सोचिए आपको अपने देश के लिए टैस्ट खेलने के लिए बुलाया जाए और वही आपका आख़िरी टैस्ट निकले। जी हाँ बहुत से खिलाड़ियों के साथ ऐसा ही हुआ है। दिग्गज खिलाड़ियों की टीम में मौजूदगी इसका सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा मैदान के बाहर की घटनाएं भी काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं जिसमें से टीम में चयन का मुद्दा सबसे बड़ा है। एक नज़र ऐसे ही टॉप 5 खिलाड़ियों पर जिन्होंने अपने देश के लिए सिर्फ एक टैस्ट खेला: 1- स्टूअर्ट लॉ [caption id="attachment_9475" align="alignnone" width="594"] ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में सबसे अभाग्यशाली रहे लॉ[/caption] प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 50.52 की औसत से 27,080 रन बनाने वाले लॉ ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 54 एकदिवसीय मैच खेले । पर उन्होंने 1995 में केवल एक टैस्ट खेला- श्रीलंका के खिलाफ। स्टीव वॉ के चोटिल होने के कारण उन्हें चुना गया और उन्होंने 54* रन बनाए। पर वॉ के ठीक होने पर उन्हें दोबारा जगह नहीं दी गई। अपनी एकमात्र पारी में आउट नही होने के कारण लॉ के नाम टैस्ट में कोई औसत नही है। लॉ काफी अभाग्यशाली रहे क्योंकि उस समय ऑस्ट्रेलिया के पास सबसे बेहतरीन बल्लेबाजी क्रम था। 2- रॉडनी रेडमंड [caption id="attachment_9477" align="alignnone" width="800"] न्यूजीलैंड के रॉडनी रेडमंड[/caption] संभवतः इस सूची के सबसे दुर्भाग्यशाली खिलाडी ये ही हैं। उन्होंने 1972 में पाकिस्तान के खिलाफ एक ही टैस्ट मैच में 81.50 की औसत से 107 और 56 रन बनाए। उन्हें फिर से न्यूज़ीलैंड के इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया था। पर फिर अपने लेंसेस के साथ तकलीफ़ होने के कारण और अरुचिकर होने के कारण वे फिर टीम से निकाल दिए गए और फिर कभी किसी टैस्ट में नहीं दिखे। 3- मिक मेलॉने [caption id="attachment_9478" align="alignnone" width="800"] ऑस्ट्रेलिया के लिए 1977 में एक टैस्ट खेला मिक ने[/caption] उनका पहला टैस्ट बहुत ही यादगार रहा। 1977 में इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 46 रन बनाने के बाद 5/63 और 1/14 की गेंदबाज़ी की। पर उसके बाद वर्ल्ड सीरीज की शुरुआत हो गई और मेलॉन ने इसमें खेलने के लिए साइन किया जिससे वे टैस्ट खेलने के लिए अयोग्य हो गए। वे रिबेल लीग से लौटने के बाद टीम में 12वें खिलाडी के रूप में चुने गए लेकिन अंतिम XI में नही आ पाए। 4- एंडी गैनट्युमे [caption id="attachment_9479" align="alignnone" width="594"] 1957 में वेस्टइंडीज की टीम और सबसे बाएँ खड़े हैं एंडी[/caption] रॉडनी की तरह ही एंडी ने भी अपने एकमात्र टैस्ट में शतक बनाया था। 1948 में एंडी ने इंग्लैंड के खिलाफ बारिश से प्रभावित मैच में 112 रन बनाए। उन्हें अपने धीमे खेल के लिए बहुत आलोचना झेलनी पड़ी और वेस्टइंडीज के जीत नही पाने का ज़िम्मेदार ठहराया गया। वे दूसरे दौरों में भी टीम में थे पर वे कभी भी टैस्ट नहीं खेल पाए। त्रिनिदाद के इस कीपर-बल्लेबाज के नाम टैस्ट में सबसे बढिया औसत का रिकॉर्ड है। 5- फ़िल एमेरी [caption id="attachment_9480" align="alignnone" width="747"] ऑस्ट्रेलिया के सबसे बढ़िया विकेटकीपरों में से एक थे फिल[/caption] न्यू साउथ वेल्स में लोकल क्रिकेट में विकेटकीपिंग में उनका बहुत नाम था। पर फिर भी वे ऑस्ट्रेलिया के उस समय के दिग्गज कीपर, इयान हीली के कारण नहीं खेल पाए। 1994 में पाकिस्तान के दौरे पर चोटिल हीली की जगह उन्हें टीम में जगह मिली। उस मैच में उन्होंने 6 खिलाड़ियों को आउट किया और 8* रन बनाए। पर दुर्भाग्यवश, तब तक हीली ने ख़ुद को एक बेहतरीन कीपर के रूप में स्थापित कर लिया था। इसलिए चोट से ठीक होने के बाद उन्हें तुरंत टीम में स्थान मिल गया। उसके बाद एडम गिलक्रिस्ट ने वह जगह ले ली। लेखक: ट्रॉय विट्टकर, अनुवादक: सेहल जैन