ऑस्ट्रेलिया ने 22 अप्रैल 1998 की रात को शारजहां में एक चीज को छोड़कर सब कुछ ठीक किया। सबसे पहले उन्होंने रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया और फिर भारतीय बल्लेबाजों को प्रभावी ढ़ंग से गेंदबाजी कर आउट किया।
अंत में मैच में जीत पायी। लेकिन विश्व की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण केवल एक भारतीय बल्लेबाज को रोकने में नाकाम रही और इस कमी के कारण भारत मैच हारने के बावजूद कोका कोला कप के फाइनल में पहुंच गया।
सरल शब्दों में यह मैच एक बनाम ग्यारह का था। करो या मरो के मैच में, विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण के सामने फंस गये। लेकिन सचिन इन सबके बावजूद मैच में खड़ा रहे और एकदिवसीय क्रिकेट का सबसे शानदार काउंटर अटैक का नजारा पेश किया।
उस रात लिटिल मास्टर अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे। अपनी ट्रेडमार्क ड्राइव और कट को पूरी निपुणता के साथ फील्डरों के बीच से बाउंड्री के पार पहुंचाया और लेग साइड पर तो अपना अधिकार जमा दिया।
भारतीय बल्लेबाज ने किसी गेंदबाज को नहीं छोड़ा और विशेष तौर पर शेन वॉर्न के खिलाफ क्रूर रूप अपनाया था। इस गेम के दौरान दोनों महान खिलाड़ियों के बीच लड़ाई अपने शिखर पर पहुंच गयी थी और सचिन ने लेग स्पिनर को मिड विकेट स्टैंड की तरफ छका कर अपना आधिपत्य जमाया। सचिन की मैदान के हर कोने पर अपनी बादशाहत को कायम किया और एक अपने क्रिकेट फैन्स को एक शानादार पारी का नजारा पेश किया। इस पारी ने सचिन की महानता में चार चांद लगा दिये।
लेखक- चैतन्य
अनुवादक- सौम्या तिवारी