भारतीय क्रिकेट टीम की खेल के सभी प्रारूपों में अच्छे ऑलराउंडर की खोज बरकरार है और इसका प्रमुख कारण है की कोई खिलाड़ी बल्ले तथा गेंद दोनों से कमाल करे। हालांकि कुछ खिलाड़ी ऑलराउंडर बनकर प्रदर्शन करने के लिए तत्पर रहे, लेकिन वे कभी मैच विजेता खिलाड़ी नहीं बन सके। इसलिए वह टीम में अपनी जगह कभी पक्की नहीं कर सके। ऐसे में रविचंद्रन अश्विन का बल्लेबाज के रूप में उभारना टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत है। अश्विन एक बेहतरीन ऑफस्पिनर तो है ही, साथ ही वेस्टइंडीज में उनके बल्ले से निकले दो शतक एक बेहतर ऑलराउंडर बनने की ओर इशारा कर रहे हैं। कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली ने तमिलनाडु के खिलाड़ी को बल्लेबाजी क्रम में छठे स्थान पर भेजा, और अश्विन ने इसे बिलकुल सार्थक साबित किया। उनके बल्लेबाजी फॉर्म की बदौलत टीम में 5 विशेषज्ञ गेंदबाज खेले, जो टीम संतुलन के लिए बहुत बेहतर है। आज हम आपको रविचंद्रन अश्विन की टेस्ट में खेली गई पांच बेहतरीन पारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दर्शाता है कि वह भारतीय टीम के महान ऑलराउंडर बनने की काबिलियत रखते हैं : #5) 56 vs दक्षिण अफ्रीका, दिल्ली 2015 2014-15 दक्षिण अफ्रीका का भारत दौरा हमेशा पिच तैयार करने के विवाद को लेकर याद रखा जाएगा। दोनों टीमों के बल्लेबाज पूरी सीरीज के दौरान रन बनाने के लिए संघर्षरत दिखे। मेजबान टीम ने इसका पूरा फायदा उठाया और स्पिनर्स के दम पर टेस्ट जीता। इसका नतीजा यह रहा कि भारत ने आखिरी टेस्ट में 2-0 की बढ़त के साथ प्रवेश किया। हालांकि कोटला की धीमी पिच पर मेजबान टीम एक समय संघर्ष कर रही थी। उसके 7 विकेट 198 रन पर गिर गए थे। अजिंक्य रहाणे अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें अच्छा समर्थन नहीं मिल रहा था। मगर जब अश्विन क्रीज पर आकर रहाणे का साथ निभाने लगे तो दोनों ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। दोनों ने आठवें विकेट के लिए 98 रन की साझेदारी की और दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों की लय बिगाड़ दी। अजिंक्य रहाणे ने 127 रन बनाकर आकर्षण खीचा, लेकिन अश्विन ने 56 रन की बेहतरीन पारी खेली। भारत ने यह टेस्ट 337 रन के विशाल अंतर से जीता और चार मैचों की सीरीज 3-0 से अपने नाम की। #4) 103 vs वेस्टइंडीज, मुंबई 2011 यह कई मायनों में यादगार टेस्ट है क्योंकि रविचंद्रन अश्विन ने बल्ले व गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन किया था। वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी की और 590 रन का विशाल स्कोर बनाया। जवाब में भारत ने अच्छा मुकाबला किया, लेकिन मध्यक्रम जल्दी ढहने से उसका स्कोर एक समय 6 विकेट पर 331 रन हो गया था। हालांकि शायद इसका किसी को अंदाजा नहीं था कि अश्विन अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक खेलने जा रहे हैं। ऑफ स्पिनर ने सकारात्मक शुरुआत की और खूबसूरत शॉट खेले। विराट कोहली के साथ अश्विन ने सातवें विकेट के लिए 97 रन की साझेदारी की और अपने करियर का पहला शतक मात्र 118 गेंदों में जड़ा। वह एक टेस्ट में शतक जमाने और पांच विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बने। इससे पहले 1962 में यह कारनामा रचा गया था। उन्होंने शानदार पारी खेली और भारतीय टीम इस टेस्ट को ड्रॉ कराने में सफल रहा। #3) 113 vs वेस्टइंडीज, एंटीगुआ 2016 यह युग नवनियुक्त कोच अनिल कुंबले की देखरेख में शुरू हुआ। जब अश्विन छठे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए तो कई आंखे चरमराई, लेकिन तमिलनाडु के खिलाड़ी ने सभी संदेहों पर से पर्दा उठाते हुए जोरदार शतक जमाया। अश्विन संभवतः पहली बार नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे थे, लेकिन उनकी शांत पारी ने लंबे सफर की सफल यात्रा का नमूना पेश कर दिया। वह जब बल्लेबाजी करने आए तब टीम इंडिया का स्कोर 4 विकेट पर 236 रन था। उन्होंने कप्तान विराट कोहली के साथ मिलकर दिन की समाप्ति तक भारत को 4 विकेट पर 302 रन के स्कोर तक पहुंचाया। अगले दिन अश्विन ने खूबसूरत स्ट्रोक खेलकर सबको प्रभावित किया। उन्होंने तेज गेंदबाजों की गेंदों पर जो प्रहार किए, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने 237 गेंदों में शतक जमाया। भारत ने अपनी पारी 8 विकेट पर 566 रन बनाकर घोषित कर दी। यह मेजबान टीम के लिए बहुत भारी स्कोर साबित हुआ क्योंकि टीम इंडिया ने यह टेस्ट एक पारी और 92 रन से जीता। #2) 118 vs वेस्टइंडीज, ग्रोस आइलेट 2016 अश्विन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा, उन्होंने गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि अश्विन की इस पारी ने टीम को मुश्किलों से उबारा और सुरक्षित स्थिति में पहुंचाया। सेंट लूसिया की पिच पर मेहमान टीम संकट से घिरी हुई थी। एक समय उसके 126 रन पर पांच विकेट गिर गए थे। भारतीय टीम को एक अच्छी साझेदारी व पारी की जरुरत थी। टीम इंडिया के लिए यह बिलकुल सही साबित हुआ जब रिद्धिमान साहा और अश्विन ने छठे विकेट के लिए रन जुटाना शुरू किए। दोनों ने रिकॉर्ड 213 रन की साझेदारी की। अश्विन ने अपना शतक पूरा किया और 118 रन बनाने के बाद वह आउट हो गए। साहा (104) ने भी शतक जमाया और भारत ने पहली पारी में 353 रन का सम्मानजनक स्कोर बनाया। यह स्कोर टीम इंडिया के लिए काफी साबित हुआ और उसने 237 रन के विशाल अंतर से मैच जीता। #1) 124 vs वेस्टइंडीज, कोलकाता 2013 यह पारी इस बात कर सबूत है कि अश्विन को कैरीबियाई गेंदबाजों के खिलाफ खेलना इतना पसंद क्यों है। अश्विन की यह पारी इसलिए खास रही क्योंकि उन्होंने टीम इंडिया को बुरे समय से बाहर निकला। टीम इंडिया एक समय 6 विकेट पर 156 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी। रोहित शर्मा ने डेब्यू किया और उन्हें रविचंद्रन अश्विन का साथ मिला। दोनों ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। रोहित और अश्विन ने इस दौरान अपने-अपने शतक पूरे किए और 280 रन की साझेदारी करके भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में 168 रन पर ऑलआउट हो गई। इस तरह भारत ने मैच एक पारी और 51 रन से जीता।