कोका कोला कप के फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के सामने 273 रन का मुश्किल लक्ष्य हासिल करना था। एक फाइनल में वो भी उस युग में जब 250 रन का स्कोर भी हासिल करना बड़ी उपलब्धि माना जाता था, प्रशंसक आश्चर्य में पड़ गए। सचिन तेंदुलकर की योजना कुछ अलग ही थी। वह सौरव गांगुली के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए मैदान में आए। इस मैच में सचिन ने शेन वॉर्न की जमकर धुनाई की। वॉर्न का विश्लेषण 10 ओवर में 61 रन देना था। कास्प्रोविच और डेमियन फ्लेमिंग भी सचिन के प्रहारों का शिकार बने। सचिन ने 131 गेंदों में 134 रन बनाए और भारत को जीत के बेहद करीब पहुंचा गए। यह पारी इन मायनो में खास मानी जाती है कि छोटे कद के बल्लेबाज ने भारत को अपने दम पर जीत दिलाई। यह पारी क्रिकेट के इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गई।