2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना एकदिवसीय करियर शुरू करने के बाद शिखर धवन एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। 2013 में एक प्रकार के पुनर्जन्म के बाद वह 50 ओवर के प्रारूप में दिन ब दिन मजबूत होते गये हैं और खुद को भारत के लिए एक प्रमुख बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया। यहां तक कि स्पिनरों और कप्तान विराट कोहली के शानदार फार्म ने दक्षिण अफ्रीका में सभी का ध्यान आकर्षित किया है, वहीं धवन ने शीर्ष क्रम में अपना योगदान काफी हद तक शांति से दिया है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 6 मैचों की श्रृंखला में बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने शानदार बल्लेबाज़ी की है। इस प्रकार अब तक उन्होंने 102 एकदिवसीय मैच खेले हैं और 45.90 के एक शानदार औसत और 93.44 की स्ट्राइक रेट से से 4361 रन बनाए और उनके नाम 13 शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं। यहाँ हम धवन के बेहतरीन एकदिवसीय कैरियर में उनकी सर्वश्रेष्ठ पांच पारियों पर नजर डाल रहे हैं। यहाँ केवल उन्ही पारियों को शामिल किया गया है, जो टीम की जीत में आयी थी।
# 5 नाबाद 97 रन (81) इंग्लैंड के एजबस्टन में, 2014
2-0 की बढ़त के साथ भारतीय टीम ने 2014 की गर्मियों में इंग्लैंड के खिलाफ अपने द्विपक्षीय एकदिवसीय सीरीज़ के चौथे मैच के लिए एजबस्टन की ओर रुख किया। भुवनेश्वर कुमार के दोहरे झटकों ने मेजबान को एक ऐसी स्थिति में ला दिया जहां से वे पूरे मैच में उभर नही पाए। आखिरकार, भारत ने इंग्लैंड को कुल 206 रन के स्कोर पर निपटा दिया था। अपेक्षाकृत आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए, धवन ने अस्थायी सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। जेम्स एंडरसन पर हमला करते हुए उन्होंने टीम की जीत के लिये एक शानदार मंच तैयार कर दिया। जहाँ एक ओर उनके साथी बल्लेबाज तीन अंको के आंकड़े तक पहुँच गये, वही बाएं हाथ का यह बल्लेबाज सिर्फ 81 गेंदों पर 97 रन बना नाबाद रहा। धवन की इस पारी में 11 चौके और 4 छक्के शामिल थे, जिसने भारत को मैच और श्रृंखला जीताने में मदद की।
# 4 नाबाद 132 (90) दांबुला में 2017 में श्रीलंका के खिलाफ
टेस्ट सीरीज में श्रीलंकाई टीम का 3-0 से सफाया करने के बाद जब 50 ओवेरों का मुकाबला शुरू हुआ तो भारत अपने प्रभुत्व को कायम रखने के लिए उत्सुक था। 139/1 से उनकी अनुशासित गेंदबाजी इकाई ने दांबुला इंटरनेशनल स्टेडियम में एकदिवसीय श्रृंखला के उद्घाटन मुकाबले के दौरान मेजबान टीम को 216 रनों के पार आउट कर दिया। जब रोहित शर्मा आउट हुए तो भी लक्ष्य का पीछा उतना मुश्किल नहीं लग रहा था। हालांकि, धवन ने अपनी पारी जारी रखी और उन्होंने श्रीलंका के गेंदबाजों को मैदान के सभी हिस्सों में खदेड़ा। उन्होंने 20 से ज्यादा चौके और 3 छक्के लगाए, उनकी नाबाद 132 रन की पारी सिर्फ 90 गेंदों पर आयी। साथ ही साथ टीम के कप्तान विराट कोहली ने 82 रन बनाकर यह सुनिश्चित किया कि भारत 9 विकेट और 127 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर ले।
