी विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ी के साथ साथ ये खिलाड़ी अपनी मध्यम गति की गेंदबाजी से भी बल्लेबाज़ों को परेशान करने में सक्षम हैं। साल 2007 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध डेब्यू करने वाले पोलार्ड वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड के फैसलों की वजह से टीम में अन्दर बाहर होते रहे हैं। देखा जाये तो सिर्फ पोलार्ड ही नहीं बल्कि वेस्टइंडीज़ टीम के और भी कई दिग्गज खिलाड़ी बोर्ड के इस फैसले का शिकार हो चुके हैं। पोलार्ड की सबसे बेहतरीन परियों में से एक है उनकी वो 70 गेंदों में 102 रनों वाली पारी जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध साल 2012 में सेंट लूसिया में खेली थी। वेस्टइंडीज़ ने उस मैच में ऑस्ट्रेलिया को 42 रनों से हराया था। गेंदबाजी करते हुए पोलार्ड के नाम 98 वनडे मैचों में 49 विकट दर्ज है, जिनमें उनका सर्वश्रेष्ठ 3/27 है जो उन्होंने साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध लिया था। #4 कोरे एंडरसन (न्यूजीलैंड) anderson-1472564397-800 न्यूजीलैंड की अंतर्राष्ट्रीय टीम में अपना डेब्यू करने वाले ऑलराउंडर खिलाड़ी एंडरसन को लोग उनके उस तेज़ शतक के लिए जानते हैं जो उन्होंने मात्र 36 गेंदों में बनाया था। इस विस्फोटक बल्लेबाज़ी के बाद उन्होंने शाहिद अफरीदी के बनाये हुए 37 गेंदों पर शतक वाले रिकॉर्ड को तोडा था। उस पारी में एंडरसन ने मात्र 47 गेंदों में 131 रन बनाये थे। इस पारी में एंडरसन ने 6 चौके और 14 छक्के लगाये थे। जेस्सी राईडर के साथ मिलकर एंडरसन ने वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्कों का भी रिकॉर्ड तोड़ा था। एंडरसन के इस रिकॉर्ड को एक साल बाद दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ एबी डीविलियर्स ने तब तोड़ा था जब उन्होंने वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध मात्र 31 गेंदों में शतक लगाया था। साल 2013 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना डेब्यू करने वाले एंडरसन मध्य क्रम के विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं और अपनी टीम के लिए गेंदबाज़ी की शुरुआत भी करते हैं। अपने छोटे से करियर में एंडरसन के नाम 24.52 के औसत से 55 विकट दर्ज है। #3 रविंदर जडेजा (भारत) jadeja-1472564474-800 बाएँ हाथ का ये स्पिनर पिछले कुछ समय से टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन तो नहीं कर पाया है लेकिन ये अभी भी भारतीय टीम का एक अहम खिलाड़ी है। जडेजा के नाम घरेलु क्रिकेट में शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए तीन तिहरे शतक शामिल हैं पर उनकी ये बेहतरीन बल्लेबाज़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को नहीं मिली है। जडेजा ने साल 2009 में श्रीलंका के विरुद्ध अपना डेब्यू किया था। जडेजा ने उस मैच में शानदार 60 रन बनाये थे। साल 2009 में उन्हें अपना पहला मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार मिला था जब उन्होंने श्रीलंका के विरुद्ध बेहतरीन गेंदबाजी कर 32 रन देकर 4 विकट हासिल किये थे। साल 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में जड्डू ने शानदार प्रदर्शन किया था। जडेजा अपनी बेहतरीन लाइन और लेंथ के लिए जाने जाते हैं। इस टूर्नामेंट के दौरान जडेजा ने पांच मैचों में 12 विकट हासिल किये थे। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 5/36 है जो उन्होंने वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध लिया था। जडेजा को इस टूर्नामेंट के फाइनल में शानदार प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार भी मिला था जिसमें बल्ले से उन्होंने 33 रन बनाये थे जबकि गेंदबाजी में 2 बहुमूल्य विकट झटके थे। जडेजा के नाम वनडे में 32.43 के औसत से 1,849 रन दर्ज हैं। #2 एंजेलो मैथ्युज़ (श्रीलंका) mathews-1472564565-800 महिला जयावर्धने और कुमार संगकारा के संन्यास के बाद श्रीलंका टीम के कप्तान मैथ्युज़ अपनी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। एक अच्छे खिलाडी के साथ साथ मैथ्युज़ श्रीलंका टीम के लिए एक बेहतरीन कप्तान भी साबित हुए हैं। मैथ्युज़ ने साल 2008 में ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध वनडे में अपना डेब्यू किया था। हालांकि टेस्ट में मैथ्युज़ एक बल्लेबाज़ के रूप में ही खेला करते हैं लेकिन दूसरे फोर्मेट में ये गेंदबाजी कर टीम के संतुलन को बरकरार रखते हैं। साल 2010 में इन्होंने लसिथ मलिंगा के साथ मिलकर नौवें विकट के लिए 132 रनों की साजेदारी की थी, इस साजेदारी की बदौलत श्रीलंका टीम ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध मैच जीतने में कामयाब हो पाया था। मैथ्युज़ के नाम 179 मैचों में 40.10 के औसत से 4,452 रन दर्ज हैं और इसी के साथ मैथ्युज़ के नाम वनडे में 111 विकट भी दर्ज हैं। #1 शाकिब-अल-हसन (बांग्लादेश) shakib-1472564676-800 इसमें कोई शक नहीं है कि शाकिब मौजूदा दौर के ऑलराउंडर खिलाड़ियों में सबसे आगे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण पिछले कुछ समय में बांग्लादेशी टीम के प्रदर्शन को देख कर भी लगाया जा सकता है। शाकिब फ़िलहाल अपनी टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। शाकिब ने साल 2006 में ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध अपना डेब्यू किया था और तबसे लेकर अब तक वो अपनी टीम के लिए लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते चले आरहे हैं। शाकिब अपनी टीम के लिए मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते हैं और बात जब गेंदबाजी की हो तो उनका कोई सानी नहीं। शाकिब के नाम 157 मैचों में 35.18 के औसत से 4,398 रन हैं, वहीँ गेंदबाज़ी करते हुए इनके नाम 206 विकट भी दर्ज हैं।

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