न्यूज़ीलैंड और भारत दो ऐसी टीमें हैं, जो बड़े हिटर से लबरेज़ हैं। इन दोनों के बीच विश्वकप 1975 में पहली बार सीमित ओवर का मुकाबला हुआ था। अबतक दोनों टीमों के बीच 93 मुकाबले हो चुके हैं, जिसमें भारत ने 46 और कीवी टीम ने 41 में जीत दर्ज की है। न्यूज़ीलैंड के पास ग्लेन टर्नर, क्रिस कैर्न्स, क्रिस हैरिस, नाथन एस्टल, ब्रेंडम मैकुलम और कोरी एंडरसन जैसे बड़े हिटर अपने-अपने समय पर खेले हैं। वहीं भारत के पास गांगुली, सचिन और द्रविड़ जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ रहे हैं। जिन्होंने कीवी टीम के खिलाफ बड़ी पारियां खेली हैं। आइये आज हम आपको बता रहे हैं कि कब-कब इन टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ बड़ा स्कोर बनाया: न्यूज़ीलैंड-349/9 (राजकोट-नवम्बर, 1999) नाथन एस्टल ने राजकोट में 1999 में भारत के खिलाफ 120 रन की पारी खेली थी। इस मैच में श्रीनाथ, प्रसाद, कुंबले, भरद्वाज और निखिल चोपड़ा भारतीय गेंदबाज़ी के अगुआ थे। सलामी बल्लेबाज़ क्रेग स्पार्मन ने 44 गेंदों में 68 रन की पारी में 15 चौके लगाये थे। उसके बाद रोजर टोज और एस्टल ने 109 रन को भागेदारी करके कीवी टीम को मजबूत किया। हैरिस और एडम परोरे ने भी अच्छी पारी खेली थी। जवाब में भारतीय टीम की तरफ से अजय जडेजा ने 97 रन की संघर्षशील पारी खेली। लेकिन एस्टल ने इस मैच में जडेजा के अलावा द्रविड़ और एमएसके प्रसाद को भी आउट करके कीवी टीम की जीत में अहम योगदान दिया। न्यूज़ीलैंड-348/8 (नागपुर-नवम्बर, 1995) एक बार फिर नाथन एस्टल ने न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी का जिम्मा सँभालते हुए 114 गेंदों में 128 रन ठोंके। वेंकटेश प्रसाद, मनोज प्रभाकर, जवागल श्रीनाथ, आशीष कपूर और कुंबले भारतीय टीम के मुख्य गेंदबाज़ थे। इस मैच में युवा एस्टल ने 12 चौके और एक छक्का जड़ा। इसके अलावा मार्टिन क्रो और फ्लेमिंग ने भी 60 रन की पारी खेली। दिलचस्प बात ये है कि इस मैच में उस समय अजय जडेजा ने एक बार फिर बेहतरीन बल्लेबाज़ी करते हुए 45 गेंदों में 61 रन की पारी खेली। हालाँकि भारतीय टीम 249 रन पर आलआउट हो गयी। इस मैच में एक दुर्घटना के चलते 9 लोगों की मौत भी हो गयी थी। भारत-353/5 (हैदराबाद-नवम्बर, 2003) भारत के तूफानी सलामी बल्लेबाज़ वीरेन्द्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने पहले विकेट के लिए 182 रन की साझेदारी की थी। जिसमें सहवाग ने 130 और सचिन ने 102 रन की पारी खेली थी। उसके बाद इस मैच में राहुल द्रविड़ ने 22 गेंदों में 50 रन बनाये थे। सहवाग और सचिन की इस पारी के बदौलत भारत ने इस मैच में 353 रन बनाये थे। जवाब में कीवी टीम को ज़हीर खान, अजित अगरकर, मुरली कार्तिक और कुंबले ने 208 रन पर समेट दिया था। भारत 376/2 (हैदराबाद-नवम्बर, 1999) गांगुली के जल्द आउट हो जाने के बाद, इस मैच में तेंदुलकर और द्रविड़ ने 150 से अधिक रन की पारी खेली थी। जिसके बदौलत भारत ने 376 रन दो विकेट खोकर बनाये थे। सचिन और द्रविड़ ने मिलकर 331 रन की भागेदारी निभाई थी। साथ ही भारत ने इस मैच में 48 ओवर तक एक भी विकेट नहीं गवांया था। दूसरे विकेट की ये साझेदारी आज भी दूसरे स्थान पर आती है। तेंदुलकर ने इस मैच में 150 गेंदों में नाबाद 186 रन बनाये थे। जिसमें 20 चौके और 3 छक्के शामिल थे। भारत ने कीवी टीम को 202 रन पर आउट करके इस मैच को 174 रन से जीत लिया था। भारत-392/4 (क्राइस्टचर्च-मार्च, 2009) सचिन ने एक बार फिर कीवी टीम के खिलाफ जोरदार बल्लेबाज़ी करते हुए 133 गेंदों में 163 रन की पारी खेली, जिसमें 5 छक्के लगाये। टिम साउथी, इयान बटलर, काइल मिल्स, जैकब ओरम और जीतन पटेल जैसे गेंदबाज़ उस वक्त कीवी टीम में थे। इस मैच में युवराज सिंह ने 60 गेंदों में धुआंधार 6 छक्कों की मदद से 87 रन बनाये थे। इसके अलावा धोनी ने 68 और रैना ने 18 गेदों में 38 रन बनाये थे। इस मैच में न्यूज़ीलैंड की फील्डिंग भी खराब थी। जवाब में राइडर ने 80 गेंदों में 105 रन बनाये थे। कीवी टीम ने 22 ओवर में 166 रन बना लिए थे। लेकिन भारत ने इस मैच को 58 रन से जीत लिया था। लेखक: रोहित संकर, अनुवादक: मनोज तिवारी