पाकिस्तान खेल के इतिहास में सबसे सफल वनडे क्रिकेट टीमों में से एक है और हालांकि उन्होंने केवल एक विश्व कप जीता है, लेकिन वे ऐतिहासिक रूप से खेल के दूसरे सबसे छोटे प्रारूप में सबसे मजबूत टीमों में से रहे हैं जिन्होंने लंबे समय तक क्रिकेट में अपना राज जमाया। उन्होंने पिछले कई वर्षों से कुछ बेहतरीन क्रिकेटरों को विश्व से रूबरू करवाया है और कुछ उल्लेखनीय जीत दर्ज की हैं। हालांकि वे खेल में सबसे अप्रत्याशित पक्षों में से एक हैं और अक्सर एक शानदार प्रदर्शन के बाद कुछ चौंकाने वाला प्रदर्शन कर देते हैं। अपनी उतार चढ़ाव प्रवृत्ति से मूर्खतापूर्ण फैसलों के कारण पाकिस्तान को पिछले कुछ दशकों में वनडे क्रिकेट में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। अपनी शर्मनाक हार से लेकर अपने कट्टर विरोधियों के आगे घुटने टेकने तक पाकिस्तान ने उन सभी का अनुभव किया है। यहां हम वनडे इतिहास में पाकिस्तान को मिली 5 सबसे ज्यादा शर्मनाक हार के बारें में बतायेंगे-
#5 वेस्टइंडीज से सात विकेट की हार, केपटाउन 1993
90 के दशक की शुरुआत में भी वेस्टइंडीज टीम का तेज गेंदबाजी का आक्रमण काफी अच्छा माना जाता था। अगर कोई भी टीम वेस्ट इंडीज से हारती थी तो उसे ज्यादा शर्मिंदगी नहीं झेलनी पड़ती था। 1993 में पाकिस्तान जैसी मजबूत टीम को भी वेस्टइंडीज के पेस अटैक के सामने घुटने टेकने पड़े थे। केपटाउन में खेले गये त्रिकोणीय श्रृंखला के दूसरे मैच में पाकिस्तान को बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया था और इससे पहले की लंबा समय बीतता उन्होंने 11 पर 3 विकेट गंवा दिये थे। हालांकि, इससे खराब कुछ नहीं हो सकता था कि कोई भी खिलाड़ी पेस से सामने खड़े नहीं हो पाए और कोर्टनी वॉल्श, पैट्रिक पैटरसन और एंडरसन कमिंग्स जैसे गेंदबाजों का सामना कर पाए। केवल जाहिद फज़ल ने 21 रन बनाए और अगला उच्चतम स्कोर 5 था क्योंकि पाकिस्तान की पारी सिर्फ 19.5 ओवर में 43 रन पर ढ़ह गयी थी। हालांकि पाकिस्तान का अपना तेज गेंदबाजी आक्रमण बहुत बुरा नहीं था और वसीम अकरम और वकार यूनुस ने जल्द ही वेस्टइंडीज के स्कोर को 11 रन पर 3 विकेट कर दिया लेकिन कुल 43 रन का स्कोर किसी भी टीम की जीत के लिए बहुत ही साधारण लक्ष्य होता है। ब्रायन लारा और रिची रिचर्डसन की जोड़ी ने वेस्टइंडीज का और कोई नुकसान नहीं होने दिया और पाकिस्तान को उसकी सबसे खराब हार में से एक का सामना करवा दिया।
#4 विश्व कप लीग मैच में बांग्लादेश से मिली 62 रनों की हार,नॉर्थम्प्टन 1999
बांग्लादेश को आज क्रिकेट में निपुण राष्ट्र के तौर पर जाना जाता है लेकिन 1999 में उन्हें मजबूती से लड़ने वाले लड़कों में से एक माना जाता था और जब वे लीग चरण में पाकिस्तान के सामने आए थे तो सभी को केवल एक ही परिणाम की उम्मीद थी। पाकिस्तान उस वर्ष शानदार ढंग से खेल रहा था और जब वे बांग्लादेश का सामना करने उतरे तो वह सुपर सिक्स में पहले से ही अपनी जगह बना चुके थे। पाकिस्तान ने कुछ खिलाड़ियों को आराम दिया लेकिन फिर भी 50 ओवरों में अपने विरोधियों को 223 तक सीमित कर दिया और कोई भी संदेह नहीं था कि वे आसानी से लक्ष्य तक पहुंच जायेंगे। हालांकि, शुरुआत से ही चीजें बहुत ही खराब हो गईं क्योंकि शाहिद अफरीदी पहले ओवर में पवेलियन लौट गये और एजाज अहमद उनके पीछे पीछे लौट गये। जल्द ही पाकिस्तान का स्कोर सिर्फ 29 रन पर 4 विकेट हो गया और पाकिस्तानी पारी बुरी तरह संघर्ष करने लगी। हालांकि मध्य क्रम के कुछ योगदानों ने उन्हें 161 रनों तक पहुंचा दिया लेकिन केवल 44.3 ओवरों में पूरी की पूरी टीम धराशायी हो गयी। यह पाकिस्तान के इतिहास में सबसे शर्मनाक हार में से एक है।
#3 विश्व कप ग्रुप मैच आयरलैंड से मिली 3 विकेट की हार, जमैका 2007
