क्रिकेट मैच में इससे रोमांचक समय और कोई नहीं होता जब आप अपनी पसंदीदा टीम को विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए देखें। खिलाड़ी की चिंता, प्रशंसकों की दुआएं और स्टेडियम में फैली चिंता क्रिकेट के खेल को खूबसूरत बनाती है। विश्व क्रिकेट में इससे बेहतर भावना और कुछ नहीं होती कि एक टीम और समर्थक बल्लेबाज को विजयी रन बनाते देखे जो उस समय क्रीज पर मौजूद हो। मेहमान टीम का सफलतापूर्वक लक्ष्य का पीछा करना टीम के लिए बड़ी उपलब्धि माना जाता है और खिलाड़ी के लिए भी यह गौरवपूर्ण क्षण होता है। भारत का इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर 2002 में नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में लक्ष्य का सफल पीछा करना हमेशा खिलाड़ियों और प्रशंसकों के जेहन में जिंदा रहेगा। हालांकि दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली मेहमान टीम का अनुभव श्रीलंका में अच्छा नहीं रहा है। पाकिस्तान और भारत ऐसी दो टीमें हैं जिन्होंने श्रीलंका में लक्ष्य का पीछा करने में सफलता पाई है। इन तीन टीमों (भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका) के बीच कोलंबो, पल्लेकेले और हमबंतोता में कई रोमांचक मैच खेले जा चुके हैं। इस लेख में हम मेहमान टीम द्वारा शीर्ष 5 लक्ष्य का पीछा करने के बारे में देखेंगे। इस सूची में एक टेस्ट, दो वन-डे और दो टी20 शामिल है : #1) पाकिस्तान का श्रीलंका दौरा, पल्लेकेले में तीसरा टेस्ट 3-7 जुलाई 2015 के बीच खेला गया ऐतिहासिक मैच में यूनिस खान ने पाकिस्तान को श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में विशाल लक्ष्य का सफल पीछा कराकर रिकॉर्ड जीत दिलाई। यह अतुल्नीय जीत एशियाई टीम द्वारा सर्वाधिक लक्ष्य का सफल पीछा करने के मामले में दूसरे स्थान पर रही जबकि विश्व स्तर पर छठी सर्वश्रेष्ठ थी। इस जीत के साथ ही पाकिस्तान आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचा था क्योंकि वह सीरीज 2-1 जीता था। 350 से अधिक रन का सफल पीछा करने के मामले में यह टेस्ट इतिहास की संयुक्त रूप से सबसे बड़ी जीत थी। टॉस जीतकर पाक ने फील्डिंग का फैसला किया। मेहमान टीम ने श्रीलंका को 278 रन पर ऑलआउट किया। जवाब में पाकिस्तान की पहली पारी 215 पर सिमटी। श्रीलंका ने दूसरी पारी में कप्तान एंजेलो मैथ्यूज के शतक के दम पर 313 रन बनाकर पाक को 377 रन का टारगेट दिया। मेहमान टीम के दो विकेट सस्ते में आउट हो गए थे, श्रीलंका जीत की तैयारी में जुट गया जबकि पाक की योजना कुछ और ही थी। शान मसूद और यूनिस खान ने चौथे विकेट के लिए 242 रन की साझेदारी करके पाकिस्तान को जीत के करीब पहुंचा दिया। दोनों ही बल्लेबाजों ने शतक जमाए थे। मसूद के आउट होने के बाद मिस्बाह उल हक आए। यूनिस के साथ मिस्बाह ने श्रीलंकाई गेंदबाजों की जमकर खबर ली और छक्का जमाकर इतिहास रच दिया। परिणाम : पाकिस्तान 215 और 380/3 ने श्रीलंका 278 व 313 को सात विकेट से हराया #2) भारत का श्रीलंका दौरा, कोलंबो में 28 जुलाई 2012 को तीसरा वन-डे मैच सुरेश रैना और इरफान पठान के दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने श्रीलंका को हराया जो श्रीलंका में मेहमान टीम द्वारा अभी भी लक्ष्य का सफल पीछा करने के मामले में शीर्ष पर है। श्रीलंका ने इस मैच से पहले घर में 28 मैच नहीं हारे थे, जिसमें उसने 250 से अधिक का स्कोर बनाया हो। यह जीत हालांकि भारत के लिए लाभदायक रही और उसने अगले दो मुकाबले पांच मैचों की सीरीज 4-1 से अपने नाम की थी। श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और 50 ओवर में 286 रन का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य भारत को दिया। जवाब में भारत गौतम गंभीर के शतक की बदौलत 35वें ओवर तक सुखद स्थिति में था। मगर श्रीलंका ने लगातार दो गेंदों पर दो विकेट चटकाकर मैच में वापसी की। भारत को 12 ओवर में 91 रन की दरकार थी तब इरफान