इस समय विश्व क्रिकेट में विराट कोहली सभी के लिए आइकॉन हैं। धीमी गति से ही धीरे-धीरे वह भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों की सूची में शीर्ष पर पहुंच गये हैं। उनके नाम बतौर कप्तान अब तक शानदार रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिसमें उन्होंने 30 वनडे मैचों में 22 जीत और 28 टेस्ट में 18 जीतें भारत को दिलायी हैं। दोनों प्रारूपों में इस समय उनकी जीत का प्रतिशत किसी भी पूर्व भारतीय कप्तान के मुकाबले सबसे बेहतर है, जिसने कम से कम 10 मैच खेले हैं। इतने कम समय में इतने बड़े-बड़े रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले कोहली ने अपनी कप्तानी से काफी प्रतिष्ठा अर्जित की है। हालांकि इस अवधि के दौरान भारत में बहुत सारे घरेलू मैचों में खेले हैं, लेकिन जीत की शानदार प्रकृति ने उन्हें बहुत लाभ पहुंचाया है। बहुत से खिलाड़ियों ने कोहली के संरक्षण में बेहद सुधार किया है और यहां हम उनमें से पांच खिलाड़ियों को शामिल कर रहे हैं- मोहम्मद शमी
कोहली के बतौर कप्तान नाम आने के बाद उन्होंने तेज गेंदबाजी पर जोर दिया और मोहम्मद शमी को अपनी पसंद के तौर पर शामिल किया, जो खुद को धोनी युग में किनारे पाया करते थे। एक बार भारत के सबसे बढ़िया गेंदबाजों की सूची में टीम इंडिया में शामिल हुए शमी लगातार चोटों से ग्रस्त रहे लेकिन बेहतर प्रबंधन और खेल के अधिक समय ने उन्हें और बेहतरीन बना दिया है। कोहली के अंतर्गत खेलते हुए शमी ने विशेषकर टेस्ट क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने 14 टेस्ट में 28.23 के औसत से 43 विकेट लिए हैं। शमी ने उमेश यादव के साथ मजबूत साझेदारी बनाई है और वर्तमान कप्तान के अन्तर्गत उनके सुधार का प्रमाण उनके विकेटों की संख्या है जो कि उपमहाद्वीप में ज्यादातर आती हैं। उमेश यादव
जब उमेश यादव द्दश्य में आये तो वह एक ऐसा तेज गेंदबाज था जो पूरी तरह से अपनी गति पर खेलता था। वह मनमौजी था लेकिन उछाल वाले ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर गेंदबाजी का आनंद लिया करता था। लेकिन हर दूसरे तेज गेंदबाज की तरह यादव के गेंदबाजी खजाने में ज्यादा कुछ नहीं था जिसके कारण वह टीम में अपना स्थान बनाए रखने में नाकाम रहा। लेकिन पेस के लिए उनका नाम कोहली की पहली पसंद में शामिल था। जिसका सीधा सा मतलब था कि 29 वर्षीय खिलाड़ी को एक और अवसर मिला और फिर वह ऐसा चमका जैसा पहले कभी नहीं था। अपनी लय को वापस पाते हुए और उसमें विविधताएं जोड़ते हुए वह एक पूरी तरह से अलग गेंदबाज बन गया। वह निश्चित रूप से इस समय टेस्ट में भारत के नंबर 1 गेंदबाज हैं। कोहली के अंडर 21 टेस्ट खेलते हुए यादव ने 45 विकेट हासिल किए जबकि 15 वनडे मैचों में 25 विकेट लिए जिसमें धोनी की कप्तानी के अंतर्गत 35.41 से और कोहली के अंडर 24.40 की औसत से विकेट चटकाए। चेतेश्वर पुजारा
कोहली की कप्तानी पारी की शुरुआत में पुजारा को टीम से बाहर कर दिया गया था और इसके पीछे का कारण यह था कि वह इस खिलाड़ी से और अधिक अच्छा करने की इच्छा रहते थे। पुजारा ने कठिन परिश्रम किया और उनकी मेहनत काम आयी, एक बार फिर से उन्हें टीम में वापस बुला लिया गया। कोहली की कप्तानी के अंतर्गत पुजारा ने 62.51 की औसत से सिर्फ 23 मैचों में 2000 रन अपने नाम कर चुके हैं। जिसमें सात शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। वहीं धोनी की कप्तानी के अंतर्गत पुजारा ने तीन अतिरिक्त टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 50 से कम की औसत से रन बनाए हैं और एक शतक लगाया। पुजारा की बैटिंग स्टाइल और विकेट पर टिके रहने की क्षमता के कारण उन्हें टीम इंडिया की नई वॉल पुकारा जाता है और इस बार श्रीलंका में पुजारा ने दमदार प्रदर्शन करते हुए नंबर 3 पर अपनी उपयोगिता को साबित कर दिया। उन्होंने अधिक मंशा प्रदर्शित की और जल्दी रन बनाए। रविन्द्र जडेजा
रविन्द्र जडेजा ने खुद को काफी उपयोगी खिलाड़ी के रूप में बदल लिया है विशेषकर टेस्ट क्रिकेट में बात करें तो। विराट कोहली की कप्तानी के अंतर्गत इस ऑलराउंडर ने जीवन में नया अध्याय जोड़ा है और स्टंप से स्टंप गेंदबाजी और आक्रामक बल्लेबाजी पहले ऐसी कभी नहीं रही है। वह आज दुनिया का नंबर एक बॉलर और ऑलराउंडर है और जडेजा के इस नये अवतार के पीछे कोहली का जो रोल अदा किया है उसे कम नहीं आंका जा सकता है। अपने सक्रिय कप्तान के अंतर्गत जडेजा ने 19 टेस्ट में 20.84 के औसत से 106 विकेट लिए हैं, जो कि धोनी की कप्तानी के तहत उनका औसत 30 के आसपास था। जडेजा के कोहली के अंडर में सात पर पांच विकेट लेने का कारनामा किया है वहीं धोनी के दौर में यह आंकड़ा सिर्फ दो था। केएल राहुल
लोकेश राहुल एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिसे आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ अपने प्रदर्शन के दौरान बहुत फायदा हुआ है। वह टीम बैंगलोर में शीर्ष क्रम में एक विश्वसनीय खिलाड़ी बन गये और जिसने विराट कोहली पर अपना काफी प्रभाव डाला, जो कि पहले से ही तेज साहसिक बल्लेबाजों का समर्थन करने के लिए आगे रहता है। अभी सभी मैचों में सिर्फ दो मैच ही कोहली की कप्तानी के अंतर्गत खेले हैं लेकिन इस छोटे से समय में राहुल ने टेस्ट टीम लाइनअप में शिखर धवन और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया है। राहुल के पास पहले से ही चार शतक हैं जिसमें 199 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा है। साथ ही वह दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड दौरे में मुरली विजय के ओपनिंग पार्टनर रहे हैं। लेखक- रोहित शंकर अनुवादक- सौम्या तिवारी