कोहली की कप्तानी पारी की शुरुआत में पुजारा को टीम से बाहर कर दिया गया था और इसके पीछे का कारण यह था कि वह इस खिलाड़ी से और अधिक अच्छा करने की इच्छा रहते थे। पुजारा ने कठिन परिश्रम किया और उनकी मेहनत काम आयी, एक बार फिर से उन्हें टीम में वापस बुला लिया गया। कोहली की कप्तानी के अंतर्गत पुजारा ने 62.51 की औसत से सिर्फ 23 मैचों में 2000 रन अपने नाम कर चुके हैं। जिसमें सात शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। वहीं धोनी की कप्तानी के अंतर्गत पुजारा ने तीन अतिरिक्त टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 50 से कम की औसत से रन बनाए हैं और एक शतक लगाया। पुजारा की बैटिंग स्टाइल और विकेट पर टिके रहने की क्षमता के कारण उन्हें टीम इंडिया की नई वॉल पुकारा जाता है और इस बार श्रीलंका में पुजारा ने दमदार प्रदर्शन करते हुए नंबर 3 पर अपनी उपयोगिता को साबित कर दिया। उन्होंने अधिक मंशा प्रदर्शित की और जल्दी रन बनाए।