5 घरेलू खिलाड़ी जो बना सकते हैं ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में जगह

Sheffield Shield - QLD v NSW: Day 1

ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है । यहां तक कि टीम के कोच डेरेन लैहमन ने यहां तक कह दिया है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम में डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टॉर्क और जोश होजलवुड के अलावा किसी और खिलाड़ी जगह नहीं पक्की है । इसका मतलब ये है कि 13 में से 9 खिलाड़ियों को 24 तारीख से एडिलेड में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरु हो रहे एडिलेड मैच से पहले ड्रॉप किया जा सकता है । ऑस्ट्रेलिया पहले ही सीरीज हार चुका है, लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता की बात ये है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने आखिरी के 5 टेस्ट और 5 वन-डे हार चुकी है । दूसरे टेस्ट मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने तो हद ही कर दी , स्मिथ ने कहा कि " अगर ईमानदारी से कहूं तो मैं यहां बैठकर काफी शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं' एक वक्त था जब कंगारुओं की टीम भारत, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट रैंकिंग में कड़ी टक्कर दे रही थी, लेकिन अब उनकी हालत बहुत ही खराब है, अब तो एक ड्रॉ और एक जीत भी उनके लिए बड़ी बात है । सीरीज से पहले जो बातें की जा रहीं थी उस पर पूरी तरह से विराम लग गया है । ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के कंधे झुके हुए हैं और होबार्ट टेस्ट के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती थी | ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए ये बेहद ही चिंता का विषय है और इसी में उलझी हुई है कि नए सिरे से कैसे शुरुआत की जाए । लेकिन एक बात तो तय है कि ऑस्ट्रेलिया को अब नए चेहरों की जरुरत है, नाथन लायन, पीटर नेविल और एडम वोग्स के खराब फॉर्म को देखते हुए ये और भी जरुरी हो जाता है । हालांकि उन्होंने होबॉर्ट टेस्ट में 2 नए खिलाड़ियों को मौका जरुर दिया, लेकिन वे सभी अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे । ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं को चाहिए कि वो शेफील्ड शील्ड में शानदार प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों पर ध्यान दे, जिनके बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है, लेकिन अभी तक चयनकर्ताओं का ध्यान उनकी तरफ गया नहीं है । आपको हम बताते हैं 5 ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में जो बना सकते हैं ऑस्ट्रेलिया के नेशनल टीम में जगह :

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5. कुर्टिस पैटर्सन-

2011 की शेफील्ड शील्ड में कुर्टिस पैटर्सन डेब्यू मैच में ही शतक जड़ने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने । उन्होंने न्यू साउथ वेल्स की तरफ से खेलते हुए वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 157 रनों की पारी खेली । हालांकि इसके बाद उनका फॉर्म उतना अच्छा नहीं रहा, लेकिन 2015-16 का सीजन पैटर्सन के लिए बहुत ही शानदार रहा । उन्होंने इस सीजन में 737 रन बनाए और अपनी टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे, वहीं ओवरऑल छठे नंबर पर रहे । 32 प्रथम श्रेणी मैचो में 42. 5 की औसत से पैटर्सन के नाम 2171 रन हैं और इस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम के मिडिल ऑर्डर के खराब फॉर्म को देखते हुए वो संजीवनी साबित हो सकते हैं । पैटर्सन की उम्र अभी महज 23 साल है और अगर उन्हें पूरा मौका दिया जाए तो वो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को लंबे समय तक सेवा दे सकते हैं । 4. पीटर हैंड्सकोंब-

peter

हो सकता है पीटर नेविल देश के सबसे बड़े विकेटकीपर हों और उन्होंने 2 टेस्ट मैचों में अच्छी बल्लेबाजी भी की हो, लेकिन इन सबके बावजूद टेस्ट बै़ट्समैन के लिए वो उतने अच्छे विकल्प नहीं हैं । ऐसे में हैंड्सकोंब को टीम में जगह मिल सकती है । विक्टोरिया के लिए डेब्यू करने के साथ ही हैंड्सकोंब का प्रदर्शन शानदार रहा है । यहां तक कि 2015 में उनको वनडे टीम में शामिल भी किया गया था, लेकिन उन्हें डेब्यू का मौका नहीं मिला । पीटर हैंड्सकोंब कभी-कभी कीपिंग करते हैं, लेकिन निचलेक्रम में वो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को मजबूती प्रदान कर सकते हैं , जो कि अभी काफी कमजोर दिख रही है। 60 प्रथम श्रेणी मैचों में हैंड्सकोंब का औसत 38.71 का है, जिसमें उन्होंने 8 शतक और 24 अर्धशतक लगाए हैं । 2015-16 के शेफील्ड सीजन में वो टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में तीसरे नंबर पर रहे । पीटर ने 43.55 की औसत से 784 रन बनाए । ऐसे में उनके मौजूदा फॉर्म को देखते हुए वो ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं । 3. चैड सेयर्स-