# 3 100 रन (102) नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, 2013
श्रृंखला निर्णायक मैच तक ले जाने के लिए भारतीय टीम को जीत की ज़रूरत थी और मेजबान और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2013 की द्विपक्षीय श्रृंखला के दौरान नागपुर के वीसीए स्टेडियम में एक रोमांचक मैच के लिये मंच तैयार था। पिछले मैचों की तरह छठा मैच भी एक बल्लेबाजी के लिये आसान विकेट पर खेला गया। पहले गेंदबाजी करने का चुनाव करने पर भारत के सामने 351 रन के लक्ष्य पीछा करने की चुनौती थी। रोहित शर्मा और शिखर धवन की सलामी जोड़ी ने 'मेन इन ब्लू' के लिए एक मजबूत मंच की स्थापना की। नियमित आधार पर गेंदे सीमा रेखा के पार पहुँचाने के अलावा, उन्होंने अच्छी तरह से पारी को आगे बढाया और सुनिश्चित किया कि आवश्यक रन-रेट को पहुंच में रखा जाए। रोहित 79 रन बनाने के बाद आउट हो गये जबकि धवन ने शतक बनाया। बायें हाथ के बल्लेबाज़ ने 102-बॉल पर 100 रन बनाये जिनमें 11 चौके शामिल थे। 178 रन की सलामी साझेदारी ने विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों पर खुल कर प्रहार करने का मौका दिया।
# 2 114 रन कार्डिफ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी
2013 चैंपियंस ट्रॉफी के कुछ महीनों पहले टेस्ट क्रिकेट में अपने लाज़वाब पदार्पण के बाद, जब भारत ने कार्डिफ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना चैंपियंस ट्रॉफी अभियान शुरू किया तो बहुत धवन से बहुत उम्मीद थी। दक्षिण अफ्रीका ने लक्ष्य का पीछा करने का फैसला किया, और सारा ध्यान रोहित और धवन की नयी सलामी बल्लेबाजी जोड़ी पर आ गया। एक-दूसरे के खेल की गहरी समझ रखते हुए, दोनो सलामी बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। हालाँकि रोहित पारी की शुरुआत में सतर्क थे , लेकिन धवन ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों पर प्रहार करने में बहुत ज्यादा समय नहीं लिया। अपने शुरुआती साथी को खोने के बाद, बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कोहली के साथ भारत की रन गति को जारी रखा। उन्होंने 94 गेंद पर 114 रन बनाये, जिसमें 12 चौके और एक छक्का शामिल था। जिसके चलते 'मेन इन ब्लू' 331 रनों के विशाल स्कोर तक पहुंच गये। इसके बाद जो भी हुआ आज इतिहास का एक हिस्सा है।
# 1 137 (146) मेलबोर्न में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, 2015 विश्व कप
1992 से 2011 के बीच अपने पिछले तीन प्रयासों में भारत विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका को हरा नहीं पाया था। मगर यह इतिहास 2015 के संस्करण में परिवर्तित होने जा रहा था। भारत ने कप्तान एमएस धोनी की अगुवाई में प्रतिष्ठित मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में सितारों से सजी दक्षिण अफ्रीका की एक टीम के खिलाफ मुकाबला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने एक ख़राब शुरूआत की, क्योंकि रोहित और धवन के बीच गलतफ़हमी के कारण मैच के तीसरे ओवर में रोहित रन आउट हो गए। कोहली जो कि अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे, भारतीय पारी को सँभालने मैदान पर आये। शानदार ढंग से शॉट खेलते हुए धवन ने दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों पर हमला कर दिया, उन्होंने बड़े अवसरों पर खेलने की अपनी योग्यता दिखाई और एक मैच जिताऊ पारी खेली। बायें हाथ के इस गेंदबाज़ ने 146-गेंद पर 137 रन बनाये, जिसमें 16 चौके और 2 छक्के शामिल थे। इस प्रकार उन्होंने भारत को 307 रन के स्कोर पर पहुँचाया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने एक इकाई के तौर पर गेंदबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका को 177 रनों पर समेट दिया और इस प्रकार भारत ने एक यादगार जीत हासिल कर ली। लेखक: राम कुमार अनुवादक: राहुल पांडे