5 मौके जब भारतीय टीम ने विशाल लक्ष्य का सफल पीछा किया

90 के दशक के बच्चों के लिए यह सिंडरेला की कहानी के समान है। एमएस धोनी और विराट कोहली ने पक्का किया कि भारतीय क्रिकेट फैंस टीवी बंद नहीं करे और विश्वास दिलाया कि उनकी टीम बड़े लक्ष्य का सफल पीछा करने की क्षमता रखती है। एक समय की बात है जब भारतीय टीम बड़े लक्ष्य का पीछा करती होती थी तो उसके बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह बिखरकर मैच हार जाते थे। अब रविवार को हुए मैच को ही ले लीजिए। विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और इंग्लैंड ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 350 रन का पहाड़ नुमा स्कोर बना दिया। इंग्लैंड की टीम को तभी जीत की आस लग गई थी जब भारत के शीर्ष चार बल्लेबाज 63 रन के स्कोर पर पवेलियन लौट गए थे। धोनी और युवराज जैसे दिग्गज फिनिशर आउट होने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल थे। मगर भारत की बेंच स्ट्रेंथ कितनी मजबूत है, इसे स्थानीय लड़के केदार जाधव ने दर्शाया। उन्होंने अपनी जिंदगी की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए विराट कोहली के साथ मिलकर भारत को जीत दिलाई। भारत ने चौथी बार सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य का सफल पीछा किया। अगर 10 सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य का सफल पीछा करने के आंकड़े पर गौर करे तो उसमे भी भारतीय टीम का पलड़ा भारी है। भारत ने चार स्थानों पर अपना नाम दर्ज कर रखा है। आज हम भारत के वन-डे में 5 सफल विशाल लक्ष्य का पीछा करने के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, आइए नजर डालते हैं :


362/1 बनाम ऑस्ट्रेलिया, जयपुर 2013

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 359 रन के लक्ष्य का पीछा करना कभी भी आसान नहीं होता, फिर चाहे पिच जैसी भी हो। मगर भारत ने शुरुआत से ही दर्शाया कि उसे इस लक्ष्य को हासिल करने में कोई परेशानी नहीं है। भारत ने पहले विकेट के लिए 26 ओवर में 176 रन की साझेदारी की। शिखर धवन ने आउट होने से पूर्व 86 गेंदों में 95 रन बनाए और रोहित शर्मा ने 123 गेंदों में नाबाद 141 रन की पारी खेली। रोहित ने विराट कोहली के साथ दूसरे विकेट के लिए 186 रन की अविजित साझेदारी की और भारतीय टीम को विशाल स्कोर का सफल पीछा सिर्फ 43.3 ओवर में करा दिया। विराट कोहली ने भी उम्दा पारी खेली और सिर्फ 52 गेंदों में शतक ठोंका। भारत ने दर्शाया कि उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज किस स्तर के हैं और वो मिचेल जॉनसन व जेम्स फॉकनर जैसे दिग्गज गेंदबाजों के सामने कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं। 356/7 बनाम इंग्लैंड, पुणे, 2017 jadhav kohli इसे भारत का घर में सबसे सफल लक्ष्य का पीछा करना करार दिया जा सकता है, क्योंकि इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण ऑस्ट्रेलिया से भी बेहतर था, जो 362 रन के लक्ष्य की रक्षा नहीं कर सकी थी। इंग्लैंड ने तीन बल्लेबाजों के अर्धशतकों की मदद से 350 रन का विशाल स्कोर बनाया। जवाब में भारतीय टीम एक समय 63 रन पर चार विकेट गंवाकर मुश्किल में फंसी हुई थी। ओपनर्स के साथ एमएस धोनी और युवराज सिंह जैसे दिग्गज फिनिशर्स पवेलियन लौट चुके थे। भारत को केदार जाधव के रूप में हीरो मिला, जिसने भारतीय बल्लेबाजों में छठा सबसे तेज शतक ठोंका। जाधव ने विराट कोहली के साथ पांचवें विकेट के लिए 200 रन की साझेदारी की जो सिर्फ 147 गेंदों में बने। उन्होंने कोहली पर से दबाव हटाया और फिर बाकी का काम निचलेक्रम के बल्लेबाजों ने किया। यह भी उल्लेखनीय रहा कि जब कोहली 105 गेंदों में 122 रन बनाकर आउट हुए तब भारत को जीतने के लिए 88 रन की दरकार थी। केदार ने 76 गेंदों में 120 रन बनाए और फिर हार्दिक पांड्या ने नाबाद 40 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। भारत ने 11 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल किया। ऐसे में इसे भारत का सर्वश्रेष्ठ चेज मानना गलत नहीं होगा। 351/4 बनाम ऑस्ट्रेलिया, नागपुर, 2013

