यह कई मायनों में यादगार टेस्ट है क्योंकि रविचंद्रन अश्विन ने बल्ले व गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन किया था। वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी की और 590 रन का विशाल स्कोर बनाया। जवाब में भारत ने अच्छा मुकाबला किया, लेकिन मध्यक्रम जल्दी ढहने से उसका स्कोर एक समय 6 विकेट पर 331 रन हो गया था। हालांकि शायद इसका किसी को अंदाजा नहीं था कि अश्विन अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक खेलने जा रहे हैं। ऑफ स्पिनर ने सकारात्मक शुरुआत की और खूबसूरत शॉट खेले। विराट कोहली के साथ अश्विन ने सातवें विकेट के लिए 97 रन की साझेदारी की और अपने करियर का पहला शतक मात्र 118 गेंदों में जड़ा। वह एक टेस्ट में शतक जमाने और पांच विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बने। इससे पहले 1962 में यह कारनामा रचा गया था। उन्होंने शानदार पारी खेली और भारतीय टीम इस टेस्ट को ड्रॉ कराने में सफल रहा।