कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी साल 2007 और साल 2011 के बीच वनडे मुकाबलों में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में टॉप पर रहे। इस दौरान किसी भी खिलाड़ी ने कैप्टन कूल माही से ज्यादा अर्धशतक नहीं बनाए। 2007 के टी-20 विश्व कप से लेकर साल 2011 तक धोनी ने कई बुलंदियों को अपने नाम किया। अपनी कप्तानी में भारत के नाम दोनों विश्व कप कर देना किसी सपने के सच होने जैसा ही था, जो कि माही ने अपनी कप्तानी में कर दिखाया था। 2007-2011 के बीच धोनी का बल्ला भी खूब बोला। 2011 के विश्व कप फाइनल में धोनी के बल्ले से निकला आखिरी छक्का भी बच्चे-बच्चे को आज भी याद है, जब धोनी के बल्ले से निकले छक्के ने भारतीय क्रिकेट इतिहास के 28 सालों के सूखे को खत्म किया था और भारत को क्रिकेट में फिर से विश्व विजेता बनाया था। इस अवधि में धोनी ने किसी भी दूसरे खिलाड़ी से ज्यादा वनडे मैच खेले। इस दौरान धोनी ने 100 से भी ज्यादा वनडे मुकाबले में अपना दमखम दिखाया। अपने 108 वनडे में, धोनी ने 51.6 के औसत से 3,821 रन बनाए। इस दौरान उनकी 85 की स्ट्राइक रेट रही, साथ ही धोनी ने 5 शतक बनाए। इसके अलावा सबसे खास, धोनी ने 2011 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में नाबाद पारी खेलकर टीम इंडिया की झोली में विश्व कप डाल दिया।