भारत में चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करना हमेशा से एक चुनौती रहा है। चौथी पारी में 200 का स्कोर भी भारतीय परिस्थितियों में काफी मुश्किल माना जाता है और टीमें इसलिए पहले बल्लेबाजी करना पसंद करती हैं।
आमतौर पर भारतीय पिचों पर चौथी पारी में स्पिनरों को मदद मिलने लगती है और इसी वजह से रन चेज करना काफी मुश्किल हो जाता है। फिर भी भारत में भी कई बार टीमों ने मुश्किल लक्ष्य के सामने घुटने नहीं टेके और जीत हासिल की। आइये नज़र डालते हैं भारतीय सरजमीं पर ऐसे ही टॉप 5 चेज़ पर।
भारतीय सरजमीं पर टेस्ट में 5 बेहतरीन रन चेज
5. भारत vs न्यूजीलैंड, बैंगलोर, 2012
साल 2012 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी | हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत ने न्यूुजीलैंड को एक पारी और 115 रनों से बुरी तरह से हरा दिया, लेकिन बैंगलोर में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में कीवियों ने भारत को 262 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर ने अच्छी शुरुआत दिलाई। इन दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए शानदार 77 रनों की साझेदारी की।
हालांकि अच्छी पार्टनरशिप के बाद दोनों सलामी बल्लेबाज जल्द आउट हो गए और भारत का स्कोर 2 विकेट पर 83 रन हो गया। इसके बाद मास्टर ब्लास्ट सचिन तेंदुलकर और चेतेश्वर पुजारा ने तीसरे विकेट के लिए 69 रनों की साझेदारी कर टीम को संकट से निकाल लिया। हालांकि न्यूजीलैंड ने शानदार वापसी करते हए महज 14 गेंद के भीतर सचिन तेंदुलकर, चेतेश्वर पुजारा और सुरेश रैना के विकेट चटका दिए , जिससे भारतीय टीम प्रेशर में आ गई।
यहां से एम एस धोनी और विराट कोहली ने मोर्चा संभाला और तेजी से रन जोड़े। दोनों ने 96 रनों की अविजित साझेदारी कर टीम को 5 विकेट से जीत दिलाई और इस तरह से सीरीज 2-0 से भारत के नाम रही।
4.भारत vs वेस्टइंडीज, दिल्ली, 2011
भारत और वेस्टइंडीज के बीच 2011 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच खेला गया। शिवनारायण चंद्रपाल के शानदार शतक की मदद से वेस्टइंडीज ने अपनी पहली पारी में 304 रन बनाए। जवाब में पूरी भारतीय टीम 209 रनों पर धराशायी हो गई। हालांकि भारत ने शानदार बॉलिंग का प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज को दूसरी पारी में महज 180 रनों पर ढेर कर दिया।
भारत को जीत के लिए 276 रनों का लक्ष्य मिला। सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने 55 रनों की इनिंग खेलकर भारत के लिए जीत की नींव रख दी। गौतम गंभीर और राहुल द्रविड़ ने भी उपयोगी पारियां खेली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 148 गेंदों पर 76 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत के थोड़ा करीब पहुंचाया। सचिन के आउट होने के बाद वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण ने 58 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत के अंजाम तक पहुंचाया।
3.वेस्टइंडीज vs भारत, दिल्ली, 1987
1987/88 में वेस्टइंडीज की टीम 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत आई। दिल्ली में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और पूरी टीम मात्र 75 रनों पर ऑलआउट हो गई। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज को पहली पारी में 127 रनों पर समेट कर भारत को मैच में वापस ला दिया।
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार खेल दिखाया, और दिलीप वेंगसरकर के शानदार शतक की मदद से 327 रन बनाए। इस तरह वेस्टइंडीज को जीत के लिए 276 रनों का टार्गेट मिला। लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की शुरुआत बेहद खराब रही और उन्होंने मात्र 114 रनों पर 4 विकेट गंवा दिए। भारतीय स्पिनर अरशद अयूब ने ग्राडन ग्रीनिज, डेसमंड हेंस और विंस्टन डेविस के विकेट निकालकर मैच पर भारत की पकड़ मजबूत कर दी। लेकिन यहीं से बाजी पलट गई और महान बल्लेबाज विव रिचर्ड्स ने 111 गेंदों पर 109 रनों की नाबाद पारी खेलकर वेस्टइंडीज को 5 विकेट से जीत दिला दी।
2.भारत vs ऑस्ट्रेलिया, मद्रास, 1986
साल 1986 में भारतीय-ऑस्ट्रेलिया के बीच मद्रास (अब चेन्नई) में खेला गया पहला टेस्ट मैच सबसे रोमांचक मैच था। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 574 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। डीन जोंस ने शानदार दोहरा शतक जड़ा। जवाब में भारतीय टीम ने कपिल देव के 119 रनों की बदौलत 397 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 5 विकेट पर 170 रन बनाकर घोषित कर दी और इस तरह से भारत को जीत के लिए 347 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य मिला। महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए 90 रनों की शानदार पारी खेली। मोहिंदर अमरनाथ, मोहम्मद अजहरूद्दीन और चंद्रकांत पंडित ने भी उपयोगी पारियां खेली। मध्यक्रम में रवि शास्त्री ने नाबाद 48 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत के मुहाने पर ला खड़ा किया, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जो इतिहास के पन्नों में अमर हो गया।
भारत को जीत के लिए महज 1 रनों की दरकार थी और आखिरी जोड़ी क्रीज पर थी। रवि शास्त्री दूसरे छोड़ पर खड़े थे और स्ट्राइक थी मनिंदर सिंह के पास, लेकिन मनिंदर सिंह बिना खाता खोले आउट हो गए और इस तरह से ये टेस्ट मैच टाई हो गया।
1.भारत vs इंग्लैंड, चेन्नई, 2008
शायद ये भारत के सबसे बेहतरीन रन चेज में से एक था। साल था 2008 और इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर थी। पहले टेस्ट मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए इंग्लिश टीम ने 316 रन बनाए। एंड्रयू स्ट्रॉस ने 123 रनों की बेहतरीन पारी खेली। जवाब में भारतीय टीम 241 रनों पर ही सिमट गई और इंग्लैंड को 75 रनों की लीड मिली।
दूसरी पारी में भी एंड्रयू स्ट्रॉस ने शतक लगाया और इस तरह से भारत को 387 रनों का टार्गेट मिला। लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन के आखिरी सेशन में सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने आतिशी पारी खेल भारतीय टीम के इरादे जाहिर कर दिए। सहवाग ने 68 गेंदों पर 83 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेल भारत के लिए प्लेटफॉर्म तैयार कर दिया।
मैच के आखिरी दिन विश्व के दो बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बैट्समैन राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण आउट होकर पवेलियन में थे और भारत का स्कोर था 224 पर 4। भारत मुश्किल में था, लेकिन यहीं से मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह ने मोर्चा संभाला और 169 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत दिला दी। सचिन तेंदुलकर ने 103 रनों की शतकीय पारी खेली तो वहीं युवराज सिंह ने 85 रन बनाए।