अक्सर मैदान पर खेल के दौरान या फिर मैदान से बाहर खेल को लेकर खिलाड़ियों की मुंह से कुछ ऐसी बातें निकल जाया करती हैं, जिसका मतलब कुछ और होता है या फिर वह कहना कुछ चाहते हैं, कह कुछ जाते हैं। खिलाड़ियों की ज़ुबां से इस तरह की बातें जानबूझकर कम ही निकला करती हैं, लेकिन एक बार निकल जाने के बाद विवाद को जन्म ज़रूर दे देती हैं। इस तरह की बातों को दुरुस्त करने के लिए अब हर क्रिकेट टीम के पास एक मीडिया मैनेजर होता है, लेकिन इसके बाद भी कभी कभी कुछ ऐसी बातें रह जाती हैं जिसको सुधारना मुश्किल हो जाता है। आपके सामने ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के मुंब से निकली कुछ बाते रख रहे हैं, जो राइ का पहाड़ बनी और विवाद को जन्म दे दिया। #1 शाहिद आफ़रीदी ''हमें भारत में जितना प्यार मिलता है, अपने घर में उतना नहीं मिल पाता...।" पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद आफ़रीदी ने ये बात भारत के ख़िलाफ़ होने वाले वर्ल्ड टी20 के पहले कही थी। आफ़रीदी और विवादों का एक दूसरे के साथ वैसे भी गहरा नाता है, और जैसे ही आफ़रीदी के ज़ुबां से ये बात निकली सोशल मीडिया और पाकिस्तानी मीडिया ने इस हरफनमौला खिलाड़ी पर जमकर निशाना साधा। शाहिद आफ़रीदी के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर तो हल्ला हुआ ही, साथ ही साथ उन्हें पाकिस्तान में एक लीगल नोटिस का भी सामना करना पड़ा। पाकिस्तानी अधिवक्ता ने कहा कि आफ़रीदी ने राष्ट्रीय भावना के साथ खिलवाड़ किया है। एक ऐसा उदाहरण जिससे समझा जा सकता है कि खिलाड़ियों की बातें शायद फ़ैन कभी कभार समझ नहीं पाते। #2 ग्लेन मैक्सवेल ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज़ ग्लेन मैक्सवेल को 'बिग शो' के नाम से भी जाना जाता है, ये नाम उनकी बल्लेबाज़ी करने के स्टाइल को देखते हुए दिया गया है। मैक्सवेल सिर्फ़ अपनी बल्लेबाज़ी के लिए ही नहीं बल्कि अपनी तेज़ चलने वाली ज़ुंबा के लिए भी बदनाम हैं। भारत के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया में 2015-16 सीरीज़ के तीसरे वनडे के दौरान उन्होंने भारतीय बल्लेबाज़ों पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद वह विवादों से घिर गए थे। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ने कहा था, "भारतीय बल्लेबाज़ों का ध्यान बस इस पर रहता है कि कैसे वह अपना नीजि कीर्तिमान बना लें, जो बेहद स्वार्थी है।" हालांकि इसके बाद मैक्सवेल ने ट्वीट के ज़रिए कहा था कि उनकी बातों को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया। साथ ही इस ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ने भारतीय बल्लेबाज़ विराट कोहली की भी जमकर तारीफ़ की थी। ''मुझे नहीं लगता कि पूरी दुनिया में इस वक़्त कोई विराट कोहली से अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकता है।'' #3 क्रिस गेल जमैका के इस क़ातिलाना बल्लेबाज़ को भी हमेशा सुर्ख़ियों में रहने का शौक़ है, मैदान के अंदर और बाहर दोनों ही जगह गेल अक्सर कोई न कोई विवाद को जन्म दे ही देते हैं। बिग बैश लीग में मेलबर्न रेनेगेड्स की ओर से खेलते हुए जब गेल ने आतिशी पारी खेली, तो एक पत्रकार उनका साक्षात्कार लेने पहुंची। जहां गेल ने उस महिला पत्रकार से कुछ ऐसा कह दिया जिसके बाद उन्हें माफ़ी तक मांगनी पड़ी। ''मैंने ऐसी ख़ूबसूरत आंखे इससे पहले कभी नहीं देखी, मुझे उम्मीद है कि हम इस मैच को जीत जाएं और फिर कहीं बाहर चलते हैं।" इसके साथ साथ गेल ने उस महिला पत्रकार को ये भी कह डाला, ''Don't blush baby... '' (शर्माओ मत बेबी...) इसके बाद हर तरफ़ से क्रिस गेल की आलोचना हुई और क्रिस गेल को माफ़ी तक मांगनी पड़ी। इस विवाद को गेल ने एक बार बार फिर बढ़ाया, जब अपनी बेटी का नाम उन्होंने 'ब्लश' रख दिया। #4 महेंद्र सिंह धोनी ''मैं आईपीएल के पहले सीज़न में रात में जब भी बाइकिंग के लिए जाता था... और जहां रेड लाइट एरिया में बाइक रोकता था, वे लोग मेरे पास आते थे और तमिल में बात करते थे... वे लोग सही में मुझे यहां बहुत प्यार करते हैं।'' अगर ज़ुबां फिसलने का सबसे सही कोई उदाहरण हो, तो इसे मान सकते हैं। हालांकि धोनी हमेशा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एक एक शब्द सोच समझकर बोलते हैं, लेकिन आईपीएल के दौरान उनकी ज़ुबां कुछ इस तरह भी फिसली थी और फिर काफ़ी शर्मनाक स्थिति हो गई थी। इसके बाद भारतीय फ़ैंस ने इस टिप्पणी को किसी और तरफ़ ही ले गए और कई तरह की अपनी थियोरी लगा बैठे। #5 वीरेंदर सहवाग जिस तरह वीरेंदर सहवाग बिना ख़ौफ़ के बल्ले से रन बनाते थे, कुछ उसी अंदाज़ में उनके बोलने का तरीक़ा भी था। जो आज भी जारी है, फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि अब सहवाग कॉमेंट्री करते हुए या फिर ट्वीट के ज़रिए अपनी बिंदास बातें सामने रखते हैं। 2012 ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने रोटेशन पॉलीसि अपनाई थी, जिसके तहत सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर और वीरेंदर सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ियों में से किसी एक को ही प्लेइंड-XI में रखना चाहते थे। धोनी को लगता था कि ये तीनों सीनियर खिलाड़ी मैदान में अच्छे फ़ील्डर नहीं थे, इसलिए एक साथ तीनों को न रख कर एक एक कर खिलाने के विचार में थे। इत्तेफ़ाक से एक मैच में धोनी की जगह सहवाग कप्तानी कर रहे थे और उस मैच में सहवाग ने डाइव लगाते हुए कमाल का कैच लपका था। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में नजफ़गढ़ के नवाब ने अपने अंदाज़ में उस कैच के ज़रिए धोनी पर कटाक्ष किया। ''क्या आपने मेरा कैच देखा ? हम पिछले 10 सालों से ऐसी ही फ़ील्डिंग कर रहे हैं... एक बार आप ये सवाल धोनी से ज़रूर पूछिएगा..."।