श्रीलंका के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ 1-0 से जीतने वाली टीम इंडिया के लिए वनडे सीरीज़ का पहला मुक़ाबला किसी बुरे सपने से कम नहीं था, जब महज़ 112 रनों पर भारतीय क्रिकेट टीम ऑलआउट हो गई थी। इसके बाद श्रीलंका धर्मशाला वनडे 7 विकेट से जीतकर ऊंचे मनोबल के साथ मोहाली पहुंचा, तो वहीं भारतीय क्रिकेट टीम पिछले वनडे को महज़ एक ख़राब दिन मानकर वापसी करने के इरादे से मैदान पर उतरी थी। किसी भी खेल में हार या ख़राब प्रदर्शन के बाद अगले मैच में उन ग़लतियों से सबक़ लेकर उतरना ही बड़ी टीम की आदत होती है। टीम इंडिया ने भी वही किया और एक ऐसी शानदार वापसी की जिसकी उम्मीद शायद ही किसी को रही होगी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने वनडे करियर का तीसरा दोहरा शतक (208*) लगाते हुए टीम को 392 रनों तक पहुंचा दिया। पिछले मैच में 112 और अगले मैच में 392/4, ये कमाल की वापसी थी जो इस टीम के जज़्बे को दर्शाता है। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ था भारतीय क्रिकेट टीम ने वनडे इतिहास में इससे भी बड़ी वापसी की है, और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी टीम इंडिया के ही नाम है। एक नज़र डालते हैं क्रिकेट इतिहास की ऐसी 5 बेहतरीन वापसी पर: (नोट: यहां हमने पिछली पारी में ऑलआउट होने के बाद अगली पारी में बड़ा स्कोर बनाते हुए 5 ऐसे मौक़ों को लिया गया है, जिसका आधार दो पारियों के बीच रनों का अंतर है।)
#5 भारत 170 और 414/7 (244 रनों का अंतर)
2009 के नवंबर में भारत के सामने थी ऑस्ट्रेलिया और मुक़ाबला गुवाहाटी में खेला जा रहा था। जहां टॉस जीतकर भारतीय क्रिकेट टीम 48 ओवर में 170 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। टीम इंडिया की तरफ़ से रविंद्र जडेजा ने नाबाद 57 और हरभजन सिंह ने 54 रन बनाए थे जबकि कंगारुओं की ओर से डगी बॉलिंगर ने 5 विकेट झटके थे। ऑस्ट्रेलिया ने ये मुक़ाबला 6 विकेटों से जीत लिया था। मैच के साथ साथ भारत सीरीज़ भी हार चुका था, टीम का मनोबल गिरा हुआ था। ऑस्ट्रेलिया के बाद अगले महीने श्रीलंकाई टीम भारत दौरे पर आई जहां दिसंबर में वनडे सीरीज़ का पहला मुक़ाबला राजकोट में खेला गया था। इस मुक़ाबले में वीरेंदर सहवाग के आतिशी 146 रनों की बदौलत भारत ने स्कोर बोर्ड पर 414 रन खड़ा कर दिया था, हालांकि श्रीलंका ने भी ज़बर्दस्त जवाब दिया और 411 रन बना दिए थे। टीम इंडिया के लिए ये शानदार वापसी थी, पिछले वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैच में 170 रनों पर ऑलआउट होने वाली भारतीय टीम ने अगले ही मैच में 414 रन बनाए। दो पारियों के बीच का अंतर 244 रन था।
#4 केन्या 103 और 347/3 (244 रनों का अंतर)
इस फ़ेहरीस्त में केन्या भी शामिल है जो एक समय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की उभरती हुई टीम मानी जा रही थी। 2003 विश्वकप में तो इस टीम ने सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र तय करते हुए सभी को चौंका दिया था। 3 अक्तूबर 1996 को दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ नैरोबी में केन्या को 202 रनों की बड़ी हार का सामना करना पड़ा था जब प्रोटियाज़ के 305 रनों के जवाब में केन्या सिर्फ़ 103 रनों पर ऑलआउट हो गई थी, अफ़्रीका की ओर से एलन डोनाल्ड ने 23 रन देकर 6 विकेट झटका था। केन्या ने इस हार से सबक़ लेते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार वापसी की थी, हालांकि अगला अंतर्राष्ट्रीय वनडे खेलने के लिए उन्हें एक साल का इंतज़ार करना पड़ा। जब बांग्लादेश 1997 अक्तूबर में ट्राइंगुलर सीरीज़ के लिए नैरोबी पहुंची थी, इस टूर्नामेंट की तीसरी टीम ज़िम्बाब्वे थी। सीरीज़ के पहले मुक़ाबले में केन्या के सलामी बल्लेबाज़ दीपक चुदासामा (122) और केनेडी ओटिएनो (144) ने शतक जड़ते हुए पहले विकेट के लिए 225 रनों की साझेदारी की और टीम का स्कोर 347/3 रन पहुंचा दिया था। जवाब में बांग्लादेश की पारी 197 रनों पर ढेर हो गई थी, केन्याई कप्तान आसिफ़ करीम (पारी में 5 विकेट) को मैन ऑफ़ द मैच से नवाज़ा गया था।
#3 ऑस्ट्रेलिया 151 और 417/6 (266 रनों का अंतर)
