भारत के 5 बड़े क्रिकेट स्टेडियम जहां मैदान हमेशा दर्शकों से भरा रहता है

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भारत में खेलना हर एक क्रिकेटर का सपना होता है, जिसे हर कोई पूरा करना चाहता है। भारतीय दर्शकों के सामने भारत के खिलाफ खेलना हमेशा ही चुनौती भरा होता है, क्योंकि यहाँ के स्टेडियम पूरी तरह से भरे रहते है और साथ ही यहाँ पर हौसला अफजाई की भी कोई कमी नहीं होती। एक चीज जो विदेशी खिलाड़ियों को भारतीय दर्शकों की पसंद है, वो है यहाँ के लोगों में खेल की जानकारी और जिस तरह से वो दूसरे देशों के खिलाड़ियों को पहचान जाते है। इसी वजह से घरेलू टीम भी दर्शकों के समर्थन के लिए हमेशा अच्छा करने की कोशिश करते हैं। फिर भी ऐसे क्रिकेट क्राउड़ आपको इंडिया में बहुत जगह मिल जाएंगे, लेकिन इंडियन स्टेडियम में कुछ ऐसे स्टेडियम है, जिन्होंने क्राउड़ के मामले में अपनी ही लेगेसी बनाई है। आइये नज़र डालते है ऐसे ही कुछ क्रिकेट ग्राउंड पर। 5- फिरोज शाह कोटला, दिल्ली 1948 में जब दिल्ली के फिरोज शाह कोटला ने अपना पहला टेस्ट मैच होस्ट किया था, उसके बाद से ही दिल्ली का नाम इतिहास के पन्नों में जुड़ गया। सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड ब्रेकिंग 35 वें शतक से लेकर अनिल कुंबले के एक पारी में 10 विकेट लेने तक, कोटला हर एक पल का गवाह बना है। पिछले 28 सालों में भारत ने इस एतिहासिक मैदान में एक भी टेस्ट मैच में हार नहीं मिली है और यह स्ट्रीक आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। कोटला का क्राउड़ हमेशा ही घरेलू टीम को अपना पूरा समर्थन देती है, फिर चाहे टीम हार रही हो या जीत रही हो। आईपीएल में भी फैंस दिल्ली डेयरडेविल्स को समर्थन देने के लिए मैदान में पहुँचती है और यह बात ध्यान रखनी होगी कि दिल्ली का प्रदर्शन आईपीएल में कुछ खास नहीं रहा है। इसी वजह से कोटला के स्टेडियम को बेस्ट क्राउड़ के लिए जाना जाता है। 4- वानखेडे स्टेडियम, मुंबई wankhede-1475145054-800 वानखेडे स्टेडियम को हमेशा ही इंडिया के बड़े स्टेडियम में गिना जाता है, लेकिन इसकी अहमियत तब और बढ़ गई, जब 2011 में इंडिया ने दूसरी बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम करा था। इसके अलावा भी वानखेडे स्टेडियम कई यादगार पलों का गवाह बना है। सचिन तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट मैच के दौरान क्राउड़ का सचिन-सचिन चिल्लाना, निश्चित ही सचिन के करियर को दर्शाता है। जब भी भारतीय टीम वानखेडे स्टेडियम में खेलती है, तब यह बात मायने नहीं रखती की फॉर्मेट कौनसा है, क्राउड़ अपना समर्थन देने मैदान में जरूर आते हैं। 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में इंडिया का पूरा समर्थन किया, इसके अलावा फैंस ने श्रीलंकन टीम को भी पूरा सम्मान दिया। आईपीएल में भी यहाँ क्राउड़ की कोई कमी नहीं होती और यह चीज मुंबई इंडियंस को काफी आगे ले जाती है। वानखेडे स्टेडियम एक ऐसा मैदान है, जहां एक न एक बार हर किसी को जरूर जाना चाहिए। 3- एम.ए चिदम्बरम स्टेडियम, चेन्नई chepauk-1475145173-800 एम.