टॉप 5 खिलाड़ी जिनका प्रदर्शन 2017 में रहा बेहद निराशाजनक

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हर साल हर खेल में अपने साथ कुछ असाधारण प्रदर्शन और कुछ निराशा भी लेकर आता है। 2017 क्रिकेट में कई उत्कृष्ट उपलब्धि और निजी सफलताओं जैसे स्टीव स्मिथ, विराट कोहली और रंगना हेराथ के लिए सकारात्मक साल रहा, तो कुछ निराशाजनक प्रदर्शन के नाम रहा। अनुभवी और सीनियर खिलाड़ियों में से कुछ खिलाड़ी उम्मीदों के बोझ में दबे रहे और जब उनकी टीम को उनकी जरुरत थी वह उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। हम ऐसे पांच क्रिकेटरों के बारें में बात कर रहे हैं जिनसे खेल प्रशंसकों को काफी उम्मीदें जुड़ी हुई थी, लेकिन उन्होंने अपने नाम के अनुसार काम नहीं किया।

#1 अजिंक्य रहाणे (11 टेस्ट में 34.63 की औसत से 554 रन)

भारतीय मध्य-क्रम के एक महत्वपूर्ण सदस्य अजिंक्य रहाणे के लिए साल 2017 मुश्किलों भरा रहा। पिछले साल के अंत में हाथ में चोट लगने से रहाणे को भारत के पहले टेस्ट मैच के लिए टेस्ट टीम में वापस लाया गया। हैदराबाद में बांग्लादेश के खिलाफ उनके प्रतिस्थापन यानी तिहरा शतक लगाने वाले करुण नायर के स्थान पर जगह दी गई। रहाणे ने 82 रनों के साथ शुरुआत की लेकिन उनका योगदान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गया, जहां उन्होंने 7 पारियों में केवल एक बार पचास का आंकड़ा पार किया। हालांकि उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपने खाते में अर्धशतक और एक शतक जड़ कर नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की फिर भी स्पिन और तेज गेंदबाजी दोनों के खिलाफ संघर्ष करते हुए उनका यह साल निराशाजनक रूप से समाप्त हुआ। कुल मिलाकर टेस्ट की 18 पारियों में उन्होंने केवल 3 अर्धशतक और 1 शतक लगाये, जबकि इसके विपरीत एकदिवसीय मैचों में उनका औसत 48 रन का रहा।

#2 एलिस्टेयर कुक (10 टेस्ट में 34.47 की औसत से 655 रन)

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टॉप ऑर्डर में इंग्लैंड का स्तंभ माने जाने वाले एलिस्टेयर कुक की जब टीम को सबसे ज्यादा जरुरत हुई है वह हर बार लड़खड़ा गये। गर्मियों की शुरुआत में केटन जेनिंग्स और टॉम वेस्टले की अनुभवहीनता के साथ और फिर मार्क स्टोनमेन और डेविड मलान व आश्चर्यजनक रूप से, जेम्स विंस के लिए भी एशेज में जगह थी, पर कुक को इंग्लैंड के सबसे अनुभवी टेस्ट क्रिकेटर के रूप में स्थान मिला और इंग्लैंड के द्वारा खेले गये मैचों में उनके कंधे पर भारी जिम्मेदारी थी। वर्ष की पहली 5 पारियों में दो महत्वपूर्ण अर्धशतकों के साथ एक सकारात्मक एनर्जी से नये साल की शुरुआत हुई और जल्द ही एजबस्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे टेस्ट में 243 रनों का दोहरा शतक भी कुक ने बना दिया। लेकिन जल्द ही वेस्टइंडीज के खिलाफ बचे शेष मैचों में उनकी फॉर्म गिरने लगी और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गये अभी तक 3 मैचों में उनका निम्नतम स्कोर रहा है। एजबेस्टन में अपने दोहरे शतक से लगभग 10 पारियों के बाद कुक ने कोई अर्धशतक लगाया, इससे पहले उनका सर्वाधिक स्कोर 37 का था।

#3 टिम साउदी (14 एकदिवसीय में 43.35 की औसत से 17 विकेट)

