वनडे क्रिकेट इतिहास की 5 बड़ी साझेदारियां जो हार न टाल सकीं

क्रिकेट में साझेदारी हमेशा एक टीम की जीत की कुंजी होती है। वर्षों से एकदिवसीय क्रिकेट में कई ऐसी साझेदारियां रही हैं जो इतिहास के पन्नो में दर्ज हुई हैं और अपनी टीम की जीत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई हैं। हालांकि, कई ऐसी भी बड़ी साझेदारीएं हुई हैं, जिनके बाद भी संबंधित टीम की हार हुई है। यहाँ हम एक नज़र डाल रहे हैं ऐसी ही 5 सबसे बड़ी वनडे साझेदारियों पर जो हारने वाली टीम की ओर से अयी हैं:

# 5 मोहम्मद हफ़ीज़ और नासिर जमशेद - ढाका में 224 बनाम भारत, 2012

यह साझेदारी 2012 में एशिया कप के दौरान आई थी। भारत-पाकिस्तान की बहुप्रतीक्षित मुठभेड़ थी। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की और सलामी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज और नासीर जमशेद की बल्लेबाज़ी के चलते एक तेज़ शुरुआत मिली। दोनों ने पहले विकेट के लिए 224 रन जोड़े और दोनों खिलाड़ियों ने शतक लगाए। यह 6 महीने के अंदर दूसरी दोहरी शतकीय साझेदारी थी जिसका मोहम्मद हफीज हिस्सा बने थे, इससे पहले 2011 में जिम्बाब्वे के खिलाफ इमरान फरहत के साथ 228 रन की वनडे साझेदारी का वह हिस्सा थे। पाकिस्तान की पारी 329/6 में समाप्त हुई, हालांकि विराट कोहली की शानदार 183 रन की पारी ने पाकिस्तान के गेंदबाजों के छक्के छुडा दिये और भारत ने 13 गेंद शेष रहते लक्ष्य का पीछा कर लिया। फिर भी हफीज और जमशेद के बीच की साझेदारी 2012 की सबसे बड़ी एकदिवसीय साझेदारी रही थी।

# 4 एंड्रयू स्ट्रॉस और एंड्रयू फ्लिंटॉफ - 226 लॉर्ड्स में,बनाम वेस्टइंडीज, 2004

2004 में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली गयी नैटवेस्ट श्रृंखला के दौरान यह साझेदारी हुई था। इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी कर रहा था और 54/3 पर संघर्ष कर रहा था। हालांकि, एंड्रयू स्ट्रॉस और एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने इंग्लैंड की पारी को अपने शतकों के बूते पुनर्जीवित किया और उस समय की इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ी एकदिवसीय साझेदारी की थी। दोनों ने 226 रनों की साझेदारी की और इंग्लैंड ने अपनी पारी 285/7 पर समाप्त की। ड्वेन स्मिथ का शुरुआती विकेट लेकर इंग्लैंड ने अच्छी शुरुआत की। हालांकि, क्रिस गेल और रामनरेश सरवन ने विंडीज को सही राह पर रखा और 187 रन की साझेदारी की। सरवन 89 रन पर आउट हुए थे, लेकिन गेल ने बल्लेबाजी जारी रखी और अपने शतक तक पहुंच गये। रिकार्डो पॉवेल के 22 गेंद पर 33 रन की पारी ने गेल की बहुत मदद की और अंत में वेस्टइंडीज ने 5 गेंदों के शेष रहते 5 विकेट से मैच जीत लिया।

