इस क्षेत्र में दोनों कप्तान एक-दूसरे से बेहद अलग हैं। जब कोहली टीम इंडिया के कप्तान थे वो टीम में काफ़ी कम बदलाव करते थे, ख़ासकर वो टीम के विनिंग कॉम्बिनेशन से कभी छेड़छाड़ नहीं करते थे। अगर मौसम या पिच के हालात बदलाव की डिमांड भी करते थे तब भी धोनी टीम में बदलाव करने से बचते थे। वो खिलाड़ियों के एक समूह पर पूरा भरोसा बनाए रखते थे। वो जानते थे कि टीम में ज्यादा बदलाव करने से खिलाड़ियों के कॉन्फिडेंस में कमी आ जाएगी। दूसरी तरफ़ कप्तान कोहली बिलकुल अलग हैं वो बार-बार बदलाव में यक़ीन रखते हैं। कोहली 35 अलग अलग मैच में कभी भी एक जगह पर फ़ील्डिंग करते हुए नहीं देखे गए थे। अगर कोई खिलाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो वो उस प्लेयर को ड्रॉप करने से नहीं कतराते। लेखक – शंकर नारायण अनुवादक – शारिक़ुल होदा