CRICKET-IND-RSA

ऑस्ट्रेलिया ने शेन वॉटसन और जॉर्ज बैली के शतकों की मदद से भारत के सामने 351 रन का विशाल लक्ष्य रखा। रोशनी के नीचे भारतीय टीम नियंत्रित नजर आई, विशेषकर विराट कोहली ने भारत की तरफ से शीर्ष पांच सबसे तेज शतक ज़माने वाले बल्लेबाजों में अपना नाम शुमार किया। धवन ने 102 गेंदों में शतक जमाया और रोहित शर्मा (76) के साथ पहले विकेट के लिए 178 रन की साझेदारी की। कोहली ने यहाँ से जिम्मेदारी उठाते हुए 66 गेंदों में 115 रन की नाबाद पारी खेली और भारत को यादगार जीत दिलाई। विराट ने धवन और सुरेश रैना के साथ 56-56 रन की साझेदारी की और फिर एमएस धोनी के साथ 61 रन की साझेदारी की। भारत ने 49.3 ओवर में 351 रन के लक्ष्य का सफल पीछा किया। 331/4 बनाम ऑस्ट्रेलिया, सिडनी, 2016

Australia v India - Game 5

विदेशी धरती पर भारत का रिकॉर्ड अधिकांश ख़राब रहा है और इसे ध्यान में रखते हुए यह जीत यादगार है। सिडनी के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को हराना बहुत बड़ी उपलब्धि है। भारत ने 330 रन के लक्ष्य का सफल पीछा किया जो किसी कारनामे से कम नहीं है। ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वॉर्नर और मिचेल मार्श के शतकों की मदद से 330 रन बनाए। भारत ने पहले वविकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की। कोहली इस पारी में सफल नहीं हो सके, लेकिन रोहित शर्मा ने 99 रन की पारी खेलकर भारत के लिए मैच खोल दिया। उनके आउट होने के समय भारत का स्कोर 35 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 231 रन था। हालांकि युवा मनीष पांडे ने दर्शाया कि वह कितने क्षमतावान हैं और 81 गेंदों में 104 रन की मैच विजयी पारी खेल डाली। पांडे ने एमएस धोनी के साथ चौथे विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी की, जिसमें धोनी ने सिर्फ 34 रन का योगदान दिया। भारत ने 50वें ओवर में 331 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा कर लिया। यह जीत भारत के लिए सीरीज में साख बचाने वाली रही क्योंकि वह पिछले 4 वन-डे हार चुकी थी। 330/4 बनाम पाकिस्तान, ढाका, 2012

Indian batsman Sachin Tendulkar (L) and

अपने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ सफल लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल करने से हमेशा भारतीय फैंस को ख़ुशी मिलती है। वो जीत जो एशिया कप में मिली हो और भी विशेष हो जाती है। पाकिस्तान ने ढाका में पहले बल्लेबाजी करते हुए मोहम्मद हफीज और नासीर जमशेद के शतकों की मदद से 329 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की शुरुआत बेहद ख़राब रही क्योंकि पारी की दूसरी गेंद पर गौतम गंभीर आउट हो गए। सचिन तेंदुलकर ने 48 गेंदों में 52 रन की पारी खेली और विराट कोहली के साथ 133 रन की साझेदारी की। कोहली ने 148 गेंदों में 183 रन की पारी खेली और रोहित शर्मा के साथ तीसरे विकेट के लिए 172 रन की साझेदारी की। रोहित ने इसमें 68 रन का योगदान दिया। कोहली जीत के करीब पहुंचते समय आउट हो गए, लेकिन भारत ने 13 गेंद शेष रहते मैच जीत लिया।