ऐसे 5 खिलाड़ी जिनके नाम है लगातार वनडे क्रिकेट खेलने का रिकॉर्ड

RICHIE

जब 1970 के शुरुआती दशक में वनडे मैच की शुरुआत हुई थी तब सीमित ओवर के खेल को दर्शक बड़ी उत्सुकता से देखते थे। हांलाकि इस दौर में क्रिकेट वर्ल्ड कप की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन खिलाड़ियों का टेस्ट से लगाव कम नहीं हुआ था। कई क्रिकेटर अपने लंबे करियर के लिए वनडे से ख़ुद को अलग करना ज़्यादा पसंद करते थे। हांलाकि 1990 के दशक की शुरुआत में कई देशों के बीच सीरीज़ और डे-नाइट मैच काफ़ी लोकप्रिय हो गया था। वनडे मैच की तरफ़ लोगों का रुझान धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा था। खिलाड़ियों का भी लगाव वनडे की तरफ़ बढ़ता चला गया। 1990 के दशक में जिस तरह वनडे मैचों की संख्या बढ़ी उस हिसाब से कई क्रिकेटर का भी करियर उसी दौरान उभरा। कई महान खिलाड़ियों ने 90 के दशक में अपना कमाल दिखाया। यहां हम ऐसे 5 खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने सबसे लंबे वक़्त तक लगातार अपनी टीम के लिए वनडे मैच खेला है।

#5 रिची रिचर्डसन - 132 (1987-1993)

जब रिची ने साल 1983 में अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी तब वेस्टइंडीज़ टीम में विश्व के महान खिलाड़ी मौजूद थे। धीरे-धीरे कैरीबियाई टीम के सभी महान खिलाड़ियों ने संन्यास लेना शुरू किया। ऐसे में रिची ने मध्य क्रम में अपनी जगह पक्की कर ली थी। जब रिचर्डसन वेस्टइंडीज़ टीम में आए थे तो उनको विव रिचर्ड्स का उत्तराधिकारी माना जाता था, लेकिन वो इतना कमाल नहीं कर पाए जितना रिचर्ड्स ने किया था। फिर भी रिची रिचर्डसन ने टेस्ट और वनडे में कुल 12,000 रन बनाकर क्रिकेट इतिहास में अपना नाम कमाया। जनवरी 1987 से लेकर नवंबर 1993 तक वेस्टइंडीज टीम ने 132 वनडे मैच खेले हैं इन सभी मैच में रिची रिचर्डसन शामिल रहे। उस दौरान रिची ने 33.07 की औसत और 65.65 के स्ट्राइक रेट से 3704 रन बनाए, इसमें 4 शतक और 27 अर्धशतक शामिल थे। वो 1987 के वर्ल्ड कप में बतौर खिलाड़ी और 1992 के वर्ल्ड कप में बतौर कप्तान शामिल थे।

#4 शॉन पोलॉक - 133 (2000-2005)

SHAUN POLLOCK

जब शॉन पोलॉक प्रोटियाज़ टीम में शामिल हुए थे तो उन्हें कमतर आंका जा रहा था, लेकिन धीरे-धीरे वो अपनी टीम के सबसे ख़ास क्रिकेटर बन गए। वो सीम बॉलिंग के लिए मश्हूर थे और कभी-कभी निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाज़ी भी करते थे। मार्च 2000 से फ़रवरी 2005 तक पोलॉक ने दक्षिण अफ़्रीका के लिए लगातार 133 वनडे मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 174 विकेट लिए हैं, इनका गेंदबाज़ी औसत 24.51 और इकोनॉमी 3.69 रहा है। इन 5 सालों के दौरान पोलॉक से ज़्यादा बेहतर गेंदबाज़ सिर्फ़ मुथैया मुरलीधरन रहे। अच्छी गेंदबाज़ी के अलावा शॉन पोलॉक ने इस दौरान 87.16 के स्ट्राइक रेट से 1000 रन भी बनाए थे, जिसमें 4 अर्धशतक शामिल थे। साल 2003 का वर्ल्ड कप जो दक्षिण अफ़्रीका में हुआ था, उस वक़्त शॉन पोलॉक टीम के कप्तान थे। श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक मैच में डकवर्थ-लुइस नियम लगने की वजह से प्रोटियाज़ टीम विश्व कप के ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी, जिसकी वजह से पोलॉक को अपनी कप्तानी से हाथ धोना पड़ा था।

#3 हैंसी क्रोनिए - 162 (1993-2000)