आईसीसी वर्ल्डकप 2015 में ऑस्ट्रेलिया को न्यूज़ीलैंड ने बेहद रोमांचक मैच में सिर्फ़ 1 विकेट से शिकस्त दी थी। ऑकलैंड में खेले गए इस मुक़ाबले में कंगारू टीम ट्रेंट बोल्ट (5/27) की घातक गेंदबाज़ी की बदौलत 151 रनों पर ढेर हो गई थी। लेकिन इस टीम ने बेहतरीन जज़्बा दिखाते हुए क़रीब क़रीब मैच जीत लिया था, मिचेल स्टार्क ने 6 कीवी बल्लेबाज़ों को अपना शिकार बनाया था। लेकिन अंत में 1 विकेट से न्यूज़ीलैंड जीत दर्ज कर पाने में क़ामयाब रही। वर्ल्डकप में 151 रनों पर ऑलआउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अगले मैच में लाजवाब वापसी की। अगला मुक़ाबला पर्थ में खेला गया जहां डेविड वॉर्नर के शानदार 178, स्टीव स्मिथ (95) और ग्लेन मैक्सवेल के 39 गेंदो पर 88 रनों की पारी की बदौलत कंगारुओं ने स्कोर बोर्ड पर 417 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था। वर्ल्डकप में पहली बार खेल रही अफ़ग़ानिस्तान इसके जवाब में महज़ 142 रनों पर ढेर हो गई। पिछली पारी में 151 और अगली पारी में 417 रन का स्कोर खड़ा कर ऑस्ट्रेलिया इस फ़ेहरीस्त में 266 रनों के अंतर के साथ तीसरे स्थान पर है।
#2 भारत 112 और 392/4 (280 रनों का अंतर)
2017 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपने घर में खेलते हुए टेस्ट सीरीज़ 1-0 से जीतने वाली टीम इंडिया के लिए 3 मैचों की वनडे सीरीज़ का पहला मुक़ाबला किसी बुरे सपने से कम नहीं था, जब महज़ 112 रनों पर भारतीय क्रिकेट टीम ऑलआउट हो गई थी। एक समय भारत का स्कोर 29/7 था, ऐसा लग रहा था कि कहीं वनडे इतिहास के सबसे कम स्कोर पर टीम इंडिया आउट न हो जाए। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने 65 रनों की बेमिसाल पारी खेलते हुए भारत को 112 रनों तक पहुंचाया, हालांकि श्रीलंका ने मुक़ाबला 7 विकेट से अपने नाम कर लिया था। तीन दिनों बाद 13 दिसंबर 2017 को अगला मैच मोहाली में था और टीम के साथ साथ विराट कोहली की ग़ैरमौजूदगी में कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा भी दबाव में थे। इस मैच में हार का मतलब था सीरीज़ में हार, लेकिन रोहित ने जो किया वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। रोहित शर्मा ने वनडे क्रिकेट करियर का तीसरा दोहरा शतक लगा डाला और भारत को 392/4 रनों के स्कोर तक पहुंचा डाला। वनडे क्रिकेट इतिहास में एक बार से ज़्यादा दोहरा शतक लगाने वाले रोहित दुनिया के इकलौते बल्लेबाज़ हैं। रोहित की इस करिश्माई पारी की बदौलत भारत ने ये मुक़ाबला 141 रनों से अपने नाम कर लिया। इस तरह से लगातार दो पारियों के स्कोर के बीच का अंतर रहा 280 रन। जो विश्व कीर्तिमान से बस 4 रन कम है, वर्ल्ड रिकॉर्ड भी टीम इंडिया के ही नाम है।
#1 भारत 103 और 387/5 (284 रनों का अंतर)
29 अगस्त 2008, श्रीलंका के ख़िलाफ़ टीम इंडिया 5 मैचों की सीरीज़ 3-1 से पहले ही जीत चुकी थी और आख़िरी मुक़ाबला कोलंबो में खेला गया था। जहां पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मेज़बान टीम ने 227/6 रन बनाए, इसके बाद बारिश ने मैच में ख़लल डाला और भारत को 44 ओवर में 216 रनों का रिवाइज़्ड टार्गेट मिला। लेकिन टीम इंडिया महज़ 103 रनों पर ही ढेर हो गई और इस तरह से सीरीज़ तो भारत ने जीता लेकिन पांचवां मुक़ाबला श्रीलंका की झोली में गया। श्रीलंका दौरे के बाद टीम इंडिया अपने घर लौट आई थी और फिर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 7 मैचों की वनडे सीरीज़ का पहला मुक़ाबला 14 नवंबर को राजकोट में खेला गया। जहां पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टीम इंडिया ने युवराज सिंह के आतिशी शतक (78 गेंदो पर 138 नाबाद) की बदौलत स्कोर बोर्ड पर 387/5 रन खड़े कर दिए थे। जिसके जवाब में इंग्लैंड 229 रनों पर ढेर हो गया और भारत को एक बड़ी जीत नसीब हुई। इस मुक़ाबले को वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़े कमबैक की तरह भी देखा जाता है, जहां पिछले मैच में भारत 103 रनों पर ऑलआउट हुआ था। तो अगले ही मैच में 387 रनों का पहाड़ खड़ा कर चुका था, इस तरह से दो लगातार पारियों के बीच रनों का अंतर रहा था 284 रन, और इसलिए इस फ़ेहरीस्त में ये नंबर-1 पर क़ायम है।