जितने भी बल्लेबाजों ने भारत में बल्लेबाजी की है उनमें से किसी भी बल्लेबाज का प्रदर्शन एक सीरीज में इतना बढ़िया नहीं रहा है, जितना कि हाशिम अमला का 2010 में खेली गई सीरीज में था | अमला ने उस सीरीज में 253, 114 और 123 रन बनाए थे और भारतीय गेंदबाज उनको महज एक बार ही आउट कर सके | 2008 में जब पहली बार अमला ने भारत का दौरा किया तो चेन्नई में खेले गए पहले मैच में 159 रन बनाकर बनाकर बता दिया कि वो स्पिन के कितने बड़े खिलाड़ी हैं | लेकिन उसी मैच में वीरेंद्र सहवाग के 319 रनों की मैराथन पारी के आगे उनकी ये पारी दब गई | लेकिन सीरीज में उनका प्रदर्शन किसी के दबाव में नहीं आया उन्होंने तीन पारियों में 490 रन बनाए | हालांकि भारत का उनका आखिरी दौरा निराशाजनक रहा | दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच में 244 गेंदों पर महज 25 रन बनाने के बाद वो इससे उबर नहीं पाए | भारतीय फिरकी जोड़ी अश्विन और जाडेजा को वो बिल्कुल नहीं खेल पाए | महज 10 पारियों में 941 रन बनाकर वो भारत में टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विदेशी खिलाड़ी हैं | 62.37 का उनका औसत दिखाता है कि वो कितने प्रतिभावान खिलाड़ी हैं | उम्मीद है कि अगली बार जब दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत का दौरा करेगी तो भारत में 1000 रन पूरे कर वो क्लाइव लॉयड, ग्राडन ग्रीनिज और मैथ्यू हैडेन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हो जाएंगे |