1998 में शारजाह में कोका-कोला कप के फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को जीत या फिर बहुत ही करीबी हार की जरुरत थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए माइकल बेवन के दमदार शतक की बदौलत 284 रन का विशाल स्कोर बनाया। भारत की स्थिति सुखद नहीं थी, लेकिन सचिन उनके बचाव में उतरे। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। एक जोरदार बवंडर ने कुछ देर खेल रोका और फिर भारत को फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए 46 ओवर में 236 रन बनाने की दरकार थी। 'लिटल मास्टर' ने पहली गेंद पर एक दमदार शॉट खेला जो प्यार से 'डेजर्ट स्टॉर्म' शॉट के नाम पर जाना जाता है। सचिन ने 131 गेंदों पर 9 चौके और 5 छक्कों की बदौलत 143 रन बनाए। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर जमकर प्रहार किए। भारत 242 रन बनाकर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुका था। भारत इस मैच में जीत तो नहीं सका लेकिन फाइनल में जरुर प्रवेश कर लिया। यह सचिन की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन पारियों में से एक है। महान बल्लेबाज ने अकेले के दम पर ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों से लोहा लिया।