यह ऐसी हार थी जो पाकिस्तानी टीम और उसके प्रशंसकों के जहन में आज भी ताजा होगी। क्योंकि 2007 विश्व कप में आयरलैंड जैसी छोटी टीम के हाथों मिली हार के कारण पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था और मैच के बाद कोच बॉब वूल्मर की मौत ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था। आयरलैंड ने पाकिस्तान को बल्लेबाजी करने का मौका दिया और उनके तेज गेंदबाज बॉय रैंकिंन के नेतृत्व में आयरलैंड के गेंदबाजों ने 1992 के विश्व कप विजेताओं को पूरी तरह से धराशायी कर दिया। आयरलैंड के गेंदबाजों ने पाकिस्तान का स्कोर 66 रन पर 5 विकेट कर दिया और अंत में 46वें ओवर में पूरी टीम को केवल 132 रनों पर समेट दिया। यह एक चौंकाने वाला प्रदर्शन था और बारिश के अवरोध के बाद आयरलैंड 42 वें ओवर में आसानी से लक्ष्य पर पहुंच गया। हालांकि पाकिस्तान ने शुरुआती दो विकेट 15 रन पर झटक कर उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन आयरलैंड की टीम ने पूरा हौसला दिखाया और इंजमाम-उल-हक की अगुआई वाली टीम को एक शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
#2 विश्व कप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 8 विकेट से हार का सामना, लॉर्ड्स 1999
दिग्गज वसीम अकरम के नेतृत्व में पाकिस्तान ने पूरे 1999 के विश्व कप में शानदार क्रिकेट खेला और जब वे फाइनल में पहुंचे, तो उम्मीद थी कि वह एक पूरे टूर्नामेंट की तरह ही यह मैच भी जीत ले जायेगा। यह 1992 के बाद उनका पहला फाइनल था और उन्होंने ग्रुप स्टेज में ऑस्ट्रेलिया को हराया था इस बात को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान के प्रशंसकों और टीम को विश्व चैंपियन बनने के लिए पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी थी। हालांकि, टॉस जीतने के बाद सब कुछ गलत हो गया और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। लॉर्ड की अच्छी पिच पर, पाकिस्तानी बल्लेबाज कुछ समझ पाते इससे पहले उन्होंने अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों (वजाहत्तुला वस्ती और सईद अनवर) को केवल 15 रन पर खो दिया, जिसके बाद अब्दुर रज्जाक और इजाज अहमद ने साझेदारी करने की कोशिश की। हालांकि, यह जोड़ी बहुत देर तक टिकी नहीं रह सकी क्योंकि शेन वॉर्न के शानदार जादू (4-33) के कारण एक समय 68 पर 2 विकेट रहने वाली पाकिस्तान 132 रनों पर आउट हो गया। ऑस्ट्रेलिया फिर 20.1 ओवरों में लक्ष्य पर पहुंच गया और आठ विकेट शेष रहते हुए विश्व कप को अपने नाम कर लिया।
#1 शारजाह कप फाइनल में भारत द्वारा मिली 38 रनों की हार, शारजाह 1985
सच्चाई यह है कि 1980 और 1990 के दशक में पाकिस्तान खेल के सभी प्रारूपों में भारत पर हावी था और शायद यही वजह है कि अपने सबसे बड़े दुश्मन के खिलाफ फाइनल में 126 का पीछा करने में उनकी विफलता उनके एकदिवसीय इतिहास में सबसे शर्मनाक हार मानी जाती है। जावेद मियांदाद का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला उनके लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ क्योंकि इमरान खान ने मैच की पहली गेंद पर रवि शास्त्री को पवेलियन भेज दिया और फिर पाकिस्तानी दिग्गज ने 5 और विकेट लेकर (10 ओवरों में 14 रन देकर 6 विकेट लिए) भारतीय टीम की पूरी तरह से बिखेर दिया। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 47 रन बनाए और भारत ने किसी तरह से 100 रन पार करते हुए स्कोरबोर्ड पर 125 रन लगाये। पाकिस्तान की शानदार बल्लेबाजी लाइन के खिलाफ भारत के लिए बहुत उम्मीद नहीं थी और जब वह एक समय 35 रन पर 1 विकेट के स्कोर तक पहुंचने के बाद उनकी जीत बहुत ही आसान दिख रही थी। हालांकि पतन की शुरुआत वहीं से हुई। रोजर बिन्नी ने मुदस्सार नज़र को आउट किया और फिर जावेद मियांदाद, अशरफ अली और इमरान खान बिना कोई रन बनाये आउट हो गये। अचानक पाकिस्तान का स्कोर 41 रन पर 5 विकेट हो चुका था। भारत ने लगातार हमले किये और आखिरकार उन्हें 87 रनों पर आउट कर दिया, जिससे पाकिस्तान को उनकी सबसे बड़ी शर्मनाक एकदिवसीय हार का सामना करना पड़ा। लेखक- एस समाद्दार अनुवादक- सौम्या तिवारी