टेस्ट क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता के लिए अंतिम मानक माना जाता है और निस्संदेह यह खेल का सबसे मुश्किल प्रारूप है, शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से ये एक खिलाड़ी का पूरा इम्तिहान लेता है। धैर्य और तकनीक के साथ क्रीज पर बल्लेबाजी करने और गेंदबाजी में वही जोश पूरे दिन का खेल खत्म होने तक बनाये रखना, हर किसी के बस की बात नहीं है। कई अच्छे खिलाड़ी रहे हैं जो खेल के छोटे प्रारूपों से खुद को पांच दिवसीय प्रारूप में ढालने में सफल नही रहे हैं, जबकि कुछ ऐसे हैं जिन्होंने इस प्रारूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था, जो दूसरों की तुलना में बेहतर है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी टेस्ट टीम में निरंतर रन बनाये हैं और विभिन्न कारकों जैसे फॉर्म, फिटनेस, स्वभाव से खुद की पहचान बनाई। वास्तव में, केवल 5 खिलाड़ियों ने अपनी टीमों के लिए 100 या उससे अधिक लगातार टेस्ट मैचों में भाग लिया है।
# 5 ब्रेंडन मैकुलम (न्यूज़ीलैंड) - 101 टेस्ट (2004-2016)
ब्रेंडन मैकुलम न्यूजीलैंड के महानतम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने खेल को एक आक्रामक बल्लेबाज़ के रूप में खेला और ऐसे कप्तान रहे जिन्होंने खेल को सिर्फ जीतने के लिये खेला। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी को देखते हुए, शुरू से यह माना जाता रहा कि मैकुलम केवल खेल के छोटे प्रारूपों के लिए अनुकूल थे- यही कारण रहा कि 2002 में एकदिवसीय मैचों में करियर की शुरुआत के दो साल बाद उन्हें टेस्ट टीम के लिए बुलावा आया। यह मैच हैमिल्टन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच था और मैकुलम ने अपनी पहली ही पारी में 57 रन बनाए और फिर दोबारा पीछे मुड़ कर नही देखा। मैकुलम शायद ही कभी न्यूजीलैंड की टीम से किसी भी प्रारूप में बाहर रहे हों, जिससे सबसे ज्यादा लगातार एकदिवसीय मैचों की भी सूची में वह शीर्ष 10 में शामिल हैं। टेस्ट क्रिकेट में, उनकी उपलब्धि उल्लेखनीय है क्योंकि उनके नाम टेस्ट मैचों में डेब्यू के बाद से लगातार टेस्ट मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड है। फरवरी 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास से पहले उन्होंने अपने सभी 101 टेस्ट मैच लगातार खेले।
# 4 सुनील गावस्कर (भारत) - 106 टेस्ट मैच (1975-1987)
भारत के सबसे महान टेस्ट खिलाड़ियों में से एक, सुनील गावस्कर इस सूची में चौथे स्थान पर हैंं, जिन्होंने 1975 से जनवरी और फरवरी 1987 के बीच 106 मैच खेले हैं। गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली सीरीज़ में 774 रन बनाकर एक बड़ा प्रभाव डाला साथ ही अपनी पहली ही सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। नवंबर 1974 में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान जब वह जख्मी हो गये थे, तो उन्हें टेस्ट टीम से बाहर होना पड़ा था, लेकिन उन्होंने भारत और वेस्टइंडीज सीरीज में शानदार वापसी की और अपनी सबसे पसंदीदा विपक्षी टीम के खिलाफ रोमांचक टेस्ट सीरीज के पांचवें और अंतिम मैच में 86 रन की शानदार पारी खेली। हालांकि सीरीज को मेहमानों ने 3-2 से जीत लिया। गावस्कर ने लगातार 106 टेस्टों में खेला और वह 10000 से अधिक रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी तो बने ही साथ ही अपने समय में सबसे ज्यादा 34 टेस्ट शतक के साथ करियर खत्म किया।
