इसे भारत का घर में सबसे सफल लक्ष्य का पीछा करना करार दिया जा सकता है, क्योंकि इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण ऑस्ट्रेलिया से भी बेहतर था, जो 362 रन के लक्ष्य की रक्षा नहीं कर सकी थी। इंग्लैंड ने तीन बल्लेबाजों के अर्धशतकों की मदद से 350 रन का विशाल स्कोर बनाया। जवाब में भारतीय टीम एक समय 63 रन पर चार विकेट गंवाकर मुश्किल में फंसी हुई थी। ओपनर्स के साथ एमएस धोनी और युवराज सिंह जैसे दिग्गज फिनिशर्स पवेलियन लौट चुके थे। भारत को केदार जाधव के रूप में हीरो मिला, जिसने भारतीय बल्लेबाजों में छठा सबसे तेज शतक ठोंका। जाधव ने विराट कोहली के साथ पांचवें विकेट के लिए 200 रन की साझेदारी की जो सिर्फ 147 गेंदों में बने। उन्होंने कोहली पर से दबाव हटाया और फिर बाकी का काम निचलेक्रम के बल्लेबाजों ने किया। यह भी उल्लेखनीय रहा कि जब कोहली 105 गेंदों में 122 रन बनाकर आउट हुए तब भारत को जीतने के लिए 88 रन की दरकार थी। केदार ने 76 गेंदों में 120 रन बनाए और फिर हार्दिक पांड्या ने नाबाद 40 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। भारत ने 11 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल किया। ऐसे में इसे भारत का सर्वश्रेष्ठ चेज मानना गलत नहीं होगा।