एम एस धोनी और विराट कोहली की टेस्ट कप्तानी में ये हैं 5 बड़े अंतर  

#2 तेज़ गेंदबाज़ों को स्पिनर के उपर तरजीह देना

कई बार देखा गया है कि धोनी अपनी कप्तानी में तेज़ गेंदबाज़ों के मुक़ाबले स्पिनर्स से गेंदबाज़ी कराना ज़्यादा पसंद करते थे। साल 2012 का नागपुर टेस्ट सभी को याद होगा जब भारत और इंग्लैंड का मुक़ाबला जारी था। धोनी ने 4 स्पिन गेंदबाज़ों को मौक़ा दिया था जिसमें रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, पीयूष चावला और प्रज्ञान ओझा थे। इस टेस्ट मैच में इशांत शर्मा इकलौते तेज़ गेंदबाज़ थे। जब से विराट कोहली ने ज़िम्मेदारी संभाली है बॉलिंग का ट्रेंड बदल गया है। कोहली की कप्तानी में तेज़ गेंदबाज़ों को ज़्यादा तरजीह दी जा रही है। कोहली को पेस बॉलर्स से गेंदबाज़ी कराना ज़्यादा पसंद है। साल 2015 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में उन्होंने उमेश यादव और वरुण एरॉन से गेंदबाज़ी कराई थी। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ जारी सीरीज़ में उन्होंने एक टेस्ट मैच में 4 पेस बॉलर्स को मौक़ा दिया था। कोहली को उन गेंदबाज़ों से गेंदबाज़ी कराना ज़्यादा पसंद है जो करीब 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंक सकते हैं।