1971 में जब भारत ने इंग्लैंड की जमीं पर कदम रखा, उस वक्त भारत के सामने विरीत परिस्तिथियों में अपने खेलने की क्षमता को साबित करने चुनौती थी। कुछ महिने पहले वेस्टइंडीज को घर के बाहर हराने के बावजूद, इंग्लैंड में अजीत वाडेकर की टीम को इंग्लैंड के लिए किसी चुनौती के तौर पर नहीं देखा जा रहा था। लेकिन, पहले टेस्ट ने ये जता दिया था कि इस सीरीज में काफी कुछ देखने लायक होगा। एक टीम को जीत के लिए 38 रन की दरकार थी तो दूसरी को मात्र 2 विकेट, लेकिन जीत हुई बारिश की, इसी के साथ मैच रद्द हो गया, और जीत ओवल टेस्ट तक खिसक गई। मेजबान टीम ने 71 रन की बढ़त बनाई, और मैच का रुख पूरी तरह उनके पक्ष में था। लेकिन, भागवत चंद्रशेखर ने ऐसा जादुई स्पैल डाला की एक घंटे में इंग्लैंड को धवस्त कर दिया और को जीत के लिए भारत को 173 रन का चाहिए थे। भारत ने इतिहास रचते हुए शानदार जीत दर्ज कर इंग्लैंड में अपना लोहा मनवाया।