पठान और सुरेश रैना क्रीज पर थे। दोनों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को दो गेंद शेष रहते पांच विकेट की जीत दिला दी। परिणाम : भारत 288/5 ने श्रीलंका 286/5 को पांच विकेट से हराया। #3) पाकिस्तान का श्रीलंका दौरा, 23 अगस्त 2014 को पहला वन-डे यह मुकाबला वर्षा से प्रभावित चल रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने फवाद आलम और सोहेल मकसूद की शानदार प्रदर्शन से मैच जीत लिया। श्रीलंका में मेहमान टीम द्वारा लक्ष्य का पीछा करने के मामले में यह दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा और 45 ओवर में यह स्कोर हासिल करना बड़ी उपलब्धि रहा। बारिश के कारण 45 ओवर के मैच में मिस्बाह उल हक ने टॉस जीतकर फील्डिंग करने का फैसला किया। श्रीलंका ने लड़खड़ाते हुए भी 45 ओवर में 275 रन बनाए। दूसरी पारी में अहमद शहजाद के अलावा शीर्ष बल्लेबाज प्रभावित करने में असफल रहे। पाकिस्तान एक समय हार की कगार पर था। टीम को 7 रन प्रति ओवर बनाने की जरुरत थी जब शोएब मकसूद और फवाद आलम क्रीज पर थे। दोनों ने समझदारी से बल्लेबाजी की और सांस थाम देने वाले मुकाबले में एक गेंद शेष रहते पाकिस्तान को जीत दिलाई। परिणाम : पाकिस्तान 277/6 ने श्रीलंका 275/7 को डकवर्थ लुईस पद्धति से चार विकेट से हराया #4) पाकिस्तान का श्रीलंका दौरा, 1 अगस्त 2015 को कोलंबो में दूसरा अंतरराष्ट्रीय टी20 ऐसा लगता है कि पाकिस्तान को श्रीलंका के खिलाफ शानदार जीत दर्ज करने की आदत सी हो चुकी है। इस मैच में पाक के 9वें क्रम के बल्लेबाज अनवर अली चमके। उन्होंने पाकिस्तान को हार के मुंह से बाहर निकालकर जीत दिलाई। यह जीत श्रीलंका में मेहमान टीम द्वारा टी20 में सर्वाधिक लक्ष्य का पीछा करने के मामले में शीर्ष पर है। अनवर अली ने 9वें क्रम पर 46 रन की पारी खेली जो इस प्रारूप में अब तक सर्वश्रेष्ठ है। टॉस जीतकर श्रीलंका ने बल्लेबाजी का फैसला किया। मेजबान टीम की गैरअनुभवी टीम ने 20 ओवर में 172 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान ने 40 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे, लेकिन अफरीदी ने 22 गेंदों में 45 रन बनाकर टीम को संकट से उबारा। अफरीदी के आउट होने के बाद श्रीलंका की मैच पर पकड़ मजबूत थी। पाक को 35 गेंद पर 66 रन की दरकार थी, जबकि उसके तीन बल्लेबाज शेष थे। अली ने तब 17 गेंदों में 46 रन की तूफानी पारी खेलकर मेजबान टीम को हैरान कर दिया। मैच रोमांचक हो गया जब मलिंगा ने 19वें ओवर में दो विकेट ले लिए, हालांकि पाक जीत दर्ज करने में कामयाब हो गया। परिणाम : पाकिस्तान 174/9 ने श्रीलंका को 172/7 को एक विकेट से हराया। #5) भारत का श्रीलंका दौरा, 10 फरवरी 2009 को एकमात्र अंतरराष्ट्रीय टी20 इरफान पठान ने अपने भाई युसूफ पठान के साथ मिलकर भारत को श्रीलंका पर यादगार जीत दिलाई थी। भारत एक समय हार की कगार पर था, लेकिन पठान बंधुओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को तीन विकेट की रोमांचक जीत दिलाई। श्रीलंका ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया और 20 ओवर में 172 रन बनाए। भारत ने जल्द ही दो विकेट गंवा दिए। युवराज सिंह और सुरेश रैना ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, लेकिन श्रीलंकाई स्पिनरों के सामने भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों के जैसे बिखर गई। मेहमान टीम ने 34 रन के भीतर पांच विकेट गंवा दिए। भारत 115/7 संकट में था और उसे 27 गेंदों में 59 रन की जरुरत थी तब इरफान को अपने बड़े भाई युसूफ पठान का क्रीज पर साथ मिला। दोनों बल्लेबाजों ने अंतिम समय में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को चार गेंद शेष रहते मैच जिता दिया। युसूफ पठान को मैच में ऑलराउंडर प्रदर्शन करने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। परिणाम : भारत 174/7 ने श्रीलंका को 171/4 को तीन विकेट से हराया।