यह पारी तेंदुलकर के बल्ले से सीरीज के निर्णायक मैच में निकली थी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की। भारत का गेंदबाजी विभाग बहुत ही पस्त नजर आया और मेहमान टीम ने 350 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। भारत की पूरी उम्मीद सचिन पर टिकी थी और महान बल्लेबाज ने निराश भी नहीं किया। तेंदुलकर ने मैदान के चारों कोनों में दमदार शॉट घुमाकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। सचिन 141 गेंदों में 19 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 175 रन बनाकर आउट हुए। जब सचिन आउट हुए तब भारत को 19 रन की दरकार थी। मगर भारत का निचला क्रम बुरी तरह फ्लॉप रहा और टीम 4 रन से मैच हार गई। हालांकि यह मैच सचिन की शानदार पारियों में से एक के लिए आज भी प्रशंसकों के जेहन में ताजा है।