# 3 मार्क वॉ (ऑस्ट्रेलिया) - 107 टेस्ट (1993-2002)
मार्क वॉ ने अपने ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट करियर को मिश्रित भावनाओं के साथ उस दिन शुरू किया जब वह अपने बड़े भाई स्टीव वॉ की जगह लाइन-अप में जगह ले रहे थे, जनवरी 1991, उन्होंने एशेज के चौथे टेस्ट में एडिलेड में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली पारी में 138 रन बनाए। हालांकि वह अच्छी शुरुआत करते रहे, लेकिन मार्क वॉ उनको बड़ी पारियों में बदलने से असफल रहे। 1991-92 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उन्होंने चार टेस्ट मैचों में सिर्फ 83 रन बनाए, जिसके बाद अंतिम मैच में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। 1992 में ऑस्ट्रेलिया के श्रीलंका दौरे के दौरान वह चार लगातार मौकों पर खाता खोले बिना लौट गये। ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने हालांकि उनके खराब फार्म के बावजूद मौक़ा दिया और उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 मैचों की एक टेस्ट सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन के साथ विश्वास को सही दिखाया और 2002 में खेल से संन्यास लेने तक टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाए रखी। वह लगातार 107 टेस्ट मैचों में खेले।
# 2 एलिस्टेयर कुक (इंग्लैंड) - 146 * टेस्ट मैचों (2006-2017 *)
इंग्लैंड के एलिस्टेयर कुक अपनी टीम के लिए एक शानदार टेस्ट खिलाड़ी रहे हैं, जिसमें उनके 31 शतक शामिल हैं, उन्होंने 12,000 रन भी बनाये हैं। वह टेस्ट में एक सलामी बल्लेबाज के रूप में इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं और उन्होंने 2006 में नागपुर में भारत के खिलाफ पहली पारी में एक शतक और एक अर्धशतक बनाकर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की सबसे बेहतर संभव शुरुआत हासिल की। पेट की बीमारी ने भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के तीसरे और अंतिम मैच में वह टीम से बाहर रहे, जो कि एकमात्र ऐसा समय था जब कुक ने अपनी शानदार शुरुआत के बाद इंग्लैंड के लिए कोई टेस्ट मैच नहीं खेल पाए। स्कोरिंग में उनकी निरंतरता के चलते सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी जगह पर कभी भी संदेह नहीं रहा और उन्होंने 59 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड टेस्ट टीम की अगुवाई की, जो कि किसी अंग्रेज़ खिलाड़ी द्वारा सबसे ज्यादा किया गया है। यहां तक कि जब उन्होंने टीम की कप्तान छोड़ दी, तो भी बतौर बल्लेबाज़ उनकी जगह कभी भी खाली नही हुई और वह लगातार 146 टेस्ट मैचों को खेलने के साथ अब वह विश्व रिकॉर्ड से सिर्फ 6 मैच पीछे हैं।
# 1 एलन बॉर्डर (ऑस्ट्रेलिया) - 153 टेस्ट (1979-1994)
लगातार टेस्ट मैचों को खेलने की सूची में ऑस्ट्रेलिया के एलन बॉर्डर सबसे आगे हैं और वह लगातार 93 टेस्ट मैचों में अपनी टीम की कप्तानी का रिकॉर्ड भी रखते है। बॉर्डर ने 1978/79 एशेज सीरीज़ के दौरान तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के लिये अपने टेस्ट मैचों के करियर की शुरुआत की थी। विश्व सीरीज़ क्रिकेट के आगमन और स्टार खिलाड़ियों में कमी के चलते, ऑस्ट्रेलिया पहला दो टेस्ट हार गया और वो वापसी के लिए बेहद आतुर थे। हालांकि उनकी शुरुआत शानदार नहीं थी, लेकिन बॉर्डर ने सिडनी टेस्ट की दो पारियों में नाबाद 60 और 45 रनों का शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, पांचवें टेस्ट में विफल रहने के बाद उन्हें श्रृंखला के 6ठे और अंतिम टेस्ट के लिए टीम से बाहर कर दिया गया था। उन्हें मार्च 1979 में एमसीजी में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के लिए बुलाया गया था और बॉर्डर ने अपना पहला टेस्ट शतक बनाया और 1994 में उन्होंने संन्यास लेने तक टेस्ट टीम में अपना स्थान बनाए रखा। उन्होंने कठिन समय के दौरान ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया और एक युवा टीम के लिए प्रेरणादायक कप्तान साबित हुए जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर हावी हो गये। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेते समय टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे और उन्हें इस खेल के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। लेखक: प्रांजल मेच अनुवादक: राहुल पांडे