ए चिदंबरम स्टेडियम को चेपॉक स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है और यह देश के सबसे पुराने स्टेडियम में से भी एक हैं, जहां 1934 में इंडिया ने अपना पहला टेस्ट मैच होस्ट किया था। इस स्टेडियम में कई यादगार मैच खेले गए है। इस स्टेडियम में क्राउड़ दूसरी टीमों को भी पूरा समर्थन देती है, जोकि सबसे अच्छी बात है। इसका सबूत साल 1999 में मिला, जब इंडिया और पाकिस्तान के बीच मुकाबले में जब पाकिस्तान की टीम ने एक नजदीकी मुक़ाबला जीता था, तो क्राउड़ ने पूरी टीम को सराहा था। जब बात घरेलू टीम को सपोर्ट करने की हो, तो चेन्नई के क्राउड़ की तुलना करना बहुत ही मुश्किल है। फिर चाहे वो 2001 में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज डिसाइडर हो, या फिर साल 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ 387 रनों का पीछा करना हो। क्राउड़ हमेशा ही घरेलू टीम के साथ रहता है। आईपीएल में भी चेन्नई का क्राउड़ चेन्नई सुपर किंग्स का पूरा समर्थन करती है। 2- एम चिन्नास्वामी स्टेडियम, बैंगलोर chinnaswamy-1475145272-800 बात जब इंडिया में बेस्ट ग्राउंड की हो, तो बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम का नाम ध्यान में जरूर आता हैं। निश्चित ही इस ग्राउंड की हिस्ट्री ज्यादा पुरानी नहीं है, लेकिन इसकी अपनी ही लेगेसी है। इस स्टेडियम में ना सिर्फ कुछ शानदार मैच देखने को मिले है, बल्कि यहाँ का क्राउड़ हमेशा ही घरेलू टीम के साथ रहता है। 1996 में इंडिया और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप में हुआ मुक़ाबला इसका सबसे बड़ा सबूत है। यहाँ का क्राउड़ आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का भी पूरा समर्थन करती है, जहां क्रिस गेल और एबी डिविलियर्स को उतना ही प्यार मिलता है, जितना की किसे भारतीय खिलाड़ी को मिलता हैं। फैंस के लिए क्रिकेट देखने के लिए एम चिन्नास्वामी से अच्छा स्टेडियम कोई और नहीं हो सकता। 1- इडेन गार्डन, कोलकाता eden-2-1475145342-800 विश्व के सबसे अच्छे स्टेडिउम में शुमार कोलकाता के ईडेन गार्डेन स्टेडियम ने इंडियन क्रिकेट हिस्ट्री के कुछ शानदार पल देखे है। इस स्टेडियम में ऐसी चुंबक है कि हर क्रिकेटर को यहाँ खेलने में मज़ा आता है। इसका काफी हद तक श्रेय यहाँ के क्राउड़ को जाता है, जो यहाँ खेल का आनंद उठाने आते है। यहाँ के क्राउड़ ने सब कुछ देखा है, फिर चाहे वो घरेलू टीम का विरोध करने के लिए दो विदेशी टीमों का मैच देखना हो या फिर मैदान में हँगामा करना हो या फिर मैदान में तोडफोड करना हो। 1993 हीरो कप और 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया एतेहासिक टेस्ट हो, वहाँ इडेन गार्डेन का क्राउड़ बेस्ट था। अगर क्राउड़ के बुरे पल की बात करे, तो 1996 वर्ल्ड का सेमी फाइनल हो, या फिर 1999 में एशियन चैंपियनशिप में पाकिस्तान के खिलाफ मुक़ाबला हो। आईपीएल की बात करे, तो यहाँ के क्राउड़ को बेस्ट क्राउड़ का दर्जा दिया गया है। लेखक- अभिनव मेसी, अनुवादक- मयंक मेहता

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