# 3 विलियम पोर्टरफील्ड और केविन ओ ब्रायन - नैरोबी, 2007 में 227 बनाम केन्या

यह साझेदारी नैरोबी में आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन 1 के 8 वें मैच में आयी थी। आयरलैंड ने पहले बल्लेबाजी की लेकिन जल्द ही वे तीन शुरुआती विकेट गंवा बैठे और 57/3 पर संघर्ष कर रहे थे। हालांकि केविन ओ ब्रायन और विलियम पोर्टरफील्ड ने शानदार प्रदर्शन किया और चौथे विकेट के लिए 227 रन जोड़े। यह किसी भी सहयोगी राष्ट्र द्वारा तब तक की सर्वोच्च साझेदारी थी। पोर्टरफील्ड 104 रन पर नाबाद थे जबकि ओ ब्रायन 125 गेंदों में 142 रन बनाने के बाद आउट हो गये थे। जवाब में, नहेमाया ओडिआम्बो के अर्धशतक और डेविड ओबूया और तन्मय मिश्रा की छोटी छोटी परियों ने केन्या को एक अच्छी स्थिति में रखा, लेकिन वे तेजी से विकेट खो रहे थे। हालांकि, थॉमस ओडोयो ने 36 गेंद में तेजतर्रार 61 रन बनाकर केन्या के लिए एक ओवर शेष रहते मैच जीत लिया।

# 2 सईद अनवर और इजाज अहमद - 1998 में ढाका में 230 रन, बनाम भारत

भारत और पाकिस्तान के बीच रजत जयंती इंडिपेंडेंस कप के तीसरे फाइनल में यह साझेदारी हुई थी। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की और कुछ शुरुआती विकेट खो दिए। हालांकि, सईद अनवर और इजाज अहमद ने पाकिस्तान को एक मजबूत स्थिति में डाल दिया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 230 रन की साझेदारी की, जोकि सईद अनवर के 140 रन के स्कोर पर आउट होने के साथ समाप्त हो गयी। अहमद भी इसके बाद जल्द ही 117 रन पर आउट हो गये थे और 314/5 पर पाकिस्तान की पारी समाप्त हुई। जवाब में, भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने 26 गेंद में 41 रन बनाकर टीम को मुकाबले में बनाये रखा था। उनके आउट होने के बाद रॉबिन सिंह क्रीज पर सौरव गांगुली का साथ देने आये। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 179 रन की साझेदारी की और भारत की स्थिति मजबूत की। सिंह 82 रन पर आउट हो गए, लेकिन गांगुली ने शतक बनाया। इससे पहले कि भविष्य के भारतीय कप्तान को 124 रन पर पाकिस्तान आउट कर पाता, मैच पूरी तरह से भारत के कब्जे में था। भारत ने इस मैच को 3 विकेट से जीत लिया और अनवर और अहमद के बीच की यह साझेदारी उस समय की हार में आई सर्वोच्च एकदिवसीय साझेदारी थी।

# 1 गैरी कर्स्टन और हर्शल गिब्स - 2000, कोच्चि में 235 बनाम भारत

यह साझेदारी 2000 में हुई भारत-दक्षिण अफ्रीका एकदिवसीय श्रृंखला के पहले मैच में आयी थी। कोच्चि में मेहमानों ने पहले बल्लेबाजी की। दक्षिण अफ्रीका के लिये उनके सलामी बल्लेबाज़ हर्शल गिब्स और गैरी कर्स्टन ने शानदार शुरूआत की। इस जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 235 रन जोड़े थे जो उस समय किसी भी विकेट के लिए दक्षिण अफ्रीका की एक रिकॉर्ड साझेदारी थी। दोनों खिलाड़ी अपने शतकों तक पहुंचें, जहाँ गिब्स ने 111 रन बनाए, तो दूसरी ओर किर्स्टन ने 115 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका की पारी 301/3 पर समाप्त हुई। जवाब में, भारत शुरुआत में अच्छी स्थिति में नहीं था क्योंकि उनके बल्लेबाज़ लंबे समय तक क्रीज पर नहीं टिक पा रहे थे। हालांकि, अजय जडेजा के 92 और मोहम्मद अजहरुद्दीन के 42 रन की मदद से भारत ने जीत हासिल की। गिब्स और कर्स्टन के बीच हुई इस सलामी साझेदारी ने एकदिवसीय मैचों में सबसे बड़ी साझेदारी के 2 साल का रिकॉर्ड तो तोड़ दिया लेकिन उनकी टीम यह मैच जीत न सकी। लेखक: नीलभ्र रॉय अनुवादक: राहुल पांडे