Sheffield Shield - WA v SA: Day 3

होबार्ट टेस्ट में जब पीटर सिडल की जगह जोए मेनी को टीम में शामिल किया गया , तो काफी सवाल उठे । क्योंकि भले ही मेनी ने पिछले शेफील्ड सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लिए हों, लेकिन सेयर्स की गेंद को स्विंग करने की क्षमता उन्हें औरों से अलग से करती है । ऐसे में क्रिकेट के जानकारों के अनुसार वो मेनी से अच्छे विकल्प साबित हो सकते थे । पहली बार वो 2012-13 के शेफील्ड सीजन में गेंद को स्विंग कराने की क्षमता के कारण मशहूर हुए । उस सीजन में उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लिए और वो साउथ ऑस्ट्रेलिया के प्लेयर ऑफ द सीजन थे । 2016 में न्यूजीलैंड दौरे के लिए उन्हें टीम में शामिल भी किया गया, लेकिन उन्हें डेब्यू का मौका नहीं मिला । 46 प्रथम श्रेणी मैचों में सेर्यस ने 23.8 की औसत से 184 विकेट लिए हैं, जिसमें दस बार उन्होंने 5 विकेट लेने का कारनामा किया है । घरेलू मैचों में बेस्ट स्विंग गेंदबाज होने के बावजूद अभी तक सेयर्स को टीम में जगह नहीं मिलना समझ से परे है । लेकिन आने वाले दिनों में चयनकर्ता जरुर इस गेंदबाज को मौका दे सकते हैं । 2. जैक लैहमन-

Sheffield Shield - SA v VIC

जैक लेहमन ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच डेरेन लैहमन के बेटे हैं और साउथ ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने काफी रन बनाए हैं । टैलेंट उनमें कूट-कूटकर भरा हुआ है । पिछले शेफील्ड सीजन उनके लिए काफी शानदार रहा । जिसमें लैहमन ने 44.5 की औसत से 623 रन बनाए । इस दौरान उन्होंने 3 शतक भी जड़ा । लैहमन के अंदर रनों की गजब की भूख है, यही कारण है कि शतक बनाने के बाद वो उसे बड़ा शतक बनाने की कोशिश करते हैं । इसी का परिणाम है कि उन्होंने तस्मानिया के खिलाफ अपना पहला दोहरा शतक (205) भी जड़ा । 18 मैचों में लैहमेन ने 48.96 की औसत से 1322 रन बनाए हैं, जिसमें उनके 5 शतक शामिल है । मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को अभी एक ऐसे खिलाड़ी की जरुरत है जो कभी ना हार मानने वाला हो, और अच्छे स्वभाव वाला हो । अपने पिता की ही तरह जैके लेहमन के अंदर ये दोनों ही गुण हैं । अभी पिछले हफ्ते ही उन्होंने तस्मानिया के खिलाफ शानदार 129 रन बनाए हैं । हालांकि डेरेन लैहमन ने साफ कर दिया है कि अपने बेटे के चयन के लिए वो चयनकर्ताओं से बिल्कुल भी चर्चा नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी जैके लेहमन ऑस्ट्रेलियाई टीम के मिडिल ऑर्डर के पसंदीदा खिलाड़ी हो सकते हैं ।

  1. कैमरन बैनक्रॉफ्ट-

Australia A v South Africa A

कैमरन बैनक्रॉफ्ट बहुत ही शानदार बैट्समैन हैं । उनकी तकनीक अच्छी है और घरेलू क्रिकेट में अपने खेल से उन्होंने काफी नाम कमाया है । 2014-15 के शेफील्ड सीजन में बैनक्रॉफ्ट ने 471.5 की औसत से 896 रन बनाए । 2015 में बांग्लादेश में टेस्ट सीरीज के लिए बैनक्रॉफ्ट को ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह भी दी गई थी । पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ओपनर जस्टिन लेंगर ने बैनक्रॉफ्ट की खुलकर तारीफ की है, लेंगर ने बेनक्रॉफ्ट को देश के सबसे अच्छे सलामी बल्लेबाजों में से एक बताया, फिर भी उन्हें अभी ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट में खेलने का मौका नहीं मिला है । होबार्ट टेस्ट की दोनों पारियों में जोए बर्न्स अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और ऑस्ट्रेलियाई मिडिल ऑर्डर में भी अच्छे बल्लेबाजों की जरुरत है, ऐसे में बैनक्रॉफ्ट ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं । वहीं नेविल के फॉर्म को देखते हए टीम को उनसे अतिरिक्त लाभ भी मिल सकता है । अगर आंकड़ों की बात करें तो 44 प्रथम श्रेणी मैचो में कैमरन ने 37.22 की औसत से 7 शतक लगाते हए 2782 रन बनाए हैं । ऐसे में जरुरत है कैमरन को बस एक मौका मिलने की और उम्मीद है उन्हें ये मौका जल्द ही मिलेगा ।

Edited by Staff Editor
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