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टिम साउदी ने ट्रेंट बोल्ट के साथ नई गेंद से एक शक्तिशाली जोड़ी का गठन किया और पिछले कुछ सालों में उन्होंने सभी प्रारूपों में शानदार सफलता हासिल की है। शेष न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के अनुभव में कमी होने के कारण बोल्ट और साउदी की एकजुटता एक ऐसी चीज है जिस कारण उनकी टीम उन पर काफी निर्भर रहती है। लेकिन इस वर्ष को याद न करने के लिए उनके पास काफी कारण हैं। 2017 में 14 एकदिवसीय मैच खेलने पर साउदी का सबसे अच्छा प्रदर्शन बांग्लादेश के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में आया था जो 45 रन पर 3 विकेट था वह लाइन और लेंथ में लगातार चूकते रहे, अक्सर बहुत शॉर्ट या फुल लेंथ की गेंदबाजी के लिए उन्हें दंडित किया जाता था। नतीजतन 5.88 की एक अप्रभावी इकॉनमी रेट और 44.24 की साधारण स्ट्राइक रेट साउदी के लिए इस साल को परिभाषित करने के लिए काफी है। पिछली बार जब उन्होंने एक पारी में 4 विकेट लिए थे वह 2015 का वर्ष था, जब वेलिंग्टन में विश्वकप के मुकाबले में इंग्लैंड को 7/33 पर तहस नहस करके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

#4 स्टुअर्ट ब्रॉड (10 टेस्ट में 39.48 की औसत से 15 विकेट)

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इंग्लैंड के एशेज़ अभियान का गेंदबाजी विभाग जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की तेज गेंदबाजों के अंतर्गत था। अपनी बल्लेबाजी लाइन-अप की तरह उनके गेंदबाजों से भी अंतरराष्ट्रीय अनुभव लापता था, जैक बॉल जैसे अन्य खिलाड़ी एशेज से पहले केवल 3 टेस्ट मैच खेले थे, जबकि क्रेग ओवर्टन और टॉम कुरन ने अभी तक शुरुआत नहीं की थी। 2017 में अब तक खेले गये 10 टेस्ट मैचों में एंडरसन ने 16.86 की औसत के साथ शानदार प्रदर्शन किया है, और इस दौरान 51 विकेट ले चुके हैं। लेकिन एशेज में एंडरसन के विपरीत ब्रॉड अपना प्रभाव छोड़ने में असफल रहे हैं। गति और उछाल भरी ऑस्ट्रेलियाई पिच पर स्विंग और गति की तलाश में ब्रॉड को उनकी लय बहुत कम प्राप्त हुई। सीम से उत्पन्न गति की कमी ने इंग्लैंड को काफी नुकसान पहुंचाया है और इस साल 39.48 की औसत के साथ वह 4 विकेट के आंकड़े को एक बार भी छू नहीं पाये हैं।

#5 एंजेलो मैथ्यूज़ (9 टेस्ट मैच में 29.11 की औसत से 524 रन)

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एक और सीनियर खिलाड़ी जिसका प्रदर्शन 2017 में अपेक्षाओं से काफी कम रहा है। श्रीलंका का बल्लेबाजी क्रम कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के जाने के बाद सीनियर खिलाड़ी एंजेलो मैथ्यूज पर भारी निर्भर था। लेकिन मैथ्यूज की लगातार चोटों और रनों की कमी के कारण युवाओं और अनुभवहीन बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ गया। वह स्पिन पढ़ने में नाकाम रहे हैं, जिस वजह से रविंद्र जडेजा ने इस साल 6 बार उन्हें आउट किया और साथ ही वह पेस का मुकाबला करने में भी असमर्थ रहे हैं। वह दक्षिण अफ्रीका में इस साल दो टेस्ट मैचों में चारों बार तेज गेंदबाजों की गेंद पर आउट हुए। 29.11 की खराब औसत के साथ वह टीम में आने वाले नये खिलाड़ियों में आवश्यक आत्मविश्वास को स्थापित करने में विफल रहे हैं। और इस साल मैथ्यूज के बल्ले से केवल 2 अर्धशतक और 1 शतक निकला है। लेखक- हिंमाशु अग्रवाल अनुवादक- सौम्या तिवारी