HANSIE

हैंसी का नाम मैच फ़िक्सिंग में भी आया था, केप टाउन के किंग्स कमीशन में उनकी नम आंखे आज भी उनके चाहने वालों के ज़ेहन में ताज़ा हैं, जब उन्होंने अपना गुनाह कबूल किया था। फ़िक्सिंग के इल्ज़ाम से पहले वो साउथ अफ़्रीकी टीम का जान थे। 1990 के दशक में उनकी शानदार कप्तानी की बदौलत प्रोटियास टीम ने कई ऊंचाइयों को छुआ था। सितंबर 1993 से मार्च 2000 तक हैंसी ने लगातार अपनी टीम के लिए 162 वनडे मैच खेले हैं, उन्होंने इस दौरान 137 मैच में प्रोटियाज़ टीम की कप्तानी भी की है जिसमें 99 मैच में जीत हासिल हुई है। वो और लंबे वक़्त तक खेल सकते थे लेकिन मैच फ़िक्सिंग की वजह से उनका करियर ख़त्म हो गया। इन 7 साल के दौरान इस दाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने 39.27 की औसत और 76.25 के स्ट्राइक रेट से 4988 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 36 अर्धशतक शामिल थे। साल 1996 के वर्ल्ड कप के क्वॉर्टर फाइनल में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ उन्होंने एलन डॉनल्ड की जगह पैट सिमकॉक्स को प्लेइंग इलेवन में जगह दी थी जिसकी वजह से प्रोटियाज़ टीम को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। साल 1999 के वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में वो ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मैच टाई होने से रोक पाने में नाकाम रहे और फ़ाइनल तक नहीं पहुंच पाए।

#2 एंडी फ़्लावर - 172 (1992-2001)

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साल 1992 के वर्ल्ड कप में एंडी फ़्लावर ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ न्यू प्लाइमॉथ में अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद एंडी ने अप्रैल 2001 तक ज़िम्बाब्वे के किसी भी वनडे मैच मैं ग़ैर हाज़िर नहीं रहे। इस दौरान उन्होंने किसी भी तरह की चोट का सामना नहीं किया, हांलाकि वो कई मैचों में टीम के लिए विकेट कीपिंग भी करते हुए नज़र आए। जब जिम्बाब्वे वनडे क्रिकेट में एक अच्छी टीम मानी जाती थी तब एंडी फ़्लावर की बल्लेबाज़ी का ख़ौफ़ विपक्षी टीम में बना रहता था। करीब 9 साल तक वो अपने करियर के चरम पर रहे और इस दौरन उन्होंने 33.54 की औसत और 72.83 के स्ट्राइक रेट से 5267 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 44 अर्धशतक शामिल थे। बल्लेबाज़ी के अलावा उन्होंने विकेट कीपर की हैसियत से 150 शिकार किए जिसमें 120 कैच और 30 स्टंपिंग शामिल थे। हांलाकि जिम्बाब्वे की टीम 1992 और 1996 में वर्ल्ड कप में कोई कमाल नहीं कर पाई, लेकिन एंडी फ़्लावर के योगदान से जिम्बाब्वे 1999 के वर्ल्ड कप में सुपर-6 में जगह बना पाने में क़ामयाब रही थी।

#1 सचिन तेंदुलकर - 185 (1990-1998)

SACHIN TENDULKAR

इसमें कोई शक नहीं सचिन तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं। 1990 के दशक में वो विपक्षी टीम के गेंदबाज़ों को दिन में तारे दिखा देते थे। जब तक वो टीम इंडिया में रहे तब-तक बैटिंग लाइन-अप को मज़बूती देते रहे। अप्रैल 1990 से अप्रैल 1998 तक सचिन तेंदुलकर टीम इंडिया के लिए लगातार 185 वनडे मैच खेले। इसमें कोई ताज्जुब की बात नहीं कि इस 8 साल के दौरान वो सबसे ज़्यादा रन बनाने और सबसे ज़्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ रहे। इस दाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने 40.61 की औसत और 84.51 के स्ट्राइक रेट से 15 शतक और 40 अर्धशतक बनाए। इस दौरान उन्होंने कुछ यादगार पारियां खेलीं और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शारजाह में कोका कोला कप में लगातार दो शतक लगाए। इस टूर्नामेंट के फ़ाइनल में उन्होंने 131 गेंदों में 134 रन की मैच विंनिंग पारी खेली और कंगारू टीम को हार का स्वाद चखाया। सचिन के लगातर 185 वनडे खेलने का क्रम तब टूटा जब एक त्रिकोणीय सीरीज़ के पहले मैच में वो बांग्लादेश के ख़िलाफ़ मोहाली में मैच खेल पाने में नाकाम रहे। अभी भी लगातार वनडे खेलने का वर्ल्ड रिकॉर्ड मास्टर ब्लास्टर के ही नाम है। . लेखक – राम कुमार अनुवादक – शारिक़ुल होदा