ऑस्ट्रेलिया, भारत और श्रीलंका के बीच हुए इस त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में आमने सामने थी भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमों, जहाँ “बेस्ट ऑफ़ थ्री” फाइनल के बाद विजेता टीम का पता चलता। सिडनी में हुए पहले फाइनल को जीत कर भारतीय टीम 1-0 से आगे थी। दूसरा मैच ब्रिस्बन ने होने वाला था और यह दोनों टीमों के लिए काफी महत्वपूर्ण मुकाबला होने वाला था। टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को सचिन और उथप्पा की सलामी जोड़ी ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 94 रन जोड़े, उसे बाद सचिन ने युवराज के साथ भी 54 रन जोड़े। पहले फाइनल में शतक बनाने वाले सचिन इस बार शतक से चूक गये और 91 रन बना कर आउट हुयें। उस समय भारत का स्कोर 205-4 था और लग रहा था की टीम आसानी से 275 रनों के ऊपर पहुँच जाएगी लेकिन ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के मंसूबे कुछ और ही थे और भारतीय टीम 50 ओवर में 258 ही बना पाई। 259 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने 32 रनों के अंदर ही गिलक्रिस्ट, पोंटिंग और क्लार्क का विकेट खो दिया। उसके बाद हेडेन और साइमंड्स ने टीम की पारी को पटरी पर लाने की कोशिश की लेकिन दोनों ने एक ही ओवर में अपना विकेट गंवा दिया। जेम्स होप्स और माइकल हसी ने उसके बाद 76 रनों की साझेदारी की लेकिन जब अंतिम 8 ओवर में 60 रन चाहिए थे तभी हसी ने अपना विकेट गंवा दिया। उसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे। अंतिम ओवर में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी लेकिन इरफ़ान पठान ने 2 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को ऑल कर दिया और भारत ने सीरीज अपने नाम कर लिया।