क्रिकेट के खेल में एक कप्तान की भूमिका अहम होती है। मैदान पर कप्तान के जरिए ही टीम के लिए सही फैसले लेने होते है। जो कप्तान टीम के लिए सही समय पर, सही फैसले लेकर टीम को जीत दिलाता है वो लंबे समय तक इस पद पर बना भी रहता है। क्रिकेट के खेल में ऐसे कम ही कप्तान देखने को मिले हैं जिन्होंने मैदान पर अपनी करिश्माई कप्तानी के सहारे सुर्खियां बटोरी हों। आइए आज हम यहां जानते हैं क्रिकेट के उन कप्तानों के बारे में जिन्होंने कप्तान के तौर पर सबसे ज्यादा मुकाबले खेले हैं: #5 एलन बोर्डर (271 मैच) ऑस्ट्रेलियाई टीम के एलन बोर्डर देश के शानदार कप्तानों में से एक माने जाते हैं। एलन बोर्डर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की बागडोर ऐसे समय में संभाली थी जब टीम काफी संघर्ष कर रही थी। साल 1985 में एलन बोर्डर को टीम की कप्तानी सौंपी गई। इसके बाद उन्होंने साल 1987 में ऑस्ट्रेलिया को विश्व चैंपियन बनाने में मदद की। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास में एलन बोर्डर एक शानदार खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने टीम की कप्तानी करते हुए 271 मुकाबले खेले हैं। इसमें से उन्होंने 139 मैच जीते हैं तो वहीं 89 मैच हारे हैं। इसके साथ ही 2 मुकाबले टाई हुए और 38 मैच ड्रॉ पर खत्म हुए। ऐलन के नाम जीत का रिकॉर्ड 51.29 फीसदी है तो वहीं जीत से हार का अनुपात 1.56 है। इसके साथ ही ऐलन अपने बड़े और खतरनाक फैसले लेकर अपने विरोधी तक को हैरानी में डाल दिया करते थे। हालांकि उनके ज्यादातर फैसले टीम के पक्ष में ही जाते। #4 ग्रीम स्मिथ (286 मैच) दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ ने अपने टीम की काफी लंबे वक्त तक कप्तानी की है। साल 2003 के विश्व कप के बाद स्मिथ को दक्षिण अफ्रीकाई क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपी गई। उस समय स्मिथ केवल 22 साल के थे। इसके साथ ही स्मिथ साउथ अफ्रीका के सबसे युवा कप्तान भी बने। स्मिथ को दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी सौंपना एक मास्टर स्ट्रोक के समान था। स्मिथ ने करीब एक दशक तक टीम की कप्तानी की और अपनी टीम को वनडे और टेस्ट में टॉप रैंकिंग में ले जाने में अहम भूमिका अदा की। स्मिथ एक शानदार खिलाड़ी होने के साथ ही एक शानदार कप्तान भी थे। अपनी कप्तानी में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए 286 मैच खेले। इन मैचों में उन्होंने 163 में जीत हासिल की तो वहीं 89 में हार का मुंह देखने पड़ा। इसके अलावा 1 मैच टाई रहा और 27 मैच ड्रॉ हुए। अपनी कप्तानी के दौरान स्मिथ का जीत का प्रतिशत 56.99 रहा और वहीं जीत से हार का अनुपात 1.83 रहा। #3 स्टीफन फ्लेमिंग (303 मैच) स्टीफन फ्लेमिंग ने न्यूजीलैंड टीम की 303 मैचों में कप्तानी की है। इस लिस्ट में स्टीफन फ्लेमिंग ही एक मात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने अपनी कप्तानी में जीत की बजाय काफी मुकाबले हारे हैं। कप्तान के तौर पर स्टीफन फ्लेमिंग ने 128 मैच जीते तो 135 मुकाबले हारे हैं। इसके साथ ही 2 मैच टाई और 25 मैच ड्रॉ खेले हैं। उनका जीत का प्रतिशत 42.24 रहा है। इसके अलावा जीत से हार का अनुपात 0.94 था। #2 रिकी पोटिंग (324 मैच) दुनिया के महान कप्तानों में ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग की जगह काफी अलग है। अपनी कप्तानी में रिकी पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को काफी बुलंदियों तक पहुंचा दिया था। रिकी पोटिंग ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 324 मुकाबलों में कप्तानी की। इनमें से टीम ने उनकी कप्तानी में 220 मैचों में जीत हासिल की तो वहीं 77 मुकाबले में ही टीम को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया को 2 मैच में टाई और 13 मैचों में ड्रॉ खेलना पड़ा। रिकी पोटिंग का जीत का प्रतिशत 67.90 रहा है जबिक जीत से हार का अनुपात 2.85 रहा। रिकी पोटिंग ऑस्ट्रेलिया के महान कप्तानों में गिने जाते हैं। रिकी पोटिंग की कप्तानी में ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दो बार विश्व कप का खिताब हासिल करने में भी कामयाबी हासिल की थी। विश्व कप में रिकी पोटिंग ने 26 मुकाबलों में ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपराजित रखा। वहीं आंकड़ो के लिहाज से रिकी पोटिंग से सर्वश्रेष्ठ कोई दूसरा कप्तान क्रिकेट इतिहास में फिलहाल नहीं है। एक बेहतर कप्तान के साथ रिकी पोटिंग एक शानदार बल्लेबाज भी थे। रिकी पोटिंग सबसे ज्यादा रन स्कोर करने के मामले में दुनिया के तीसरे नंबर के बल्लेबाज हैं। #1 महेंद्र सिंह धोनी (331 मैच) महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा नाम है, जिसने भारतीय क्रिकेट टीम की डूबती नैय्या को अपना सहारा दिया था। अपने अचम्भित कर देने वाले फैसलों से धोनी ने कप्तानी के क्षेत्र में काफी शोहरत हासिल की है। इसके साथ ही महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी में सब कुछ हासिल किया है। धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2007 का पहला विश्व कप ही अपने नाम कर लिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने साल 2011 का विश्व कप भी धोनी की कप्तानी में ही जीता। साल 2013 में टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी की चैंपियन भी धोनी की कप्तानी में ही बनी। इसके अलावा भारत ने टेस्ट में नंबर एक रैंक भी धोनी की कप्तानी में ही हासिल किया। धोनी ने अपनी कप्तानी में 331 खेले। इनमें से उन्होंने 178 मुकाबले जीते तो वहीं 120 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा पांच मैच टाई रहे तो वहीं 15 मैच ड्रॉ पर खत्म हुए। टीम इंडिया के कैप्टन कूल का जीत का प्रतिशत 53.77 रहा तो वहीं जीत से हार का रेशियो 1.48 का रहा। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में औसत कप्तानी के कारण आंकड़ो में धोनी का प्रदर्शन बेहतर नहीं है लेकिन एकदिवसीय क्रिकेट के आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि धोनी से बेस्ट कप्तान भी कोई नहीं रहा। लेखक: ईशान सल्होत्रा अनुवादक: हिमांशु कोठारी