ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों द्वारा खेली गयी टॉप 5 एकदिवसीय पारियां

#सचिन तेंदुलकर- 134 शारजहां, 1998

sachinsarjha

पिछले गेम में ऑस्ट्रेलिया को ध्वस्त करने के बाद सचिन तेंदुलकर कोका-कोला कप के फाइनल में 273 रनों का लक्ष्य हासिल करने के लिए क्रीज पर उतरे। यह स्पष्ट था कि लड़ाई सचिन और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के बीच थी और हर कोई सचिन की आक्रामकता पर ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया देखने के लिए उत्सुक था।

लेकिन सचिन ने वहीं से शुरुआत की जहां से उन्होंने छोड़ा था और आते ही क्रीज पर रनों को बरसाना शुरू कर दिया। उन्होंने माइकल कैस्प्रोविच की गेंद को कवर्स पर ड्राइव करके शुरुआत की और जल्द ही उन्होंने अपने तरकस से तीरों को छोड़ना शुरु कर दिया।

भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने मध्य ओवरों के दौरान एक छोर को सुरक्षित रखा और इस सलामी बल्लेबाज को पूरी तरह से खेलने की अनुमति दी। सचिन ने किसी भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज को नहीं छोड़ दिया और जिस तरीके से उन्होंने चारों तरफ खेलकर अपने रन बनाए वह उनकी बल्लेबाजी कौशल को दर्शाता है।

तेज गेंदबाजों के खिलाफ वह क्रीज से बाहर निकल कर खेलने में थोड़ा भी डरता नहीं था, जबकि स्पिनरों के खिलाफ खेलते हुए सचिन ने अपने नरम हाथों से गेंद को खेलकर गैप से निकालने की रणनीति अपनायी। यह उस समय की सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय टीम पर निश्चित तौर पर क्रूरतापूर्ण हमला था।

भारतीय बल्लेबाज ने रन रेट को ध्यान में रखते हुए लगातार बाउंड्री को लगाते रहे और आखिरकार कोस्प्रोविच ने 45वें ओवर में इस सलामी बल्लेबाज को पवेलियन भेज कर ऑस्ट्रेलिया को कुछ राहत दी लेकिन तब तक जीत भारत के हाथ में आ चुकी थी।

इस खेल में सचिन द्वारा उपयोग किए जाने वाले शुद्ध हमले के दृष्टिकोण ने सभी क्रिकेट स्ट्रोकों पर इस अवसर पर अपना प्रदर्शन दिखाया और इस अवसर पर आगे बढ़ने की उनकी क्षमता को दिखाया।

इस खेल में सचिन का आक्रमण वाला रुख सभी क्रिकेट स्ट्रोक पर तेंदुलकर की पकड़ और मौके के अनुसार उसे उपयोग करने की क्षमता उनके प्रदर्शन की झलक दिखलाती है।

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